दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 2 फरवरी 2025 को उप-राष्ट्रपति पॉल मशाटाइल के हाथों देश के सबसे बड़े हिंदू मंदिर का उद्घाटन हुआ। इस दौरान सैंकड़ों श्रद्धालु वहाँ पहुँचे। साउथ अफ्रीका में रहने वाले हिंदुओं ने इस मौके पर जमकर उत्साह मनाया।
📸 Deputy President Paul Mashatile addresses the Official Opening of the first phase of the Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha (BAPS) Hindu Mandir (Temple) and Cultural Complex, in Northriding, Johannesburg, Gauteng Province.#GovZAUpdates pic.twitter.com/UXJaUDXpaW
— South African Government (@GovernmentZA) January 30, 2025
14.5 एकड़ भूमि पर फैला यह मंदिर बोछासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा स्थापित किया गया है। इसमें एक सांस्कृतिक केंद्र, 3,000 सीटों वाला ऑडिटोरियम, 2,000 सीटों वाला बैंक्वेट हॉल, शोध संस्थान, कक्षाएँ, प्रदर्शनी और मनोरंजन केंद्र सहित कई महत्वपूर्ण सुविधाएँ शामिल हैं।
2 फरवरी को इसके उद्घाटन से पहले और 92 वर्षीय महंत द्वारा मंदिर में अनुष्ठान शुरू किए जाने से पूर्व 1 फरवरी को जोहान्सबर्ग में लगभग 12 हिंदू भिक्षुओं द्वारा बैंड और नर्तकों द्वारा भक्ति संगीत के साथ एक छोटी नगर यात्रा निकाली गई थी। वहीं उद्घाटन वाले दिन उपराष्ट्रपति माशाटाइल ने कहा कि हिंदू समुदाय ने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनके पास एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। उन्होंने BAPS के मानवता सेवा और सामाजिक उत्थान के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की।

वहीं BAPS प्रवक्ता ने बताया कि भविष्य में इस स्थान को अंतर-सांस्कृतिक और अंतर-धार्मिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, दूसरे चरण का निर्माण जल्द ही शुरू होगा जिसमें प्राचीन हिंदू वास्तुकला को दर्शाने वाले अधिक सजावटी तत्व शामिल होंगे।
बता दें कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2023 में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने दक्षिण अफ्रीका गए थे, तब प्रवासी भारतीयों ने उन्हें इस मंदिर की 3डी तस्वीरें दिखाई थीं। यह मंदिर केन्या के नैरोबी में स्थित मंदिर जैसा ही है। इसके निर्माण की शुरुआत साल 2011 में हुई थी और ये 2025 में जाकर पूरा हुआ। इस मंदिर के निर्माण में दुनिया भर के 12,500 स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मालूम हो कि ये मंदिर का बनना इसलिए भी खास है क्योंकि अफ्रीका में हिंदुओं की आबादी 2% है, लेकिन उनकी आबादी का प्रभाव वहाँ बहुत ज्यादा है। यही वजह है कि इतने बड़े मंदिर का निर्माण संभव हो सका।