खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने मंगलवार (24 अगस्त) को एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उनके प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने घोषणा की है कि उनका संगठन भारत से पंजाब को आजाद कराने के लिए तालिबान से मदद माँगेगा।
वीडियो में पन्नू ने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा भारत के लिए एक संदेश है कि जनता की आजादी की लड़ाई तब तक जारी रहती है, जब तक कि उन्हें शासकों से आजादी नहीं मिल जाती। उसने आगे कहा कि सिख 1984 से पंजाब को भारत से मुक्त कराने की कोशिश कर रहे हैं।
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— Aneeta Kaur (@Aneeta_kaur) August 24, 2021
पन्नू ने कहा कि उनका संगठन 2022 में पंजाब के विधानसभा चुनावों के साथ जनमत संग्रह के लिए मतदान कराएगा। उसने कहा कि अगर भारत सरकार ने जनमत संग्रह के लिए मतदान को रोकने की कोशिश की, तो दिल्ली का नामो निशान मिटा देंगे। वीडियो के बैकग्राउंड में बिजली कड़कने और बादलों के गरजने की आवाजें सुनाई दे रही थीं। पन्नू ने बैकग्राउंड में इन आवाजों को जोड़कर इसके माध्यम से PM मोदी को चेतावनी देने का प्रयास किया है। इसके लिए वीडियो में निम्नस्तरीय एडिटिंग भी की है।
मालूम हो कि एसएफजे ने स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी, मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं को राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोकने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा की थी। उसने गणतंत्र दिवस पर खालिस्तानी झंडा फहराने वालों के लिए जनवरी में भी इसी तरह के नकद इनाम की घोषणा की थी। हालाँकि, इस बार उसकी महत्वाकांक्षी योजनाएँ कारगर साबित नहीं हुई और स्वतंत्रता दिवस समारोह में कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई।
तालिबान से मदद माँगेगा एसएफजे: पन्नू
पन्नू ने सिखों को तालिबान की तरह ही सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा। उसने कहा कि एसएफजे पंजाब के लिए शांतिपूर्ण समाधान की माँग कर रहा है और विधानसभा चुनावों के साथ-साथ जनमत संग्रह भी कराएगा।
उसने कहा, “आप दुनिया में एक संदेश फैला रहे हैं कि तालिबान हिंसक है, लेकिन सिखों के खिलाफ सबसे बड़ा आतंकवाद भारत द्वारा फैलाया गया है।” उसने आगे कहा, “अगर यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, अमेरिका ने तालिबान को मान्यता दी, तो एसएफजे खालिस्तान जनमत संग्रह के समर्थन के लिए उनसे संपर्क करेगा। वोट से या फौज से। एसएफजे केसरी, खंडा, खालिस्तान, टुकड़े टुकड़े कर देंगे हिंदुस्तान में विश्वास करता है।”
एसएफजे ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा करने के बाद उसे बधाई देते हुए एक पत्र भी जारी किया है। इसमें लिखा है, “जैसे ही प्रमुख पश्चिमी शक्तियाँ तालिबान शासन को मान्यता देती हैं, वैसे ही अलगाववादी समूह जनमत संग्रह के माध्यम से खालिस्तान की स्थापना के लिए मदद माँगने के लिए तालिबान से संपर्क करेगा।”
दिलचस्प बात यह है कि पन्नू यह उल्लेख करना भूल गया कि तालिबान के कारण लोग डरे हुए हैं, अफगानिस्तान में दहशत का माहौल है। देश पर कब्जा करने के बाद सिख अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं। मंगलवार (24 अगस्त) को सिख अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब जी के हाथ से लिखे तीन स्वरुप भी भारत लाए।
SFJ ने इसके लिए एक वेबसाइट भी लॉन्च की, जिसे भारतीय अधिकारियों ने प्रतिबंधित कर दिया है। एसएफजे ने दावा किया कि वह पंजाब से पहले विभिन्न देशों में जनमत संग्रह के लिए मतदान करेगा। अक्टूबर में यह स्विट्ज़रलैंड में होगा, उसके बाद कनाडा और अन्य स्थानों पर होगा।
एसएफजे का भारत के खिलाफ जहरीले वीडियो का इतिहास
यह पहली बार नहीं है, जब एसएफजे ने भारत के खिलाफ इस तरह के वीडियो जारी किए हैं। पिछले दिनों एसएफजे ने कई वीडियो जारी कर सिख युवाओं को खालिस्तान आंदोलन में शामिल होने के लिए कहा था। गणतंत्र दिवस से पहले एसएफजे ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर अपना झंडा फहराने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा की। साथ ही उसने किसान आंदोलन का समर्थन करने की घोषणा भी की थी।