Saturday, April 27, 2024
Homeविचारमीडिया हलचलसुबह का 'प्रोपेगेंडाबाज' शाम को 'पलटी मारे' तो उसे शेखर गुप्ता कहते हैं: कोरोना...

सुबह का ‘प्रोपेगेंडाबाज’ शाम को ‘पलटी मारे’ तो उसे शेखर गुप्ता कहते हैं: कोरोना वैक्सीन में ‘दाल-भात मूसलचंद’ का क्या काम

सरकार ने 1 मई से टीकाकरण को लेकर जिस तरह पूरे प्लान के साथ आदेश जारी किया है, स्पष्ट है कि वो अचानक से नहीं हुआ। शेखर गुप्ता को अपने पुराने ट्वीट्स और खबरें देखनी चाहिए, जिसमें उन्होंने इन्हीं स्वदेशी टीकाओं को लेकर डर का माहौल बनाया था।

अगर कोई व्यक्ति अपनी पूरी मशीनरी के साथ किसी चीज के खिलाफप्रोपेगेंडा फैलाने में लगा हो और कुछ ही दिनों बाद फिर से उसके पक्ष में बातें करने लगे तो ज़रूर दाल में कुछ काला है। शेखर गुप्ता का ‘द प्रिंट’ कोरोना के स्वदेशी टीकों के खिलाफ अफवाहें फैलाने में सबसे अगली पंक्ति में था। अब यही गुप्ता सभी के टीकाकरण का स्वागत कर रहे हैं। साथ ही वो केंद्र सरकार द्वारा ‘भूल सुधारने’ की बातें भी कर रहे हैं।

दरअसल, ये सब कुछ भारत सरकार के एक फैसले के बाद शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (अप्रैल 19, 2021) को कई मैराथन बैठकें की, जिसके बाद शाम को खबर आई कि मई 1 से 18 वर्ष की उम्र के लोग कोरोना वैक्सीन ले सकेंगे। इसके बाद इसका क्रेडिट लेने की होड़ मच गई। कॉन्ग्रेस नेताओं ने कहा कि ‘दूरदर्शी’ राहुल गाँधी के कहने पर ऐसा हुआ। TMC नेता कहने लगे कि देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री की सलाह केंद्र ने सुनी।

ऐसे में मीडिया के गिरोह विशेष का प्रतिनिधित्व करने वाले शेखर गुप्ता कैसे पीछे रहते। उन्होंने एक कहावत शेयर की, “सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो वो भूला नहीं कहलाता।” उन्होंने दावा किया कि पहले ही काफी समय जाया हो चुका है, कई लोग मर चुके हैं और कामकाज के कितने ही दिन बर्बाद हो गए हैं। साथ ही उन्होंने भारत सरकार के आदेश वाली प्रेस रिलीज शेयर की।

असल में भारत सरकार ने पहले ही टीकाकरण को कई चरणों में कराने का फैसला लिया था और इसके तहत सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और कोरोना वॉरियर्स को प्राथमिकता दी गई। ये वो समय था, जब भाजपा विरोधी पूरा तंत्र वैक्सीन को लेकर इतनी अफवाहें फ़ैलाने में व्यस्त था कि कई लोग डर से भी इसे नहीं ले रहे थे। स्वाथ्यकर्मियों के बाद बुजुर्गों और फिर 45 वर्ष की उम्र के ऊपर के लोगो को वैक्सीन दी गई।

ध्यान देने वाली बात ये है कि अब तक इन सभी को स्वदेशी वैक्सीन ही दी गई है। अब अंतिम चरण में तो 18 वर्ष के ऊपर के ही व्यस्क बच जाते हैं न? तो फिर वैक्सीन उन्हें मिलनी ही थी। इसमें ‘भूल’ कहाँ हुई? क्या कोरोना वॉरियर्स को पहले वैक्सीन देना भूल थी? क्या वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता देना भूल थी? ऐसा तो है नहीं कि गुप्ता जी जैसों को लगता हो कि वैक्सीन की खेप PMO में रखी हुई थी और उसे बस रिलीज करना था।

इसके लिए सरकार को वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को पैसे देने होते हैं। अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड बनाने वाली कंपनियों को 4500 करोड़ से भी अधिक रुपए 100% एडवांस पेमेंट के रूप में जारी किए हैं, तब जाकर टीकाकरण के लिए 18 वर्ष के सभी योग्य लोगों के लिए सुलभ हो सकेगा। सरकार टीकाकरण का पूरा खर्च उठा रही है। अब तक जनता से एक पाई भी नहीं लिया गया है।

भारत इस मामले में डायनेमिक मैपिंग मॉडल पर कार्य कर रहा है, जिसके तहत जिन्हें कोरोना से ज्यादा खतरा है उन्हें पहले वैक्सीन दी गई। इसका पहला फेज जनवरी 16, 2021 को ही शुरू कर दिया गया था। पीएम मोदी ने कल की बैठक में भी कहा कि सरकार देश में सभी पात्र लोगों के टीकाकरण के लिए एक वृहद योजना लेकर चल रही है।

क्या आपको पता है कि जब वैक्सीन को लेकर जागरूकता फैलाने की बारी थी, तब शेखर गुप्ता का ‘द प्रिंट’ क्या कर रहा था? फरवरी 3, 2021 को आई एक खबर में बताया गया था कि कैसे भारत बायोटेक और सीरम (SII) विवादों में घिरा हुआ है। उससे पहले जनवरी में दोनों वैक्सीन को वैज्ञानिक रूप से संदेहास्पद बताया गया। मार्च 13 की खबर में बताया गया कि सरकार को कोवैक्सीन पर विश्वास नहीं है और इसकी वजह हैं 43 कोरोना केसेज।

इतना ही नहीं, शेखर गुप्ता के पोर्टल की और भी कारस्तानियाँ सुनिए। जनवरी 2021 की ही एक अन्य खबर में दावा किया कि भारत बायोटेक ने एक ही दिन में एक्सपर्ट पैनल के दिमाग को बदल दिया। जनवरी 22 को कहा गया कि कोवैक्सीन WHO के मानकों पर खड़ा नहीं उतरता है। जनवरी की शुरुआत में कहा गया कि वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल अपूर्ण है। जनवरी 16 को कहा गया कि कोवैक्सीन को लेकर लोगों में सकुचाहट है।

जनवरी 8 को एक खबर में दावा कर दिया गया कि भारतीय नियामकों में इतने छेद हैं कि दोनों वैक्सीन को मँजूरी मिल गई। DCGI ने जब वैक्सीन को अप्रूव किया तो इसे राजनीतिक जुमला बताया गया। कॉन्ग्रेस ने भी वैक्सीन को लेकर गड़बड़ दावे किए थे, जिन्हें शेखर गुप्ता ने आगे बढ़ाया। अब आप बताइए, वैक्सीन को लेकर लोगों को डराने वाले आज क्यों पूछ रहे हैं कि सभी को वैक्सीन क्यों नहीं दिया?

वैक्सीन पर अफवाह फैलाने वाली कॉन्ग्रेस भी ऐसी ही बातें करती रही है। इसलिए, इनके लिए ‘सौ चूहे खा कर बिल्ली चली हज को’ वाली कहावत फिट बैठती है। सरकार ने 1 मई से टीकाकरण को लेकर जिस तरह पूरे प्लान के साथ आदेश जारी किया है, स्पष्ट है कि वो अचानक से नहीं हुआ। शेखर गुप्ता को अपने पुराने ट्वीट्स और खबरें देखनी चाहिए, जिसमें उन्होंने इन्हीं स्वदेशी टीकाओं को लेकर डर का माहौल बनाया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

6 महीने में आग लगने की 565 घटनाएँ, 690 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित: उत्तराखंड में इस साल भी गर्मियों में वही समस्या, काफी ज्वलनशील...

कालागढ़ टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में आग लगने से जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता खड़ी हो गई है।

‘देश शरिया से नहीं चलेगा, सरकार बनते ही पूरे देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता’: गृहमंत्री अमित शाह बोले- धारा 370 को कॉन्ग्रेस...

अमित शाह ने कहा कि देश तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होगी, ये 'मोदी की गारंटी' है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe