पंजाब पुलिस ने शुक्रवार (6 मई, 2022) को भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को उनके दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया और उनके बुजुर्ग पिता के साथ मारपीट की। दिल्ली में पंजाब पुलिस पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया। हरियाणा में पंजाब पुलिस की गाड़ी को रोका गया और तजिंदर बग्गा को वापस दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। लेकिन, इन सबके बीच मीडिया ने भी खूब प्रोपेगंडा फैलाया। हिंदुस्तान टाइम्स (HT) ने तो भाजपा को गुंडों की पार्टी तक बता दिया।
हिंदुस्तान टाइम्स ने ट्विटर पर शेयर की गई अपनी खबर में लिखा, “शुक्रवार को घटनाओं के नाटकीय क्रम में ‘भाजपा – गुंडों की पार्टी’ के नेता तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, फिर उन्हें कुछ ही घंटों बाद वापस दिल्ली ले आया गया।” JNU के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने HT से पूछा कि भाजपा के बारे में वो ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है तो ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ को लेकर उसकी शब्दावली क्या होगी?
What hashtag would @htTweets use for AAP, I wonder. WDTT https://t.co/asw1nP1rZi pic.twitter.com/4sIq3dbiBO
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) May 7, 2022
वहीं अब HT ने इस मामले पर सफाई दी है। मीडिया संस्थान ने कहा, “ट्वीटडेक के एक ऑटोपोल फीचर ने भाजपा के लिए एक शरारतपूर्ण हैशटैग का इस्तेमाल किया और इससे पहले कि इस चीज की जाँच की जाती और इसे सही किया जाता, ट्वीट प्रकाशित हो गया। हमें इस गलती के लिए गंभीर रूप से पछतावा है। हम अपनी सोशल मीडिया प्रकाशन प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे हैं और ऐसे कदम उठा रहे हैं, जिससे भविष्य में ऐसा न हो।”
We are reviewing our social media publishing processes and putting in place measures to ensure this does not happen again.
— Hindustan Times (@htTweets) May 7, 2022
हालाँकि, HT को इस दौरान लोगों की तीखी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा। एक व्यक्ति ने याद दिलाया कि इसी तरह HT ने ‘नीति आयोग’ के CEO अमिताभ कान्त के बयान को लेकर भी झूठ फैलाया था, जिसके बाद उन्हें स्पष्ट करना पड़ा था कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। उनके हवाले से गलत खबर छाप दी गई थी कि उन्होंने भारत में ‘ज़रूरत से ज्यादा लोकतंत्र’ होने की बात कही है, जबकि वो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के बारे में बात कर रहे थे।
राजनीतिक विश्लेषक ऋषि बागरी ने हिंदुस्तान टाइम्स से पूछा कि क्या आपका ऑटोपोल फीचर सिर्फ एक ही पार्टी के विरुद्ध काम करता है? उन्होंने आश्चर्य जताया कि इतने सटीक तरीके से किसी वाक्य के बीच इस तरह के हैशटैग का आना मशीनी गलती नहीं हो सकती। सोशल मीडिया में ये भी कहा जा रहा है कि AAP से कई मीडिया संस्थानों को भारी विज्ञापन मिलता है, इसीलिए वो तजिंदर बग्गा मामले में टिप्पणी करने से बच रहे हैं और उल्टा भाजपा को ही दोषी ठहरा रहे हैं।