ट्विटर और फेसबुक द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंड सस्पेंड करने के बाद से सोशल मीडिया को लेकर बहस तेज हो गई है। इस बीच अब खबर आ रही है कि अमेरिका के उत्तरी इडाहो (Idaho) के इंटरनेट प्रोवाइडर Your T1 WIFI ने तय किया है कि वह अपनी WIFI सेवा से फेसबुक और ट्विटर को ब्लॉक कर रहा है। इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। Your T1 WIFI का कहना है कि ऐसा वह अपने सेंसरशिप के दावों के कारण कुछ ग्राहकों के लिए कर रहे हैं।
बता दें कि Your T1 WIFI संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी इडाहो और स्पोकेन एरिया में इंटरनेट प्रदान करता है। इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी द्वारा यह कदम ट्विटर और फेसबुक के राष्ट्रपति ट्रम्प का अकाउंट ब्लॉक करने के बाद आया है।
शुक्रवार (जनवरी 08, 2021) को डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड करने के बाद ट्विटर ने कहा था, “डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट के हालिया ट्वीट को देखने के बाद हमने उनके अकाउंट को स्थायी रूप से हिंसा को और भड़काने के जोखिम को देखते हुए सस्पेंड कर दिया है।”
Your T1 WIFI का कहना है कि उन्होंने ग्राहकों की डिमांड पर यह फैसला लिया है। उनके पास फेसबुक और ट्विटर को ब्लॉक करने को लेकर कई ग्राहकों के कॉल आए थे, जिसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया। कंपनी ने बताया कि उनका यह नियम बुधवार (जनवरी 13, 2021) से लागू होगा।
इंटरनेट कंपनी ने ग्राहकों को एक नोट पोस्ट करते हुए कहा कि यह विश्वास करने लायक बात नहीं है कि एक वेबसाइट या सोशल नेटवर्किंग साइट के पास यह अधिकार है कि आप जो भी देखें और पोस्ट करें और वो आपसे जानकारी छिपाएँ। उन्होंने यह भी कहा कि यह फेसबुक और ट्विटर को अपनी इंटरनेट सेवा पर केवल उन ग्राहकों के लिए ब्लॉक करेंगे, जिन्होंने इसकी माँग की है।
गौरतलब है कि ट्विटर और फेसबुक पर पहले से ही पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से इन कम्पनियों ने लगातार फ्री स्पीच पर हमला किया है। सोशल मीडिया पर भी लोग सितंबर 2018 की उस घटना को याद कर रहे हैं, जब एक महिला एक्टिविस्ट लॉरा लूमर ने कैपिटल हिल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ चल रही सुनवाई में घुस कर ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी को खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने CEO जैक को पक्षपात वाला रवैया त्यागने की चेतावनी दी थी और आरोप लगाया था कि ट्विटर विरोधी विचारधारा के लोगों को सेंसर करने में लगा हुआ है।
पिछले दिनों फेसबुक के पूर्व कर्मचारी मार्क एस लकी ने दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति के सामने दावा किया था कि राजधानी दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों को रोका जा सकता था, अगर फेसबुक ने सही समय पर दंगों को भड़काने वाले कंटेंट को रोका होता। उन्होंने बताया कि कई बार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राजनीतिक दलों के इशारों पर कंटेंट मॉडरेशन टीम पर दबाव बनाया जाता है। इसके चलते कई बार फेसबुक को अपने ही कम्युनिटी स्टैंडर्ड से समझौता करना पड़ता है।
कई लोगों को ‘सूअर’ लिखने से लेकर ‘जय श्री राम’ को अभिवादन स्वरूप लिखने तक के लिए फेसबुक ने ब्लॉक किया है। एक यूजर ने बताया था कि आप अगर संस्कृत में कोई मंत्र लिखते हैं, और कोई उसे ‘हेट स्पीच’ कह कर रिपोर्ट कर दे, तो फेसबुक त्वरित कार्रवाई करते हुए आपका अकाउंट सस्पेंड कर देगा। उल्लेखनीय है कि फेसबुक पर पहले भी दक्षिणपंथ के प्रति पूर्वग्रह रखने के आरोप लगते रहे हैं।