Monday, November 11, 2024
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‘किसान आंदोलन’ के बीच एक्टिव हुआ Pak, पंजाब के रास्ते आतंकी हमले के लिए चीन ने ISI को दिए ड्रोन्स’: ख़ुफ़िया रिपोर्ट

काउंटर टेरर ऑपरेशंस से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी है कि आतंकवादी संगठन और ISI की ओर से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए कुछ वर्षों तक छोटे ड्रोन्स के इस्तेमाल के बाद इन्होंने अपग्रेडेड ड्रोन्स की खरीददारी की है, जो अधिक मात्रा में हथियार और विस्फोटक सीमा के पार भेजने में सक्षम हैं।

अब जब भारत की मुस्तैदी के कारण चीन सीमा पर सीधे संघर्ष में लगातार मात खा रहा है तो उसने पाकिस्तान वाला रवैया अपनाते हुए आतंकियों की मदद करनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन और इसके इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की नई साजिश है कि अब जम्मू कश्मीर के साथ-साथ पंजाब के रास्ते चीन के ड्रोन्स के माध्यम से खतरनाक हथियार व अन्य दहशत का साजो-सामान भेजा जाएगा।

HT की खबर के अनुसार, काउंटर टेरर ऑपरेशंस से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी है कि आतंकवादी संगठन और ISI की ओर से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए कुछ वर्षों तक छोटे ड्रोन्स के इस्तेमाल के बाद इन्होंने अपग्रेडेड ड्रोन्स की खरीददारी की है, जो अधिक मात्रा में हथियार और विस्फोटक सीमा के पार भेजने में सक्षम हैं। फ़िलहाल LOC पर भारी बर्फ़बारी हुई है और जिहादी आतंकी सीमा पार नहीं कर पा रहे हैं।

इसीलिए, अब चीन ने पाकिस्तान को अपने ड्रोन्स मुहैया कराने शुरू कर दिए हैं, ताकि उनका इस्तेमाल कर के पंजाब के रास्ते भारत में दहशत फैलाने की सामग्री भेजी जा सके। जम्मू कश्मीर में हाल के महीनों में जिस तरह से सुरक्षा बलों ने आतंकियों का सफाया शुरू किया है और विकास कार्यों के साथ-साथ DDC के चुनाव भी हुए हैं, उसने आतंकियों को परेशान कर दिया है और वो बड़े हमले की फिराक में लगे हुए हैं।

‘हिन्दुतान’ में प्रकाशित शिशिर गुप्ता की खबर के अनुसार, ख़ुफ़िया रिपोर्ट्स में सबसे बड़ा खुलासा ये हुआ है कि पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी संगठनों को उनके आका पंजाब में हो रहे ‘किसान आंदोलन’ का फायदा उठाकर राज्य में दहशतगर्दी को दोबारा जिंदा करने के लिए तमाम तरह की साजिश रच रहे हैं। ‘किसान आंदोलन’ में जिस तरह से भारतीय प्रतीक चिह्नों का अपमान हुआ है और इस्लामी सक्रियता देखी गई है, उससे भी इस ख़ुफ़िया सूचना को बल मिलता है।

केवल पंजाब की ही बात करें तो अगस्त 12, 2019 से लेकर अब तक 4 चाइनीज ड्रोन्स जब्त किए जा चुके हैं। न सिर्फ इन चाइनीज कमर्शियल ड्रोन्स से सामान पहुँचाए जा सकते हैं, बल्कि अलर्ट में ये भी कहा गया है कि इनका इस्तेमाल कर सीमा पर तैनात भारतीय जवानों पर गोलीबारी भी हो सकती है। सीमा पर नजदीकी लक्ष्यों को निशाना बना कर हमले की भी आशंका है, जिसके बाद इस सम्बन्ध में सतर्कता बरती जा रही है।

लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के बड़े नेताओं के साथ अप्रैल 2020 में हुई बैठक में भी चाइनीज ड्रोन्स का इस्तेमाल कर के भारत पर हमला करने के विकल्प का खाका पेश किया गया था। POK के कोटली स्थित ब्रिगेड मुख्यालय में भी इस पर विचार-विमर्श हुआ था। अब जब धुंध का मौसम लगभग आ ही गया है, भारत भी एंटी-ड्रोन्स टेक्नोलॉजी को मजबूत करने में जुटा है। BSF ने जून में ऐसे ही एक बड़े ड्रोन को पकड़ा था।

अक्टूबर में भी खबर आई थी कि पाकिस्तान की फ़ौज अब आतंकियों को ड्रोन्स का इस्तेमाल कर के बम बरसाने की ट्रेनिंग दे रही है, ताकि जम्मू कश्मीर के हिस्सों को निशाना बनाया जा सके। ISIS सालों से इराक और सीरिया में क्वाडकॉप्टर ड्रोन्स की मदद से बमबारी कर के इस फॉर्मूले को आजमाता रहा है। ISIS ने इसी तरह से ‘Killer Bees’ के जरिए कई देशों में तबाही मचाई है और उसके ड्रोन्स को रोकने के लिए अमेरिका और कई ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को नई तकनीकों पर काम करना पड़ा

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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