Wednesday, April 24, 2024
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पैगंबर पर कार्टून प्रतियोगिता और कुरान पर लगे प्रतिबंध – जिस सांसद की यह चाहत, वो नूपुर शर्मा के साथ खड़ा

“तुष्टिकरण कभी काम नहीं करता। यह केवल चीजों को और खराब करेगा। इसलिए भारत के मेरे प्यारे दोस्तों, इस्लामिक देशों से डरो मत। आजादी के लिए खड़े हों और अपने राजनेता नूपुर शर्मा का बचाव करने में गर्व और दृढ़ रहें जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद के बारे में सच बोला था।"

इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ अक्सर अपने देश में कड़ा रुख अख्तियार करने वाले डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स (Geert Wilders) ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में बात की है। वाइल्डर्स ने एक सीरीज में कई ट्वीट्स करते हुए कहा कि पैगंबर मुहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा का बयान एक तथ्य है न कि कुछ झूठे आरोप।

“यह हास्यास्पद है कि अरब और इस्लामी देश भारतीय राजनेता नुपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद के बारे में बोले गए सच से नाराज हैं, जिन्होंने वास्तव में आयशा से जब वह 6 साल की थी तब शादी की थी और जब वह 9 साल की थी तब शादी का उपभोग किया था। भारत माफी क्यों माँगता है?”

एक अन्य ट्वीट में, वाइल्डर्स ने कहा, “तुष्टिकरण कभी काम नहीं करता। यह केवल चीजों को और खराब करेगा। इसलिए भारत के मेरे प्यारे दोस्तों, इस्लामिक देशों से डरो मत। आजादी के लिए खड़े हों और अपने राजनेता नूपुर शर्मा का बचाव करने में गर्व और दृढ़ रहें जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद के बारे में सच बोला था।”

वाइल्डर्स ने एक पाकिस्तानी मुस्लिम व्यक्ति द्वारा धमकी भरे मैसेज का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसने उन्हें मारने और ‘अमेरिका और यूरोपीय संघ को नष्ट करने’ की धमकी दी थी। वाइल्डर्स ने कहा कि उन्हें पाकिस्तानी और तुर्की मुस्लिमों से हर दिन ऐसी मौत की धमकी मिलती है जो ‘तथाकथित पैगंबर मुहम्मद’ के नाम पर मारना चाहते हैं और वह कभी भी सच बोलना बंद नहीं करेंगे।

गौरतलब है कि पैगंबर मुहम्मद के जीवन के बारे में नूपुर शर्मा के बयान को ‘ईशनिंदा’ और कई इस्लामी नेताओं द्वारा पैगंबर का अपमान माना गया था, जब ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर ने इसके खिलाफ अफवाह उड़ाते हुए लोगों को उकसाया था। उसका ऑनलाइन कैम्पेन और सोशल मीडिया टार्गेटिंग एक विवाद में परिणत हुआ और अंततः, खाड़ी के इस्लामी राष्ट्रों ने बयान की निंदा करना शुरू कर दिया। तब भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बयान उनका अपना था और सरकार का इसमें कोई हिस्सा नहीं है। वहीं इस विवाद के बाद शर्मा को भाजपा से निलंबित कर दिया गया है।

गीर्ट वाइल्डर्स और इस्लामी कट्टरवाद के खिलाफ उनका रुख

गीर्ट वाइल्डर्स लंबे समय से अपने देश में इस्लामी कट्टरवाद और कट्टरपंथियों के खिलाफ मुखर रहे हैं। एक सांसद के रूप में वह मॉस माइग्रेशन के भी विरोधी रहे हैं और संसद के अंदर कहा था कि बड़े पैमाने पर प्रवास (माइग्रेशन) के माध्यम से, सरकार “इस्लाम नामक एक मॉन्स्टर को देश में निमंत्रण दे रही है”।

एक साक्षात्कार में, वाइल्डर्स ने पहले भी कहा था, “मैं मुस्लिमों से नफरत नहीं करता, मैं इस्लाम से नफरत करता हूँ।” उन्होंने उसी साक्षात्कार में कहा, “इस्लाम कोई धर्म नहीं है, यह एक विचारधारा है, एक मंद संस्कृति की विचारधारा है।” जून 2018 में, वाइल्डर्स ने अपनी पार्टी के संसदीय कार्यालयों में आयोजित होने वाली ‘पैगंबर मुहम्मद कार्टून प्रतियोगिता’ की भी घोषणा की थी। बाद में अगस्त में, आतंकवादी हिंसा की धमकियों के बहुत फ़ैल जाने के बाद उन्हें इस कार्यक्रम को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनकी हत्या के लिए कई इस्लामी नेताओं ने फतवा जारी किया था।

गीर्ट वाइल्डर्स ने फितना (Fitna) नाम की एक शॉर्ट फिल्म भी बनाई है। 17 मिनट की इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे कुरान अपने सभी अनुयायियों को घृणा करना सिखाता है। आतंकवाद, मूर्तिपूजा-विरोधी, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, काफिरों के खिलाफ हिंसा, समलैंगिकों से नफरत आदि को इस फिल्म में मीडिया क्लिपिंग्स के जरिए दिखाया गया है।

फितना (Fitna) में कुरान के सुरा के चुनिंदा अंशों को लेकर इन पर बात की गई है। इस फिल्म की स्क्रीनिंग ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ लॉर्ड्स में की गई थी। गीर्ट वाइल्डर्स की इस फिल्म और उनकी राजनीति को देखें तो आप समझ जाएँगे कि क्यों वो कुरान को बैन करने की माँग करते हैं।

वहीं 2019 में, जुनैद नाम के एक पाकिस्तानी मुस्लिम व्यक्ति को वाइल्डर्स के खिलाफ हत्या की साजिश के लिए 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। जुनैद ने एक फेसबुक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था कि वह वाइल्डर्स को जहन्नुम में भेजना चाहता है।

बता दें कि 58 वर्षीय डच सांसद वाइल्डर्स नीदरलैंड की संसद में पार्टी फॉर फ्रीडम के अध्यक्ष हैं। वह एक दक्षिणपंथी नेता हैं, जो विशेष रूप से मुस्लिम देशों से डच सरकार की आव्रजन नीतियों का मुखर रूप से विरोध करते रहे हैं, और उन्होंने यहाँ तक ​​​​कहा है कि वह चाहते हैं कि उनका देश यूरोपीय संघ को छोड़ दे। उन्होंने यूरोपीय संघ की संसद में एक संसदीय समूह बनाने के लिए फ्रांस के मरीन ले पेन जैसे अन्य रूढ़िवादी यूरोपीय नेताओं के साथ काम किया है, जिसमें अब 9 यूरोपीय संघ के देशों की पार्टियाँ हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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