Friday, April 19, 2024
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नेपाली सुरक्षा बलों की फायरिंग में 1 भारतीय की मौत, हिरासत में लिए गए व्यक्ति की रिहाई की कोशिशें जारी

सशस्त्र सीमा बल के डीजी कुमार राजेश चंद्रा के अनुसार सुबह 8:40 मिनट पर पर एक परिवार नेपाल जा रहा था। नेपाली सुरक्षा बलों ने उन्हें रोका और वापस जाने को कहा। इस दौरान कहासुनी हो गई। नेपाली सुरक्षा बलों ने 15 राउंड फायरिंग की जिसमें तीन लोग जख्मी हो गए।

बिहार के सीतामढ़ी जिले से सटे नेपाल सीमा पर गोलीबारी में एक की मौत हो गई और तीन अन्य जख्मी हो गए। घटना शुक्रवार (12 जून 2020) की है। नेपाली सुरक्षा बलों ने 15 राउंड फायरिंग की।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सोनबरसा थाना क्षेत्र के पिपरा परसाइन पंचायत अंतर्गत लालबदी स्थित जानकी नगर गाँव में कुछ मजदूर खेत में काम कर रहे थे कि अचानक नेपाली सुरक्षा बलों ने फायरिंग कर दी। इसमें नागेश्वर राय के 25 वर्षीय पुत्र डिकेश कुमार की मौत हो गई।

सशस्त्र सीमा बल (SSB) के डीजी कुमार राजेश चंद्रा के अनुसार सुबह 8:40 मिनट पर पर एक परिवार नेपाल जा रहा था। नेपाली सुरक्षा बलों ने उन्हें रोका और वापस जाने को कहा। इस दौरान कहासुनी हो गई। नेपाली सुरक्षा बलों ने 15 राउंड फायरिंग की जिसमें तीन लोग जख्मी हो गए।

उन्होंने बताया कि एक नागरिक को नेपाली सुरक्षा बलों ने हिरासत में भी लिया है। उसकी रिहाई के लिए बातचीत की जा रही है। सब कुछ सीमा पर नेपाल के हिस्से में हुआ।

विनोद राम के पुत्र उमेश राम के दाहिना हाथ में तो सहोरबा निवासी बिंदेश्वर ठाकुर के पुत्र उदय ठाकुर को दाएं जाँघ में गोली लगी है। घायल भारतीय नागरिकों का सीतामढ़ी के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार नेपाली सुरक्षा बलों ने गाँव के वशिष्ठ राय के पुत्र लगन राय को अपने कब्जे में भी ले रखा है। उसको गोली का लगी हैं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। भारत-नेपाल सीमा पर इस तरह की यह पहली घटना करार दी जा रही है।

निर्दोष भारतीय नागरिकों पर नेपाल पुलिस द्वारा गोली चलने के बाद भारत-नेपाल की बिहार से लगती सीमा पर भारतीय एसएसबी और स्थानीय पुलिस लालबंदी की तैनाती कर दी गईं हैं। मामले को लेकर जाँच के भी आदेश दे दिए गए हैं।

बता दें कि हाल ही में नेपाल ने 18 मई को नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था। इसमें कालापानी, लिपुलेख और लिमिपियाधुरा को अपने क्षेत्र के रूप में दिखाया था। नेपाल ने अपने नक़्शे में कुल 335 वर्ग किलोमीटर के इलाके को शामिल किया था। इसके बाद 22 मई को संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव पेश किया था।

गौरतलब है कि नेपाल सरकार द्वारा लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपने नए राजनीतिक नक़्शे में दिखाने पर भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि देश के किसी क्षेत्र पर इस तरह के दावे को भारत द्वारा नहीं स्वीकार किया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि नेपाल सरकार ने जो आधिकारिक नक़्शा जारी किया है उसमें भारतीय क्षेत्र को नेपाल में दिखाया गया है, ये एकतरफ़ा हरकत ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। इसका भारत विरोध करता है।

वहीं जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरि ने नेपाल सरकार द्वारा नए नक्शे को संविधान का हिस्सा बनाने के लिए लाए गए संविधान संशोधन प्रस्ताव पर अपना अलग से संशोधन प्रस्ताव लाते हुए उन्होंने इसे इस विवादित संविधान संशोधन को खारिज करने की माँग की थी। वहीं, उनकी पार्टी ने उनको तुरंत अपना यह संशोधन प्रस्ताव वापस लेने का सख्त निर्देश दिया। लेकिन, सरिता गिरी ने साफ-साफ कहा था कि चीन के इशारों पर नेपाल सरकार नक्शे में बदलाव करना चाहती है।

सरिता गिरि ने ये भी दावा किया था कि नेपाल की जनता भी नहीं चाहती है कि नक्शे को लेकर भारत के साथ कोई विवाद हो। उनकी राय थी कि नेपाल का नया नक्शा जारी करने से पहले नेपाल को भारत से बातचीत करनी चाहिए थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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