Tuesday, April 23, 2024
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‘कभी 100% हिन्दू राज्य था कश्मीर, वहाँ के म्यूजियम में जरूर जाइए, स्पष्ट तस्वीर दिखेगी’ – फारूक खान

“हमारे लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण लक्ष्य अपने उन सभी कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को पूरे सम्मान के साथ वापस लाना है, जिन्हें बंदूक की नोंक पर धमकी के तहत राज्य छोड़ना पड़ा था। हम उन्हें पूरे सम्मान के साथ वापस लेकर आएँगे और...”

जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल गिरिश चंद्र मुर्मू के सलाहकार फारूक खान ने शनिवार (फरवरी 29, 2020) को गुजरात में ‘इंडिया आइडिया कॉन्क्लेव’ में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कश्मीर को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि एक समय में कश्मीर 100 फीसदी हिंदू राज्य हुआ करता था। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीरी पंडितों को सम्मानपूर्वक घर वापसी कराने को अपने मुख्य उद्देश्य बताया।

उन्होंने कहा, “हम में से बहुत ही कम लोगों को पता है कि कश्मीर कभी 100 फीसदी हिंदू राज्य था। जो लोग भी वहाँ जाते हैं, उन्हें कश्मीर म्यूजियम जरूर जाना चाहिए और देखना चाहिए कि वहाँ क्या है, वो आपको प्राचीन कश्मीर के इतिहास की स्पष्ट तस्वीर दिखाता है। इससे आपको प्राचीन कश्मीर को समझने में मदद मिलेगी।”

कॉन्क्लेव में बोलते हुए आगे खान ने कहा, “हमारे लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण लक्ष्य अपने उन सभी कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को पूरे सम्मान के साथ वापस लाना है, जिन्हें बंदूक की नोंक पर धमकी के तहत राज्य छोड़ना पड़ा था। हम उन्हें पूरे सम्मान के साथ वापस लेकर आएँगे और वह बिना किसी डर और खतरे के कश्मीर में खुशहाल जीवन जी सकेंगे।”

बता दें कि फारुक खान ने साल 1984 में एक सब-इंस्पेक्टर के तौर में जम्मू-कश्मीर में अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक के पद पर अपनी सेवाएँ दीं। पिछले साल ही उन्होंने तत्कालीन राज्यपाल सत्य पाल मलिक के सलाहकार के रूप में पदभार सँभाला था। फिलहाल वो जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल के सलाहकार हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर के 2 हिस्से कर दिए थे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 2 अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए थे। इसी के तहत जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल की नियुक्ति हुई।

वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को कठुआ जिले में शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज्य संस्थाओं के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति से नौकरियों और जमीन से संबंधित कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दूरदराज के और सीमावर्ती क्षेत्रों के हर घर तक पानी, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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