Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयफेसबुक ओवरसाइट बोर्ड के 20 में से 18 सदस्यों का मोदी विरोधी जॉर्ज सोरोस...

फेसबुक ओवरसाइट बोर्ड के 20 में से 18 सदस्यों का मोदी विरोधी जॉर्ज सोरोस से है कनेक्शन

हाल ही में फेसबुक ने स्वतंत्र रूप से काम करने वाले ओवरसाइट बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। इस बोर्ड का मुख्य काम फेसबुक पर मौजूद कंटेंट को रेगुलेट (नियंत्रित) करना और अश्लीलता, हेट स्पीच और नफ़रत फैलाने वाली सामग्री की निगरानी करना होगा।

फेसबुक के प्रस्तावित ओवरसाइट बोर्ड के 20 में से 18 सदस्य जॉर्ज सोरोस से जुड़े हुए हैं। RealClearInvestigations के शैरिल एकिन्स्टन की जॉंच से यह बात सामने आई है। यहूदी अमेरिकी अरबपति सोरोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के लिए जाने जाते हैं। इस साल की शुरुआत में उन्होंने राष्ट्रवादियों से मुकाबले के लिए 100 करोड़ डॉलर का फंड की घोषणा की थी। कॉन्ग्रेस से भी उनके घनिष्ठ संबंध रहे हैं।

हाल ही में फेसबुक ने स्वतंत्र रूप से काम करने वाले ओवरसाइट बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। इस बोर्ड का मुख्य काम फेसबुक पर मौजूद कंटेंट को रेगुलेट (नियंत्रित) करना और अश्लीलता, हेट स्पीच और नफ़रत फैलाने वाली सामग्री की निगरानी करना होगा। जाँच में यह बात सामने आई है कि इस बोर्ड के 90 फ़ीसदी सदस्यों का जॉर्ज के साथ कनेक्शन है। इनको सोरोस की ओपन सोसायटी फ़ाउंडेशन से आर्थिक सहयोग भी मिलता है।  

हेले थोर्निंग स्कमिड, डेनमार्क के पूर्व प्रधानमंत्री, कैटलीना बोटेरो मारीनो, अफिया असंतेवा असारे और सुधीर कृष्णस्वामी ओवरसाइट बोर्ड के ऐसे सदस्य हैं जिनका सोरोस से संबंध है। अरबपति लिबरल जॉर्ज सोरोस से जुड़े बोर्ड सदस्यों में रोनाल्डो लेमोस, माइकल मैक्कोनेल, एलन रसब्रिजर और एन्दस साजो भी शामिल हैं। 

अमेरिकी समाचार समूह न्यूयॉर्क टाइम्स में इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक़ फेसबुक ओवरसाइट बोर्ड के सदस्य अलग पेशे, संस्कृति और धार्मिक पृष्ठभूमि से आते हैं। उन सभी के अपने सामाजिक और राजनीतिक अभिमत हैं। इनमें से कुछ फेसबुक की सार्वजनिक रूप से आलोचना भी करते रहे हैं।

जानकारी के अनुसार फेसबुक एक स्वतंत्र ओवरसाइट तंत्र बनाने की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है। पिछले 18 महीनों में लगभग 2200 जानकारों और 88 देशों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इससे फेसबुक के ओवरसाइट बोर्ड को अंतिम सूरत देने में मदद मिली। फ़िलहाल इस बोर्ड में 20 सदस्य हैं जिन्हें संभावित तौर पर 40 भी किया जा सकता है। इस साल के अंत तक बोर्ड के सक्रिय होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। 

यह काफी हद तक साफ़ हो चुका है कि सोशल मीडिया मंच रुढ़िवादी राजनीतिक विचारों की तरफ झुकाव रखते हैं। इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण ट्विटर है जिसने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कार्रवाई की थी। इस घटना से एक बात स्पष्ट थी कि सोशल मीडिया मंचों का रवैया कितना पक्षपाती है। 

जब से जॉर्ज सोरोस के भारतीय राजनीति में दखल देने की ख़बरें सामने आई हैं, भारत के लोग भी चिंतित हैं। भारत में ऐसे तमाम गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) हैं जो सोरोस के संपर्क में हैं और देश की क़ानून-व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश करते रहते हैं। इसके अलावा हर्ष मंदर जैसे भी कई लोग हैं जो इनके साथ मिल कर भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती पैदा करते हैं।     

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -