Saturday, April 20, 2024
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न्यूज एंकर ने कहा- पाकिस्तान को ताकतवर बनाने के लिए हिजाब पहने औरतें, बाद में बताया ‘मजाक’

जिस तालिबान के शासन का उदाहरण पीरजादा ने दिया, उसमें महिलाओं की बदतर स्थिति की कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं।

मोईद पीरजादा ने 22 अगस्त 2021 को ट्विटर पर एक पोल पब्लिश किया। इसमें कहा गया कि यदि पाकिस्तान की सभी औरतें हिजाब पहने तो मुल्क और ताकतवर हो जाएगा। पीरजादा पाकिस्तान के 92 न्यूज के एंकर और ग्लोबल विलेज स्पेस के एडिटर तथा सीईओ हैं।

पीरजादा ने अफगानिस्तान पर तालिबानी शासन का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह तालिबान ने मजहबी भरोसे से अमेरिका को हरा दिया और शरिया कानून लागू करने से और भी ताकत मिलने वाली है, वैसे ही हमें भी ज्यादा ताकतवर होने के लिए शरिया का सहारा लेना चाहिए और सबसे पहले पाकिस्तानी महिलाओं को हिजाब पहनना शुरू करना चाहिए।

रिपोर्ट लिखे जाने तक 20,000 से अधिक लोगों ने इस ट्विटर पोल पर प्रतिक्रिया दी और लगभग 66% लोगों ने पाकिस्तान में महिलाओं को हिजाब पहनने के समर्थन में अपना मत दिया है। हालाँकि पीरजादा के इस ट्वीट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

पीरजादा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

सेलमा खान ने ट्वीट कर शरिया को सिर्फ एक व्याख्या बताया और कहा कि शरिया को पूरी तरह से निश्चित और सम्पूर्ण नहीं माना जा सकता है। खान ने कहा कि कुरान कोई कानूनों की किताब नहीं, बल्कि मानवता के लिए खुदा का प्रत्यक्ष दर्शन है और यही कारण है कि मुस्लिम विद्वानों को इज्मा, क़ियास, इस्तिस्ला और इज्तिहाद जैसे अतिरिक्त-कुरान स्रोतों पर इतना अधिक भरोसा करना पड़ा।

एक अन्य यूजर ने कहा कि भले ही मोईद पीरजादा ने व्यंग्यात्मक रूप से यह ट्विटर पोल पब्लिश किया हो, लेकिन इस पर मतदान करने वाले लोग क्यों महिलाओं की इच्छाओं को निर्धारित करना चाहते हैं। मेहर बानो कुरैशी नाम की यूजर ने कहा, “हमारा जिस्म हमारी मर्जी, हमारा मुस्तकबिल हमारी मर्जी, हमारा लिबास हमारी मर्जी।”

पूर्व सांसद समन जाफरी ने कहा, “क्लीन शेवेन तालिबान। महिलाओं को कैसे कपड़े पहनने हैं, यह तय करने से पहले आपको दाढ़ी कैसे मिलेगी? वह भी शरीयत है, नहीं?”

हालाँकि ट्वीट की आलोचना होने के बाद पीरजादा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक व्यंग्य था और अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता के लिए महिलाओं की प्रतिभागिता के साथ समावेशी सरकार की बात की।

पीरजादा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

हालाँकि जिस तालिबान के शासन का उदाहरण पीरजादा ने दिया, उसमें महिलाओं की बदतर स्थिति की कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं। अफगानिस्तान की ही एक पूर्व महिला जज ने तालिबान की करतूतों का खुलासा करते हुए बताया कि मुल्क के महिलाओं की तालिबानियों द्वारा हत्या की जा रही है। उन्होंने बताया कि उत्तरी अफगानिस्तान में एक महिला को सिर्फ इसीलिए आग में जला डाला गया क्योंकि तालिबानियों को उसका बनाया भोजन पसंद नहीं आया था। उस पर खराब खाना पकाने का आरोप लगा कर ये ‘सज़ा’ दी गई।

साथ ही ताबूतों में भर कर कई युवतियों को पड़ोसी मुल्कों में भेजा गया है, ताकि उनका इस्तेमाल सेक्स स्लेव के रूप में किया जा सके। युवतियों और बच्चियों की शादी तालिबानियों से करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कुछ ही दिनों पहले अफगानिस्तान के सरकारी टीवी चैनल की एंकर खादिजा अमीन को महिला होने के कारण बर्खास्त कर दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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