Wednesday, May 1, 2024
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‘सीरिया वाले शरणार्थियों को बाहर निकालो, ये लूट रहे हमारी घरें-दुकानें’: भूकंप के बाद तुर्की के लोगों में आक्रोश, मरने वालों की संख्या 37000 के पार

नाम न बताने की शर्त पर एक सीरियाई व्यक्ति ने अफसोस जताते हुए कहा कि अरबी बोले जाने पर लोग उनपर चिल्लाने लगते हैं। इसलिए, उन्होंने बचाव स्थलों पर जाना बंद कर दिया है।

तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में हाल ही में आए भूकंप से हजारों लोगों की मौत हो गई है और मृतकों का आँकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर तुर्की में लाखों सीरियाई शरणार्थियों के प्रति तुर्कों के बीच नाराजगी भी बढ़ती जा रही है। कुछ लोग सीरियाई शरणार्थियों पर अराजकता और तबाही के बीच लूटपाट का आरोप लगा रहे हैं।

यही वजह है कि एक मुस्लिम-बहुसंख्यक देश तुर्की में सीरियाई लोगों के खिलाफ घृणा के मामले बढ़ रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप प्रभावित कस्बों और शहरों में, कुछ तुर्कों ने सीरियाई लोगों पर क्षतिग्रस्त दुकानों और घरों से चोरी करने का आरोप लगाया है। ट्विटर पर सीरियाई विरोधी स्लोगन ट्रेंड कर रहा है। तुर्क लोग ‘हम सीरियाई नहीं चाहते हैं’, ‘अप्रवासियों को वापस भेजो’, ‘अब कोई स्वागत नहीं’ जैसे स्लोगन को ट्रेड करवा रहे हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक आपातकालीन शिविरों में शरण लिए हुए सीरियाई भूकंप पीड़ितों को कथित तौर पर आश्रय शिविरों से बाहर निकाल दिया गया है। एक सीरियाई व्यक्ति ने मेर्सिन शहर में अपने हमवतन लोगों के लिए विशेष रूप से आश्रय स्थापित किया था, उसे भी तुर्को द्वारा नस्लवादी टिप्पणी का सामना करना पड़ा। 

नाम न बताने की शर्त पर एक सीरियाई व्यक्ति ने अफसोस जताते हुए कहा कि अरबी बोले जाने पर लोग उनपर चिल्लाने लगते हैं। इसलिए, उन्होंने बचाव स्थलों पर जाना बंद कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि लोग कलह पैदा करने के लिए लगातार उन पर लूटपाट का आरोप लगाते हैं।

तुर्की और सीरिया में भूकंप के कारण मरने वालों की आधिकारिक संख्या 37,000 से अधिक हो गई है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशँका है। स्थानीय निवासियों और सहायता सहायता कर्मियों के अनुसार हजारों विस्थापितों को भोजन और आपातकालीन आश्रय प्रदान करने में कई क्षेत्रों में कई दिनों की देरी हुई है। इसके अलावा, लूटपाट की खबरें आई हैं। कुछ विदेशी सहायता टीमों ने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण अस्थायी रूप से अपने काम को रोक दिया है।

तुर्की के न्याय मंत्री ने घोषणा कर कहा है कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने लूटपाट के आरोप में 48 लोगों को बिना पहचान के आधार पर गिरफ्तार किया है। राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan) ने लुटेरों से सख्ती से निपटने का संकल्प लिया है।

उल्लेखनीय है कि 2011 में सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद से तुर्की ने लगभग 40 लाख सीरियाई शरणार्थियों को अपने यहाँ शरण दी और उन्हें घर उपलब्ध कराया है। इनमें से अधिकांश शरणार्थी देश के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास रहते हैं। गज़ियान्तेप (Gaziantep) शहर भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और यहाँ लगभग 500,000 सीरियाई लोग रहते हैं, जो आबादी का 25% है।

हालाँकि, सीरियाई लोगों के प्रति आक्रोश कोई नई घटना नहीं है, वो बात अलग है कि भूकंप ने मौजूदा तनाव को बढ़ा दिया है। ताजा मामले अरब दुनिया के देशों के बीच मौजूद मतभेदों को रेखांकित करते हैं, भले ही वे इस्लाम के बैनर तले एकता का दिखावा करते रहे हों।

यहाँ तक कि तुर्की गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, इसने सीरियाई शरणार्थियों पर पिछले एक दशक में 40 अरब डॉलर से अधिक खर्च किया है। कुछ तुर्की लोग सीरियाई लोगों को सस्ते मजदूर मानते हैं जिन्होंने नौकरियों पर कब्जा कर लिया है और सेवाओं का इस्तेमाल किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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