शेखर गुप्ता का ‘द प्रिंट’ प्रोपेगेंडाबाजी का उस्ताद रहा है। इसी कड़ी में उसने बुधवार (21 अप्रैल 2021) को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक साक्षात्कार प्रकाशित किया।
इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दावा किया है, “पहली लहर के दौरान हमने समय से बॉर्डर सील कर संक्रमण को फैलने से रोका। लेकिन, दूसरी लहर को लेकर केंद्र ने राज्यों को सचेत नहीं किया। वे इसके बारे में जानते थे, लेकिन कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया।”
इस इंटरव्यू को शेखर गुप्ता ने अपने ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया है। साथ ही बताया है कि द प्रिंट के युवा रिपोर्टर उस जगह पहुँच ही जाते हैं, जहाँ खबर होती है।
दिलचस्प यह है कि बघेल के दावों वाले जिस इंटरव्यू को लेकर शेखर गुप्ता ने ‘युवा रिपोर्टर’ की पीठ थपथपाई है उनको भी शायद द प्रिंट की ही खबरों पर भरोसा नहीं है! असल में इसी साल 7 जनवरी को द प्रिन्ट पर एक खबर प्रकाशित हुई थी। इसमें बताया गया था कि केंद्र ने महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़ और बंगाल को Covid-19 के बढ़ते संक्रमण पर सतर्क रहने और नजर बनाए रखने को कहा है। इस रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा हुआ था कि इन चार राज्यों में देश के कुल सक्रिय मरीजों के 59% मरीज हैं।
7 जनवरी की इस रिपोर्ट में बताया गया था कि केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन राज्यों में घट रही टेस्टिंग पर भी चिंता व्यक्त की है और राज्यों को यह सलाह दी है कि वे इस पर ध्यान दें। इसी रिपोर्ट में विस्तार से इन राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति पर चर्चा की गई थी, जिसमें पॉजिटिविटी रेट पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई थी क्योंकि रिपोर्ट प्रकाशित होने के समय इन राज्यों की पॉजिटिविटी दर देश की औसत पॉजिटिविटी दर से कहीं अधिक थी।
साला Print के पत्तलकर, खुद के पोर्टल में छापे लेख नही पढते? https://t.co/H4ttZzxfAN pic.twitter.com/TFMenUykjd
— Vikrant ~ विक्रांत (@vikrantkumar) April 22, 2021
Seems like @ShekharGupta doesn’t read articles published in his own portal!
— Magesh (@Magesh15n) April 22, 2021
दिलचस्प यह भी है कि जिस बघेल के इंटरव्यू को शेखर गुप्ता ‘खबर’ बता रहे हैं, उसी मुख्यमंत्री ने स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के प्रभाव पर भी सवाल उठाया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने भी ऐसा ही किया था। लेकिन बघेल के साथ इंटरव्यू में इन सवालों के जवाब नहीं हैं।
लगता है कि खबर के लिए हर जगह पहुँच जाने वाले ‘युवा रिपोर्टर’ तैयार करने वाले शेखर गुप्ता शायद उन्हें पत्रकारिता की मूलभूत चीजों का प्रशिक्षण देना ही भूल गए हैं। कैसे साक्षात्कार की तैयारी होती है? साक्षात्कार में कैसे सवाल पूछे जाते हैं?
वैसे उनसे इसकी उम्मीद करना भी बेमानी ही है। क्योंकि हाल ही में कोरोना संक्रमण का ठीकरा केंद्र पर फोड़ते हुए शेखर गुप्ता ने कहा था कि मोदी सरकार ने शुरू में सबके लिए एक तरह का रास्ता अपनाते हुए हर राज्य को उनका फरमान मानने के लिए मजबूर किया और उनसे (राज्यों से) वो अधिकार भी छीन लिए कि वह महामारी के समय में अपने राज्य की वास्तविकता और जरूरत के हिसाब से फैसले ले सकें। द प्रिंट कोरोना के स्वदेशी टीकों के खिलाफ अफवाहें फैलाने में भी सबसे अगली पंक्ति में था।