अमेरिका ने चीन के खिलाफ रुख और सख्त कर लिया। चीन को मंगलवार (जुलाई 21, 2020) को ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावास 72 घंटे में बंद करने के आदेश दिए गए थे। शुक्रवार (जुलाई 24, 2020) शाम 4 बजे जैसे ही डेडलाइन खत्म हुई, अमेरिकी एजेंट्स इस बिल्डिंग में दाखिल हो गए। अंदर मौजूद कुछ लोगों ने गेट नहीं खोला। इस पर एफबीआई ने उन्हें वॉर्निंग दी। इसके बाद एजेंट्स ने दरवाजा ताकत के इस्तेमाल से खुलवाया।
हैरानी की बात चीन का रवैया है। जानकारी के मुताबिक, जिस तय वक्त में बिल्डिंग का हैंडओवर अमेरिका अधिकारियों को देना था, उस समय जब एफबीआई एजेंट्स वहाँ पहुँचे तो मेन गेट अंदर से लॉक था। पिछले गेट पर भी यही हाल थे। लेकिन, टीम ने इसे जबरदस्ती खुलवाया। बाद में मेन गेट पर भी ताकत का इस्तेमाल करना पड़ा।
Live from #Houston: #US officials fail to enter the (former) #CCP consulate as the door is locked from inside. They walk to the side door. 現場直擊:#美國 官員 未能從正門進入 #中共 (前)#休士頓 領館,因爲門從裏面鎖上了。他們轉而走向側門。 pic.twitter.com/XYJvJbclGu
— Jennifer Zeng 曾錚 (@jenniferatntd) July 24, 2020
डिप्लोमैसी के नियमों के तहत चीन को अमेरिका द्वारा दी गई डेडलाइन खत्म होने के पहले दूतावास खाली करनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। दूतावास के हेड काई वेई ने ‘द पॉलिटिको’ को दिए इंटरव्यू में ट्रम्प प्रशासन का आदेश मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा था, “ये हमारे विरोध करने का तरीका है। हम कॉन्स्युलेट खाली नहीं करेंगे। बहरहाल, उन्हें बिल्डिंग खाली करनी पड़ी।”
हालाँकि, दूतावास की तलाशी के वक्त हैरान करने वाली चीजें दिखीं। दूतावास के बाहर कई चीनी नागरिक जुटे। इन्होंने अमेरिकी कार्रवाई का समर्थन किया और चीन के विरोध में बातें कहीं। इनमें से ज्यादातर लोग ताली बजाकर एफबीआई एजेंट्स का हौसला बढ़ा रहे थे।
दूतावास को बंद करने के लिए दी गई समय सीमा के खत्म होने से पहले ह्यूस्टन पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए और चार दशकों से चीन सरकार के कब्जे वाली इमारत के पास की सड़कों को बंद कर दिया। पुलिस ने वाणिज्य दूतावास की इमारत के चारों ओर सुरक्षा कड़ी कर दी है।
अब तक यह साफ नहीं है कि एफबीआई को ह्यूस्टन कॉन्स्युलेट से क्या मिला। हालाँकि, एजेंट्स के दाखिल होने के बाद कई लोग बक्से लेकर बाहर निकलते दिखे। ये लोग लोकल पुलिस डिपार्टमेंट के थे। एफबीआई के साथ फोरेंसिक डिपार्टमेंट की एक स्पेशल टीम भी आई थी। माना जा रहा है कि इस टीम ने मंगलवार को जलाए गए डॉक्युमेंट्स के सुराग तलाशे। दस्तावेज जलाए जाने की घटना के बाद ही दूतावास पर शक हुआ था। इसके बाद इसे 72 घंटे में बंद करने के आदेश दिए गए थे।
गौरतलब है कि अमेरिका ने चीन से 72 घंटे के भीतर ह्यूस्टन में अपने वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आरोप लगाया था कि यह जासूसी और बौद्धिक संपदा की चोरी का एक केंद्र है। शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने वाणिज्य दूतावास पर अमेरिका में बीजिंग के जासूसी अभियानों का हिस्सा होने का भी आरोप लगाया था।
ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास बंद करने के अमेरिका के फैसले पर पलटवार करते हुए चीन ने शुक्रवार को चेंगदू स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया। दूतावास को बंद करने का आदेश देते समय, चीन ने अमेरिका पर अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगाया।