Monday, March 24, 2025
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लंदन में ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग रुकवाने हॉल में घुसे खालिस्तानी, जमकर मचा हंगामा: दर्शकों से की मुँह-जोरी, भारत सरकार के खिलाफ लगाए नारे

इमरजेंसी फिल्म की कहानी को लेकर सिख संगठनों ने विरोध जताया था। उनका कहना था कि फिल्म में सिख समुदाय को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है।

लंदन के हरो सिनेमा हॉल ( Harrow cinema London ) में कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने जमकर हंगामा किया। जानकारी के मुताबिक, यूके की राजधानी लंदन में खालिस्तानी कट्टरपंथियों का ग्रुप अचानक सिनेमा हॉल में घुस आया और ‘इमरजेंसी’ फिल्म का विरोध करते हुए ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगा। इस हंगामे से सिनेमा हॉल में अफरा-तफरी मच गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हंगामा कर रहे खालिस्तानी समर्थक फिल्म को तुरंत रुकवाने की माँग कर रहे थे। उनका आरोप था कि यह फिल्म सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करती है। इस दौरान सिनेमा हॉल में मौजूद दर्शकों के साथ उनकी तीखी बहस भी हुई। कट्टरपंथी समर्थक फिल्म को रोकने के लिए दबाव बना रहे थे, जबकि दर्शकों ने उनका विरोध किया और फिल्म को जारी रखने की माँग की।

घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिनमें यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि खालिस्तानी समर्थक सिनेमा हॉल के अंदर नारे लगा रहे हैं और दर्शकों से उलझ रहे हैं। इस हंगामे के बावजूद सिनेमा हॉल प्रशासन ने अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। हालाँकि सिनेमा हॉल प्रशासन ने घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएँ न दोहराई जाएँ, इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी।

घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और सिनेमा हॉल के सीसीटीवी फुटेज की जाँच शुरू कर दी है। हालाँकि, अब तक किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जाँच जारी है। इस बीच यूके में कम से कम 3 जगहों पर ‘इमरजेंसी’ फिल्म की स्क्रीनिंग रोके जाने की भी रिपोर्ट्स आ रही हैं।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और 1970 के दशक में लगाए गए आपातकाल की सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म इमरजेंसी शुरू से ही विवादों में रही है। फिल्म की कहानी को लेकर सिख संगठनों ने विरोध जताया था। उनका कहना था कि फिल्म में सिख समुदाय को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है। इसी वजह से पंजाब में कई सिनेमा हॉल ने इस फिल्म को रिलीज करने से मना कर दिया।

फिल्म की रिलीज पहले सितंबर 2024 में होने वाली थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने इसे प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया। इसके बाद, फिल्म के निर्माताओं को कुछ बदलाव करने और कट्स लगाने के बाद इसे दोबारा सेंसर बोर्ड के पास जमा करना पड़ा। अंततः फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज हुई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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