तबलीगी जमात के फैसलाबाद यूनिट के प्रमुख की कोरोना वायरस की वजह से मृत्यु हो गई है। फैसलाबाद पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है, जहाँ कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 1100 के पार हो गई है। 69 वर्षीय मौलाना सुहैब रूमी फैसलाबाद में तबलीगी जमात का कामकाज सँभालता था और उस क्षेत्र के जमातियों का मुखिया भी था। बुजुर्ग मौलवी ने लाहौर के रायविंड में हुए जमात के मजहबी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। भारत की तरह पाकिस्तान में भी जमातियों के कारण कई मामले बढ़ गए हैं।
जमातियों ने पाकिस्तान में फैलाया कोरोना
मौलाना सुहैब के परिवार के 5 अन्य लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जिनमें उसके 2 पोते भी शामिल हैं। फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर मुहम्मद अली ने बताया कि मौलाना के सभी परिवार वालों को एक आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है। पाकिस्तान स्थित पंजाब के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि प्रान्त के 1100 से भी अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। पाकिस्तान में उन सभी मौलानाओं को ट्रैक किया जा रहा है, जिन्होंने रायविंड में हुए जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
पाकिस्तान की सरकार ने पहले ही जमात को सलाह दी थी कि वो अपने वार्षिक कार्यक्रम को स्थगित कर दे। लेकिन उसने इन सलाहों के ख़िलाफ़ जाते हुए आयोजन किया और इसमें पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि विदेशी मौलाना भी शामिल हुए थे। हज़ारों लोगों ने भाग लिया था। भारत के अलावा पाकिस्तान, मलेशिया और ब्रूनेई में तबलीगी जमात वाले ही कोरोना के सबसे बड़े कैरियर बन कर उभरे हैं। पाकिस्तान की बात करें तो वहाँ पंजाब की जेलों में भी कोरोना फ़ैल रहा है। क़रीब 100 कैदी संक्रमित हो चुके हैं।
पाकिस्तान में बड़ी संख्या में डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित
पाकिस्तान में अब तक 140 लोग कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गँवा चुके हैं, जबकि 7500 लोग संक्रमित हैं। टेस्टिंग की प्रक्रिया शिथिल होने के कारण माना जा रहा है कि संक्रमितों की संख्या इससे काफ़ी अधिक हो सकती है। लाहौर के एक कार्डियक हॉस्पिटल में 12 मेडिकल कर्मचारी ही संक्रमित हो गए हैं। पूरे पाकिस्तान में 110 मेडिकल कर्मचारी कोरोना के शिकार हुए हैं, जिनमें से 53 डॉक्टर्स हैं। युवा डॉक्टर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वो उन्हें ज़रूरी चीजें एवं उपकरण मुहैया नहीं करा रही है।
हाल ही में पाकिस्तानी डॉक्टरों का चिट्टी-गोला गाने पर मरीजों के सामने नृत्य करने वाला वीडियो वायरल हुआ था। वहाँ लोगों को राशन देने में भी भेदभाव किया जा रहा है। प्रशासन अल्पसंख्यकों को राशन देने से न केवल मना कर रहा है, बल्कि राशन के लिए उनपर धर्मांतरण का दबाव भी बना रहा है। इन्हीं खबरों के आधार पर पाकिस्तान की आलोचना विश्व का हर देश करने लगा है। इसी कड़ी में दुनियाभर के धार्मिक मसलों पर राय देने वाले अमेरिकी आयोग ने भी पाकिस्तान से आ रही इन खबरों की निंदा की थी।