Saturday, April 27, 2024
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आयरलैंड ने जिस अल्जीरियाई को दी ‘शरण’, उसने ही दंगों की आग में झोंका: स्कूल के बाहर बच्चों पर चाकू से किए हमले

आयरलैंड की राज़धानी डबलिन में एक अल्जीरियाई अप्रवासी के स्कूल के बाहर चाकूबाजी के हमले में 3 बच्चों और एक महिला सहित 5 लोगों के घायल होने के बाद वहाँ की सड़कों पर हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

आयरलैंड की राजधानी डबलिन में गुरुवार (23 नवंबर,2023) को स्कूल के बाहर चाकूबाजी के हमले में 3 बच्चों और एक महिला सहित 4 लोगों के घायल होने के बाद वहाँ की सड़कों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। हमला करने वाले की पहचान 50 साल के अल्जीरियाई अप्रवासी के तौर पर हुई है।

इस अप्रवासी के हमले में घायल हुई 5 साल की एक बच्ची और 30 साल की एक औरत की हालत बेहद गंभीर है। हमले के बाद से आयरलैंड के लोगों ने आप्रवासन केंद्रों और बसों को जलाना शुरू कर दिया है। अल्जीरियाई अप्रवासी हिरासत में है, लेकिन आयरिश अधिकारियों का दावा है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।

इस सबके बीच आयरिश नागरिकों ने प्रवासियों खास तौर से से मध्य पूर्व से आने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की माँग की है। यहाँ के लोग इसलिए नाराज है कि बड़े पैमाने पर आप्रवासन की वजह से होने वाली परेशानियों और जातीय तनाव को आयरिश लिबरल सरकार वर्षों से अब-तक नजरअंदाज करती आ रही है।

यह घटना स्थानीय समयानुसार लगभग दोपहर 1.40 बजे पार्नेल स्क्वायर ईस्ट की भीड़ से भरी रहने वाली ओ’कोनेल स्ट्रीट के पास हुई। यहाँ 5 साल की बच्ची और 30 साल की महिला को चाकू मारने के बाद इस अल्जीरियाई अप्रवासी ने पास के एक स्कूल के बाहर एक छह साल की लड़की और एक 5 साल के लड़के को चाकू मार कर घायल किया।

इस चाकूबाजी के हमले के बाद घटना स्थल के पास उथल-पुथल मच गई क्योंकि प्रदर्शनकारी इलाके में जमा हो गए। इसके बाद वहाँ शाम 6 बजे से पुलिस और भीड़ के बीच हिंसक झड़पें ही शुरुआत हुई। आयरिश लोगों की भीड़ पूरे शहर में हिंसा पर उतर आई।

भीड़ ने गाड़ियों में आग लगाई। दुकानों में भी आगजनी की। अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए राइट शील्ड और डंडों का इस्तेमाल किया गया। सोशल मीडिया पर भी आयरिश लोग जमकर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ‘आयरलैंड बिलोंग टू आयरिश’ के हैशटैग चल रहे हैं।

उन्होंने सड़कों पर विरोध कर मोर्चा संभाल लिया है। वो यहाँ शरणार्थियों के शक्ल में आए लोगों के उनके बच्चों पर हमला करने और सभी तरह के अपराध करने से तंग आ चुके हैं और गुस्से में हैं।

वहीं इस बीच आयरलैंड के प्रधानमंत्री ने लियो वराडकर इन हालातों से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनात करने की बात कही है। पुलिस कमिश्नर ड्रू हैरिस ने इस हिंसा के लिए उन्मादी गुंडे गुट को जिम्मेदार ठहराया है।

इस सबके बीच डबलिन में गुस्से का माहौल है, क्योंकि लोग बच्चों पर चाकू से हमला करने की घटना के बाद जोर-शोर से आप्रवासन के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। वहाँ लोगों ने आव्रजन केंद्र में आग लगा दी। पुलिस पर भी हमला किया। अप्रवासियों की कुछ संपत्तियों पर हमला किया गया।

हालात यहाँ तक जा पहुँचे हैं कि आयरिश सरकार ने पुलिस की मदद के लिए सेना को बुलाया है। इस बीच आयरलैंड के नेशलिस्ट संगठन सिन फेन पार्टी की नेता सिन फीन मैरी लू मैकडोनाल्ड ने कहा है कि चाकूबाजी से आयरिश सदमे में और डरे हुए हैं।

ब्रिटेन फर्स्ट पार्टी के नेता पॉल गोल्डिंग भी खुल के अपने लोगों के समर्थन में उतर आए हैं। घटना के बाद इलाके में मौजूद लेबर पार्टी की सीनेटर मैरी शेरलॉक ने भी इसकी हमले की निंदा की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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