Saturday, July 27, 2024
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जेल में मौत के करीब पहुँच गई है चीन की महिला पत्रकार, वुहान में कोरोना वायरस कवरेज की ‘ड्रैगन कोर्ट’ ने दी सजा

चीन में फ्री प्रेस जैसी कोई चीज नहीं है और नागरिकों के लिए आवाज उठाना प्रतिबंधित है, लिहाजा झांग झानो को जेल में बंद कर दिया और पिछले डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से झांग झानो चीन की जेल में बंद हैं।

चीन के वुहान शहर में शुरूआती दिनों में कोरोना महामारी को रिपोर्ट करने को लेकर चीनी पत्रकार झांग झान को 4 साल जेल की सजा दी गई। जेल में बंद झांग झान भूख हड़ताल पर हैं। जिसकी वजह से उनकी हालत काफी ख़राब हो चुकी है और वह मरने की कगार पर पहुँच चुकी है।

वुहान में कोविड ऑउटब्रेक होने के बाद झांग झानो उन शुरूआती पत्रकारों में से थीं, जो मौके पर पहुँचीं थी और कोविड-19 के खिलाफ चीन की प्रारंभिक प्रतिक्रिया का कवरेज किया था, लेकिन चीन में फ्री प्रेस जैसी कोई चीज नहीं है और नागरिकों के लिए आवाज उठाना प्रतिबंधित है, लिहाजा झांग झानो को जेल में बंद कर दिया और पिछले डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से झांग झानो चीन की जेल में बंद हैं।

पिछले साल फ़रवरी के महीने में झांग झान चीन के वुहान शहर पहुँची थी और उन्होंने उस दौरान फैली महामारी को वहाँ से रिपोर्ट किया था और साथ ही उन्होंने महामारी की तैयारी को लेकर सरकारी अधिकारियों से सवाल भी किए थे। इस दौरान झांग जान ने अपने मोबाइल फोन से कुछ वीडियो भी बनाए थे। जिसके बाद पिछले साल मई महीने में झांग को गिरफ्तार कर लिया गया था।

झांग को चीन के शंघाई से गिरफ्तार किया गया था। साथ ही उनके ऊपर वीडियो और टेक्स्ट के जरिए झूठी सूचनाएँ फैलाने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद दिसंबर महीने में चीन की सिटिजन जर्नलिस्ट झांग झान को वहाँ समस्या पैदा करने का दोषी ठहराया गया था। इस मामले में झांग को चार साल की सजा सुनाई थी।

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इस साल की शुरुआत में झांग के वकीलों की टीम ने उन्हें बताया था कि वे जेल में बंद होने के बाद से ही भूख हड़ताल पर हैं और उन्हें पाइप के जरिए नाक में तरल पदार्थ डालकर खाना खिलाने की कोशिश की जा रही है। हालाँकि उनकी लीगल टीम को भी उनकी मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी नहीं हैं।

पिछले दिनों झांग झान के भाई जू झांग ने ट्विटर पर अपने बहन की तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की थी। तस्वीर पोस्ट करते हुए जू झांग ने लिखा कि झान 177 सेंटीमीटर लंबी है लेकिन अब उसका वजन 40 किलो से भी कम हो गया है। हो सकता है कि वह आने वाली कड़ाके की सर्दी को भी ना झेल सके। उन्हें उम्मीद है कि दुनिया याद करेगी कि वह कैसी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झांग की स्थिति ऐसी हो चुकी है कि वह ना तो अब चल सकती है और ना ही किसी के मदद के बिना अपने सिर को भी उठा सकती है। झांग के परिवार के इस खुलासे के बाद मानवाधिकार समूहों ने चीन से तत्काल इस महिला पत्रकार को रिहा करने की माँग की है।

झांग झान के भाई जू झांग के ट्वीट के बाद मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चीनी पत्रकार की रिहाई की माँग की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि झांग को जेल नहीं दिया जाना चाहिए था। उसको तुरंत रिहा करने की जरूरत है। अगर झांग को स्वास्थ्य उपचार के लिए तत्काल रिहा नहीं किया गया तो उसके मरने का खतरा है। अगर वह जेल में मर जाती है तो चीनी सरकार के हाथ उसके खून से रंगे होंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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