Sunday, October 1, 2023
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राणा अयूब के ख़िलाफ़ मुंबई में FIR दर्ज, भगवाधारियों को बताया था- आतंकी

राणा अयूब के ख़िलाफ़ ये शिकायत वकील आशुतोष जे दुबे ने दर्ज कराई है। उनकी माँग है कि 1.5 मिलियन फॉलोवर वाली राणा अयूब की विवादित वीडियो पर कार्रवाई की जाए जिसमें उन्होंने भगवा झंडा उठाने वालों को आतंकी बताया था।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्लामी प्रोपगेंडे को हवा देने वाली राणा अयूब के विरुद्ध मुंबई पुलिस में एक वकील ने केस दर्ज कराया है। अयूब पर आरोप है कि उन्होंने कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का विरोध करने वाले भगवाधारियों को आतंकी कहा। अयूब के ख़िलाफ़ ये शिकायत वकील आशुतोष जे दुबे ने दर्ज कराई है। उनकी माँग है कि 1.5 मिलियन फॉलोवर वाली राणा अयूब की विवादित वीडियो पर कार्रवाई की जाए जिसमें उन्होंने भगवा झंडा उठाने वाले छात्रों को आतंकी बताया था।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वित्तीय धोखाधड़ी कर पकड़ी गईं वाशिंगटन पोस्ट की स्तंभकार राणा अयूब ने बीबीसी वर्ल्ड न्यूज से बुर्का विवाद पर अपना इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में अयूब ने शैक्षणिक संस्थानों में न सिर्फ लड़कियों के हिजाब पहनने के मसले पर झूठ बोला था बल्कि जय श्री राम कहने वालों को ‘हिंदू आतंकी’ कहा था।

अयूब ने आर्टिकल 25 का हवाला देकर इस दौरान ये तो बताया था कि कैसे देश में हर नागरिक को अपने मजहब का अभ्यास करने का अधिकार है, लेकिन ये बताना भूल गईं कि हर शैक्षणिक संस्थान के पास भी अपने नियम बनाने का अधिकार है जिसमें ड्रेस कोड का निर्धारण आता है और जिसे हर छात्र को फॉलो करना होता है।

अपने इंटरव्यू में अयूब ने इतने झूठ बोले कि वो खुद आँकड़ों में कन्फ्यूज हो गईं। उन्होंने शुरू में कहा कि 100 हिंदुओं ने कर्नाटक में  मुस्लिम लड़की को घेरा और कुछ ही देर में वो बोलती सुनी गईं कि ये संख्या 200 थी। अयूब बोलीं, “ये वो भारत नहीं है जिस पर हमें कभी गर्व होता था। ये दक्षिणपंथी आतंकियों का भारत है।”

अपने इस इंटरव्यू में अयूब ने मुस्लिमों के साथ होती हिंसा, उनकी लिंचिंग, उन्हें नमाज न पढ़ने देने के मुद्दे को बढ़-चढ़ कर उठाया लेकिन ये नहीं बता पाईं कि कैसे मुस्लिम सार्वजनिक स्थल घेरकर नमाज पढ़ने का काम करते थे और कैसे देश में हिंदुओं के ख़िलाफ़ तमाम अपराध होते हैं। बात चाहे गुजरात के किशन भरवाड की हो या झारखंड के रुपेश पांडे की, अयूब ने अपने इंटरव्यू में हर हिंदू के साथ हुई बर्बरता को एक सिरे से नजरअंदाज कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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