भारत में पूरे समाज के लिए खतरा बन चुके तबलीगी जमात की हकीकत अब सबके सामने आ चुकी हैं। ऐसे में कुछ मीडिया गिरोह के लोग सोशल मीडिया पर इनका समर्थन कर रहे हैं और अब भी इन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। रेडियो मिर्ची की आरजे सायमा उन्हीं में से एक हैं। जो जमातियों की हरकतों पर न केवल सफाई पेश कर रही हैं। बल्कि उनके गुनाह को फेक न्यूज़ कहकर उसपर लीपापोती भी कर रही हैं। उनका कहना है कि तबलीगी जमातियों ने गलती की। मगर जो उनकी गलती को मुद्दा बना रहे हैं वो इस देश में ज्यादा खतरनाक हैं।
दरअसल, आरजे सायमा ने दि प्रिंट के शेखर गुप्ता के एक ट्वीट को रीट्वीट किया। जिसमें शेखर गुप्ता ने तबलीगी जमात के मुस्लिम स्कॉलर की बात पोस्ट की थी कि तबलीगी जमात की हरकत को गलती कहिए। साजिश नहीं।
अब इसी को रीट्वीट करते हुए आरजे सायमा लिखती हैं, “वास्तव में ये यही है। एक गलती। शायद एक बहुत बड़ी गलती। लेकिन इसके पीछे मंशा गलत नहीं थी। जो लोग इसपर राजनीति कर रहे हैं वे इस देश के लिए खतरा हैं। वे कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक हैं।”
That’s exactly what it is! A mistake! A blunder perhaps but the ‘intentions’ were never maligned. People doing politics over a ‘mistake’ are a curse on this country. They are infected with a deadlier virus than Covid-19. https://t.co/rkEF3AIfKh
— Sayema (@_sayema) April 8, 2020
अब हालाँकि, इस समय सायमा जैसे लोगों की ये बातें ट्विटर पर किसी जहर से कम नहीं है। जो आम जनता से ये कहना चाहती हैं कि गलत को गलत मत बोलो, बल्कि जो उसे गलत बोले, जो ऐसे अपराधियों के अपराध को उजागर करे, उनके ख़िलाफ़ बोलो।
आरजे सायमा ये बात अच्छे से जानती होंगी कि इस समय जमाती जगह-जगह कितनी गंदगी मचा रहे हैं। मगर फिर भी वे हर पहलू से अंजान बन रही हैं और कह रही हैं कि तबलीगी जमात की हरकतें गलती हैं, उन्होंने सब कुछ जानबूझ कर नहीं किया।
Spitting on the healthcare officials, spitting out of bus on roads, roaming half naked-passing lewd remarks on female staff, unreasonable demands in hospitals, creating ruckus forcing only male staffs to attend to them & how conveniently u say intentions were not maligned. Cheap
— Sanjay (@panchals71) April 8, 2020
अब इसी कारण सोशल मीडिया पर इस समय लोग उन्हें घेरने लगे हैं और उनका भ्रम मिटाने के लिए वे सभी हरकतें एक के बाद एक बता रहे हैं, जो तबलीगी जमाती पकड़े जाने के बाद और क्वारंटाइन सेंटर में कर रहे हैं। इसी क्रम में एक ऐसा प्रयास संजय नाम के यूजर ने भी किया।
संजय ने सायमा का ट्वीट देखकर प्रतिक्रिया में सायमा के लिए लिखा, “स्वास्थ्य अधिकारियों पर थूकना, सड़कों पर बस से बाहर थूकना, महिला कर्मचारियों के सामने अर्ध नग्न हो, भद्दी टिप्पणी करना, अस्पतालों में अनुचित माँग करना, केवल पुरुष कर्मचारियों को उनके लिए उपस्थित होने के लिए हंगामा करना और आप कितनी आसानी से कह रही हो कि इनके इरादे खराब नहीं हैं। हद है।”
यहाँ संजय ने इस ट्वीट के जरिए जमातियों की हरकतों को उजागर करने की कोशिश की। मगर, सायमा कहाँ समझने वाली थीं। उन्होंने उन सभी बातों को फेक न्यूज बता दिया और संजय को सलाह दी कि वे अपने भीतर मौजूद घृणा से ऊपर उठें। क्योंकि एक जीवन मिला है उसे इतनी नकारात्मकता के साथ जीने में न व्यर्थ करें।
Spitting on the healthcare officials, spitting out of bus on roads, roaming half naked-passing lewd remarks on female staff, unreasonable demands in hospitals, creating ruckus forcing only male staffs to attend to them & how conveniently u say intentions were not maligned. Cheap
— Sanjay (@panchals71) April 8, 2020
हैरानी की बात ये देखने को मिली कि उन्होंने टीवी पर दिखाई जा रही खबरों को फेक न्यूज़ कहकर खारिज कर दिया। साथ ही फेक न्यूज बनाने वाले ऑल्ट न्यूज का प्रचार किया। सायमा ने ऑल्ट न्यूज की तारीफ करते हुए संजय को सलाह दी कि वह ऑल्ट न्यूज को फ़ॉलो करें। ताकि उन्हें पता चले कि आखिर फेक क्या होता हैं।
गौरतलब है कि जिस ऑल्ट न्यूज की खबर शेयर करते हुए आरजे सायमा यूजर से ऑल्ट न्यूज फॉलो करने की बात करती हैं। वो खबर उस वायरल वीडियो से संबंधित है। जिसमें एक मुस्लिम फल विक्रेता थूक लगाकर उसे बेचने के लिए रेड़ी पर रख रहा था। हालाँकि, इसके वायरल होने के पीछे फल विक्रेता की हरकत मुख्य कारण थी। मगर ऑल्ट न्यूज़ का फैक्ट चेक इस बात पर था कि वीडियो अप्रैल में वायरल होनी शुरू हुई है। लेकिन वास्तविकता में ये घटना फरवरी की है।
बता दें, देश में इस समय कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है। हर राज्य की सरकार इस समय दो मुसीबतों से जूझ रही हैं। एक तो ये कि कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आँकड़ो को कैसे कंट्रोल किया जाए। दूसरा ये कि इन्हें फैलाने का मुख्य स्त्रोत बन चुके तबलीगी जमातियों को कैसे पकड़ा जाए। हालाँकि, ये बात सब जानते हैं कि अगर तबलीगी जमाती समय रहते अपनी बेवकूफी का प्रदर्शन न करते तो देश में ये आँकड़े अब तक 5 हजार पार नहीं करते और हो सकता था कि कुछ राज्य इससे अछूते भी रह जाते। मगर, इनकी नासमझी और मनमानियों के कारण ये गंभीर विषय बन गया। यहाँ तक की कई नेताओं ने नियमों का पालन न करने वाले ऐसे कोरोना पॉजिटिव जमातियों को ‘मानव बम‘ भी कहा।