Thursday, April 18, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयसीमेंट बनाने वाली लाफार्ज ने ISIS जैसे आतंकी समूह पर कर दी डॉलर की...

सीमेंट बनाने वाली लाफार्ज ने ISIS जैसे आतंकी समूह पर कर दी डॉलर की बरसात, ताकि सीरिया में उसकी फैक्ट्री पर न आए आँच

पेरिस की अदालत द्वारा कंपनी पर लगे आरोपों को खारिज किए जाने के बाद लाफार्ज कंपनी के ही 11 पूर्व कर्मचारियों ने कुछ NGO की मदद से फैसले को चुनौती दी। जिस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को निचली अदालत का फैसला पलट दिया गया।

फ्रांस की शीर्ष अदालत में मंगलवार (सितंबर 7, 2021) को एक बड़ी सीमेंट कंपनी लाफार्ज (Lafarge ) पर आतंकवाद को वित्तपोषित करने का आरोप लगा। जानकारी के मुताबिक, इस कंपनी ने उत्तरी सीरिया में युद्ध के शुरुआती वर्षों में यानी कि 2011 के बाद अपने फायदे के लिए IS (इस्लामिक स्टेट) को लगभग 1.53 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था।

अब फ्रांस में इसी मामले के कारण कंपनी जाँच के अधीन है। शीर्ष अदालत ने भी इस बाबत सुनवाई के दौरान निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें कंपनी पर लगे आरोपों को खारिज किया गया था। कंपनी पर मानवता के विरुद्ध किए गए अपराध के तहत आरोप तय हो सकते हैं।

ये कंपनी 2015 के बाद होलसीम का हिस्सा है। भारत में लाफार्ज होल्सिम, एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स की होल्डिंग कंपनी है। इस कंपनी ने अपने ऊपर लगे आरोपों के बाद हुई इंटरनल इन्वेस्टिगेशन में माना था कि उसकी सीरियाई ईकाई ने युद्ध क्षेत्र के अंदर कर्मचारियों और सामानों की आवाजाही की अनुमति पाने को लेकर सशस्त्र समूहों के साथ बातचीत करने के लिए बिचौलियों को भुगतान किया। हालाँकि, कंपनी ने यह नहीं माना कि ऐसा करके वो मानवता के ख़िलाफ अपराध करने वाले आतंकवादी समूह को वित्तपोषित कर रहे थे।

साल 2019 में इसी मामले में पेरिस की एक अदालत ने कंपनी पर लगे सभी आरोपों को खारिज किया था। कोर्ट का तर्क था कि कंपनी द्वारा किए गए आर्थिक लेन-देन के पीछे ये उद्देश्य नहीं था कि वो इस्लामी स्टेट को फंड दें और बेगुनाहों को मारने या उन्हें प्रताड़ित करने के एजेंडे को बढ़ावा दें।

इस फैसले को बाद में लाफार्ज कंपनी के ही 11 पूर्व कर्मचारियों ने कुछ NGO की मदद से कोर्ट ऑफ कैसेशन में चुनौती दी। जिस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को निचली अदालत का फैसला पलट दिया गया। इसमें कहा गया कि मानवता के ख़िलाफ़ अपराध में कंपनी शामिल हो सकती है भले ही उनका अपराध से जुड़ने का कोई इरादा न हो।

कोर्ट ने पाया कि आरोप तय करने के लिए इतना काफी है कि कंपनी ने ये जानते हुए उस समूह को करोड़ो डॉलर दिए जिसका उद्देश्य आपराधिक था। भले ही ऐसा उसने अपनी व्यावसायिक गतिविधि को बढ़ाने के लिए ही क्यों न किया हो।

कोर्ट ने यह भी पाया कि अगर इस तरह के अपराधों में वह ढीला रवैया दिखाएँगे तो न जाने कितने ऐसे अपराधी बेगुनाह करार दे दिए जाएँगे। कोर्ट ने आगे इस मामले को जाँच मजिस्ट्रेट के पास भेजा है ताकि आरोपों की समीक्षा हो सके। इस दौरान कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को भी खारिज किया। कंपनी के साथ लाफार्ज के 8 एग्जीक्यूटिव, पूर्व सीईओ Bruno Laffont पर भी आतंकी समूह को फाइनेंस करने का आरोप लगा है।

बता दें कि लाफार्ज पर आईएसआईएस को 13 मिलियन यूरो से अधिक का भुगतान करने का आरोप है ताकि अन्य फ्रांसीसी कंपनियों के देश छोड़ने के बाद भी उसके जलाबिया संयंत्र को चालू रखा जा सके। हालाँकि लाफार्ज ने सीरिया को साल 2014 में छोड़ दिया था क्योंकि आतंकियों ने उनके प्लांट पर कब्जा कर लिया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ममता बनर्जी ने भड़काया, इसलिए मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर हुई पत्थरबाजी: रामनवमी हिंसा की BJP ने की NIA जाँच की माँग, गवर्नर को लिखा...

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग और राज्यपाल को पत्र लिखा है।

सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बने भारत: एलन मस्क की डिमांड को अमेरिका का समर्थन, कहा- UNSC में सुधार जरूरी

एलन मस्क द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन करने के बाद अमेरिका ने इसका समर्थन किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe