कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 10 बागी विधायकों को गुरुवार शाम छह बजे विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि इसके बाद यदि विधायक चाहें तो वे इस्तीफा दे सकते हैं। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष को भी आज ही उनके इस्तीफे पर फैसला करने का निर्देश दिया गया है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बागी विधायकों से कहा, “कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष से शाम छह बजे मिलिए और अगर आपकी इच्छा इस्तीफा देने की है तो उन्हें (अध्यक्ष को) सौंप दीजिए।” अदालत ने कहा है कि दिन के बाकी बचे वक्त में अध्यक्ष को इस्तीफे पर फैसला लेना होगा। उनके फैसले से शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया जाएगा।
The Supreme Court says Karnataka Speaker has to take a decision in remaining part the day. The Court also ordered the DGP of Karnataka to provide protection to all the rebel MLAs and adjourned the hearing for tomorrow (July 12). https://t.co/ih2fE1AKR3
— ANI (@ANI) July 11, 2019
बागी विधायक फिलहाल मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी को बागी विधायकों के मुंबई से बेंगलुरु पहुंचने के बाद हवाई अड्डे से विधानसभा तक सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है।
Karnataka Minister and Congress leader DK Shivakumar in #Bengaluru: We have confidence that the MLAs will be with us. I hope they will come back and withdraw their resignation. #Karnataka pic.twitter.com/qmfqPsPRee
— ANI (@ANI) July 11, 2019
कर्नाटक सरकार के मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि सभी विधायक सरकार के साथ हैं और अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। इससे पहले बुधवार को शिवकुमार बागी विधायकों से मिलने मुंबई भी गए थे। लेकिन, उन्हें होटल में एंट्री नहीं मिली। इसके बावजूद विधायकों से मुलाकात के लिए अड़े रहने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था और बाद में रिहा कर बेंगलुरु भेज दिया गया।
बागी विधायकों ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार पक्षपात पूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं और जान-बूझकर उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं कर रहे।
गौरतलब है कि 16 विधायकों के इस्तीफे के कारण एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस-जेडीएस सरकार पर गिरने का खतरा मंडरा रहा है। यदि विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी।