Friday, April 26, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयनेपाल में मिली 3800 साल पुरानी किराट देवी की मूर्ति: धुलीखेल में सतह से...

नेपाल में मिली 3800 साल पुरानी किराट देवी की मूर्ति: धुलीखेल में सतह से 300 मीटर अंदर पाया गया, देख कर दंग हुए लोग

माना जा रहा है कि यह मूर्ति किराट देवी की है। यह एक किराटी महिला से मिलता जुलता है, और माना जाता है कि यह किराट काल की है। धीमल ने कहा कि अगर ऐसा है तो प्रतिमा करीब 3,800 साल पुरानी है।

धरती के गर्भ में आज भी कई रहस्य छिपे हुए हैं। समय-समय पर धरती से चौंकाने वाली चीजें मिलती रही हैं। हाल ही में नेपाल में मिली एक प्राचीन मूर्ति इन दिनों चर्चा में है। इसका आकार प्रकार देखकर कहा जा रहा है कि यह किसी देवी की मूर्ति है। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति किराट देवी की है।

इसके संबंध में पुरातत्वविदों का मानना है कि यह महज सैकड़ों साल नहीं बल्कि हजारों साल पुरानी है। उनके मुताबिक यह कम से कम 38 हजार साल पुरानी मूर्ति है। यह मूर्ति नेपाल के धुलीखेल में मिली है।

माइरिपब्लिका वेबसाइट ने स्‍थानीय पुरातत्‍वविद श्रीकृष्‍ण धीमाल के हवाले से बताया कि इन मूर्तियों को सबसे पहले शुक्रवार को एक निर्माण के दौरान बरामद किया गया था। यह जमीन से तकरीबन 300 मीटर नीचे पाया गया। श्रीकृष्ण धीमल वहाँ के स्थानीय होने के साथ ही पंचाल घाटी पुरातत्व अध्ययन और अनुसंधान समिति के सदस्य भी हैं।

उनका कहना है कि मूर्ति की बनावट इतनी खूबसूरत थी कि लोग देखकर दंग रह गए। मूर्तिकला की इस अनूठी रचना को देखने के बाद, धीमल ने अन्य लोगों के साथ मिलकर पुरातत्वविदों से परामर्श करने का फैसला किया और उनका मानना है कि यह ईसा पूर्व या दूसरी शताब्दी का है।

धीमल बताते हैं कि टुकड़ा एक देवी की मूर्ति की तरह दिखता है। इसे गहनों से सुसज्जित किया गया है। इसका दाहिना हाथ विच्छिन्न है और मूर्ति केवल उसकी कमर तक है। हालाँकि, इसके बावजूद यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मूर्ति काफी महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक है।

माना जा रहा है कि यह मूर्ति किराट देवी की है। यह एक किराटी महिला से मिलता जुलता है, और माना जाता है कि यह किराट काल की है। धीमल ने कहा कि अगर ऐसा है तो प्रतिमा करीब 3,800 साल पुरानी है।

वहीं एक अन्‍य पुरातत्‍वविद उधव आचार्य का कहना है कि ये मूर्तियाँ आदिम काल की लग रही हैं। इसे देखकर लग रहा है कि ये दूसरी या तीसरे ईसापूर्व की हैं। यह नेपाल की सबसे पुरानी मूर्तियों में से एक है। पुरातत्‍वविदों ने इस इलाके में म्‍यूजियम बनाए जाने की माँग की है। उन्‍होंने इलाके में और ज्‍यादा खुदाई कराने की भी माँग की है।

अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि मूर्ति की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए तत्काल जाँच की जानी चाहिए। धीमल के वेबसाइट हिमालतखंड.कॉम पर त्रिभुवन विश्वविद्यालय में पुरातत्व विभाग के प्रमुख मदन कुमार रिमल ने मूर्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “धूलिकेल में एक प्राचीन नेपाली महिला की यह अद्भुत आकर्षक प्रतिमा नेपाली कला और इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की 89 सीटों पर मतदान, 1198 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे मतदाता, मैदान में 5 केंद्रीय मंत्री और 3 राजघरानों...

दूसरे चरण में 5 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में हैं, जिसमें वी. मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे चुनाव मैदान में हैं।

कॉन्ग्रेस ही लेकर आई थी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण, BJP ने खत्म किया तो दोबारा ले आए: जानिए वो इतिहास, जिसे देवगौड़ा सरकार की...

कॉन्ग्रेस का प्रचार तंत्र फैला रहा है कि मुस्लिम आरक्षण देवगौड़ा सरकार लाई थी लेकिन सच यह है कि कॉन्ग्रेस ही इसे 30 साल पहले लेकर आई थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe