बार-बार फजीहत कराने वाले पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक बार फिर से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को लेकर फर्जी खबर फैलाने की कोशिश की। हालाँकि एक बार फिर से उन्हें मुँह की खानी पड़ी। लोगों ने उन्हें एक बार फिर से उनकी फजीहत कर डाली।
दरअसल बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट्स के असली हीरो सोनम वांगचुक ने चीन के खिलाफ एक अभियान छेड़ा है।उन्होंने लोगों से चीनी कंपनियों में बने सामानों के बहिष्कार करने की अपील की है। वांगचुक ने इस संबंध में एक वीडियो जारी करते हुए कहा, “एक सप्ताह में चीन के सभी सॉफ्टवेयर को छोड़ें और एक साल में चीन के सभी हार्डवेयर को।”
राजदीप सरदेसाई ने इसी वीडियो को लेकर सोनम वांगचुक को घेरना चाहा। उन्होंने लिखा कि वो निश्चित रूप से टिकटॉक के बिना रह सकते हैं, लेकिन मेड इन चाइन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का क्या? क्या हम सभी यहाँ जाना बंद कर देंगें? इसके साथ ही उन्होंने एक स्माइली भी लगाया है।
जैसा कि कहा गया है कि झूठ के पैर नहीं होते हैं, तो राजदीप सरदेसाई का झूठ भी काफी देर तक चल न सका। जल्द ही सोशल मीडिया यूजर्स ने राजदीप की पोल खोलते हुए सच को सामने रख दिया। इसके बाद उनके पास सिवाय ट्वीट डिलीट करने के कोई और विकल्प नहीं रह गया। वो ट्वीट डिलीट कर चुपचाप निकल लिए।
Bhai @sardesairajdeep jab nahi tha gaan mai guda toh kyu Lanka mai kuda 😹😹
— Maddy (@BACK_BencherGuy) May 31, 2020
Delete kar k bhaag gaya 😂😂 pic.twitter.com/ufdLl9Z5Xe
ट्विटर पर @BACK_BencherGuy नाम के यूजर्स ने सच्चाई सामने रखते हुए लिखा, “सर आप मोदी विरोध में देश विरोधी क्यों बन रहे हो।”
यूजर ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का प्रोजेक्ट लार्सन ऐंड टूब्रो (L&T) को दिया गया था। उस समय भी ऐसी अफवाहें फैली कि लार्सन ऐंड टूब्रो ने चीनी फैक्टरी के साथ सौदा किया है। इसके बाद 2015 में L&T ने खुद यह स्पष्ट किया था कि इस स्टैच्यू को भारत में बनाया जा रहा है और कंपनी सिर्फ ब्रॉन्ज प्लेट्स चीन से मँगा रही है।
L&T ने एक आधिकारिक बयान में कहा था, “पूरी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत में बन रही है और सिर्फ ब्रॉन्ज प्लेट्स चीन से आयात कर रहा है, जिसकी कीमत इस पूरे प्रॉजेक्ट का सिर्फ 9 प्रतिशत है।”
L&T ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के मेड इन चाइना होने की अफवाहों को खारिज किया और कहा था कि पूरी की पूरी मूर्ति को चीन में बनवाकर भारत लाने वाली खबरें पूरी तरह गलतफहमी हैं।
इस महापुरुष का जन्म इस दुनिया में साक्षात बदनामी के लिए हुआ हैं।प्रणब दा से नरेंद्र मोदी तक सबने इसकी खूब बजाई हैं।कहीं राहुल बाबा भी मजे में हारमोनियम ना बजा दे ।😂😂😂😂😂😂😂😂😀
— Satyam Deo (@deosatyam_13) May 31, 2020
बता दें कि राजदीप सरदेसाई के इस झूठ पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी खूब मजे लिए। एक यूजर ने लिखा, इस महापुरुष का जन्म इस दुनिया में साक्षात बदनामी के लिए हुआ है। प्रणब दा से नरेंद्र मोदी तक सबने इसकी खूब बजाई है। कहीं राहुल बाबा भी मजे में हारमोनियम ना बजा दें।
He knows about the statue well but he is “aadat se majboor” !
— AkshayakrPatra (@AkshayakrP) May 31, 2020
वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि वो इस स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, मगर ‘आदत से मजबूर’ हैं।
FIR shud be done and @sardesairajdeep shud be arrested for spreading fake news against the statue of unity
— Nilesh (@khandale_nilesh) May 31, 2020
नीलेश नाम के यूजर ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने को लेकर FIR और गिरफ्तारी की माँग की। वहीं एक यूजर ने लिखा, “एक बार अगर कोई मुझे कहे की कुत्ते की दुम सीधी हो सकती है तो मैं उसे मान भी लूँगा, लेकिन ये आदमी… लाइलाज है।”
एक बार अगर कोई मुझे कहे की कुत्ते की दुम सीधी हो सकती है तो मै उसे मान भी लूंगा, लेकिन ये आदमी……….…..…..………………
— सुदर्शन (@Deo_Sudarshan) May 31, 2020
लाईलाज है
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब राजदीप सरदेसाई ने इस तरह की झूठी खबरें फैलाई हों। इससे पहले भी उन्होंने अमित शाह को लेकर फर्जी खबर फैलाने की कोशिश, जिसके बाद उन्हें दो बार ट्वीट डिलीट करनी पड़ी थी।
वहीं एक ट्वीट में राजदीप ने बताया कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब को केवल 71 करोड़ रुपए दिए हैं। जबकि राजदीप के दावों के उलट पजांब को 247 करोड़ रुपए मिले थे।