रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने अपने दो पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मॉंग राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से शुक्रवार (11 सितंबर, 2020) को की। इससे पहले नेटवर्क ने महाराष्ट्र सरकार से अपने दोनों पत्रकारों को रिहा करने को कहा था।
रिपोर्ट के अनुसार, इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग करने गए रिपोर्टर अनुज कुमार, कैमरामैन यशपालजीत सिंह और ओला कैब ड्राइवर प्रदीप दिलीप धनावड़े को अवैध रूप से महाराष्ट्र पुलिस ने हिरासत में लिया था। इनको महाराष्ट्र पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से तीन दिन से हिरासत में रखा हुआ है।
कथित तौर पर रायगढ़ के कर्जत में बने उद्धव ठाकरे की बिल्डिंग के सुरक्षा गार्ड से कुछ पूछताछ करने पर रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों को महाराष्ट्र पुलिस द्वारा बिना परमिशन के भवन में घुसने के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था।
चैनल ने कहा है कि वे बॉम्बे हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएँगे, क्योंकि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अनुज से जबरन पूछताछ की जा रही है और उन्हें सूत्र का खुलासा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
गौरतलब है इससे पहले रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के प्रमुख अर्नब गोस्वामी ने अपने पत्रकारों को तत्काल रिहा करने की माँग की करते हुए केबल ऑपरेटर्स को शिवसेना की ओर से दी गई धमकी पर भी चेताया था।
अर्नब गोस्वामी ने कहा था, “उद्धव ठाकरे, मेरे पत्रकारों को रिहा करो। आपने कानून तोड़ा है और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। आपने संविधान नहीं लिखा और आपको इसे अपने हिसाब से चलाने का कोई अधिकार नहीं है।” रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ ने कहा था कि अगर उद्धव ठाकरे पत्रकारों को रिहा नहीं करते हैं, तो वह जनता और देश की सर्वोच्च अदालत में उनसे लड़ेंगे।