Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयपोलैंड: लाइब्रेरी की दीवार पर उकेरे गए उपनिषद के छंद, यूजर्स बोले- दुनिया हिंदू...

पोलैंड: लाइब्रेरी की दीवार पर उकेरे गए उपनिषद के छंद, यूजर्स बोले- दुनिया हिंदू धर्म अपना रही है

विद्वानों ने उपनिषद शब्द की व्युत्पत्ति उप+नि+षद के रूप में मानी है। अर्थात् जो ज्ञान बिना किसी व्यवधान के निकट आए, जो ज्ञान विशिष्ट व संपूर्ण हो और जो ज्ञान सच्चा हो वह निश्चित ही उपनिषद कहलाता है।

पोलैंड के पुस्तकालय की दीवार पर उकेरे गए उपनिषद के छंदों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। यह तस्वीर पोलैंड के भारतीय दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई है, जो खासा चर्चा में हैं। ट्वीट में लिखा गया है, ”ये कितना सुखद नजारा है। यह वॉरसॉ यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी की दीवारें हैं, जहाँ उपनिषद के छंद उकेरे गए हैं। उपनिषद हिंदू दर्शन के वैदिक संस्कृत के मूलपाठ हैं, जो हिंदू धर्म का आधार है।”

बताया जा रहा है कि ये वॉरसॉ यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी की दीवारें हैं और यह फोटो 9 जुलाई 2021 की है। वॉरसॉ यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देसी नेटिजन्स गर्व महसूस कर रहे हैं।

एक यूजर ने कहा, “शानदार! जानकर गर्व और खुशी हुई। पूरी दुनिया ने हिंदू दर्शन को मान्यता देना शुरू कर दिया है, जबकि हम भारतीय अपनी महान संस्कृति को भूल रहे हैं। खासतौर पर युवाओं में इसके प्रति रुचि पैदा करने के लिए कुछ करना होगा।”

एक अन्य ने यूजर्स ने लिखा, “बाहर के देशों में भारतीय संस्कृति/उपनिषदों का दिल खोल के स्वागत किया जा रहा।” एक तीसरे यूजर ने कमेंट किया, “जब दुनिया हिंदू धर्म को अपना रही है, हम भारतीय पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रहे हैं।” किसी ने पूछा, “उत्तम… क्या भारत का कोई विश्वविद्यालय ऐसा करने की हिम्मत करेगा?” एक अन्य ने पोस्ट किया, “अद्भुत है भारतीय संस्कृति को किस प्रकार लोग अपना रहे हैं, ये उसका सीधा सादा उदाहरण है।”

उपनिषद हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ हैं। उपनिषदों को आमतौर पर वेदांत के रूप में जाना जाता है। बताया जाता है कि विद्वानों ने उपनिषद शब्द की व्युत्पत्ति उप+नि+षद के रूप में मानी है। अर्थात् जो ज्ञान बिना किसी व्यवधान के निकट आए, जो ज्ञान विशिष्ट व संपूर्ण हो और जो ज्ञान सच्चा हो वह निश्चित ही उपनिषद कहलाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -