Thursday, March 28, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय3 बड़े न्यूज़ चैनल अचानक हुए बंद, Pak में मीडिया सेंसरशिप से पत्रकारों में...

3 बड़े न्यूज़ चैनल अचानक हुए बंद, Pak में मीडिया सेंसरशिप से पत्रकारों में भय का माहौल

"यह समझना बिलकुल ही आसान है कि इंटरव्यू को किसने रोका? जिसने भी ये किया है, उसे सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है।"

पाकिस्तान में शनिवार (जुलाई 6, 2019) को जब लाखों लोगों ने न्यूज़ देखने के लिए टीवी खोला, तो वे हक्के-बक्के रह गए। बिना किसी पूर्व-सूचना के तीन न्यूज़ चैनलों को बंद कर दिया गया था। उन तीनों न्यूज़ चैनलों की जगह अंग्रेजी में तकनीकी ख़राबी का एक मैसेज झलक रहा था। अब तक टीवी, 24 न्यूज़ और कैपिटल टीवी- ये तीनों चैनल टीवी स्क्रीन से गायब हो गए थे। इन तीनों चैनलों का गुनाह बस इतना था कि इन्होंने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम शरीफ के प्रेस कॉन्फ्रेंस को लाइव प्रसारित किया था। नवाज शरीफ और पाकिस्तानी फौज की आपस में कभी नहीं बनी।

मरियम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस जज का जिक्र किया था, जिसने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री को सज़ा सुनाने के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया गया। तीनों चैनलों के बंद होने की वजह पाकिस्तान सरकार द्वारा मीडिया पर किए जा रहे सेंसरशिप को बताया गया। अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘Reporters Without Borders‘ ने कहा, “Pakistan Electronic Media Regulatory Authority (PEMRA) ने पाकिस्तानी सेना के कहने पर बेशर्मी से तीनों चैनलों को बंद कर दिया।” डॉन अख़बार ने कहा है कि इमरान ख़ान सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, किसी भी दोषी करार दिए गए या ट्रायल का सामना कर रहे नेता को मीडिया कवरेज नहीं दी जाएगी।

पाकिस्तान में अब सीधे फ़ौज से नियमावली आ रही है कि मीडिया संस्थानों को क्या प्रसारित एवं प्रकाशित करना है और क्या नहीं? पाकिस्तान में कई वरिष्ठ पत्रकारों ने धमकियाँ मिलने के बाद पत्रकारिता से दूरी बना ली है। जिओ टीवी को ऑफ-एयर कर दिया गया और पाकिस्तान के सबसे पुराने अंग्रेजी अख़बार ‘डॉन’ के डिस्ट्रीब्यूशन में खलल डाला गया। कई स्तम्भकारों ने आरोप लगाया है कि मीडिया संस्थान उनके ऐसे सभी लेखों को प्रकाशित करने से इनकार कर रहे हैं, जिसमें फौज की आलोचना की गई हो।

पाकिस्तानी फौज अक्सर विद्रोहों व विरोधियों को शांत करने के लिए अपहरण, हत्या और गायब करवाने जैसी साजिशें रचती है और इसके विरोध में लिखने वालों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जाता है। कैपिटल टीवी की पत्रकार अनीका निसार ने ट्विटर पर लिखा कि पत्रकारिता कोई अपराध नहीं है। पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने विपक्षी नेता व पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी का इंटरव्यू लिया। जिओ न्यूज़ पर जब ये इंटरव्यू प्रसारित हो रहा था, तभी अचानक से स्क्रीन काली हो गई और इंटरव्यू को ख़त्म कर दिया गया। ज़रदारी पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले चल रहे हैं।

हालाँकि, जिओ न्यूज़ ने कुछ नहीं बताया कि इंटरव्यू को क्यों छोटा कर दिया गया लेकिन हामिद मीर ने ट्वीट कर इतना ज़रूर कहा, “यह समझना बिलकुल ही आसान है कि इंटरव्यू को किसने रोका? जिसने भी ये किया है, उसे सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है।” मीर ने आशंका जताई कि इसके पीछे चुनी गई सरकार भी हो सकती है या फिर कोई अन्य ताक़त भी। कई अन्य पत्रकार भी हैं जिन्हें सरकार की आलोचना करने के कारण अपने सोशल मीडिया हैंडल्स हटाने पड़े। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम की रैंकिंग में पाकिस्तान 180 देशों की सूची में 142वें नंबर पर आता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe