Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिआज वैक्सीन का शोर, फरवरी में था बेकारः कोरोना टीके पर छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेसी...

आज वैक्सीन का शोर, फरवरी में था बेकारः कोरोना टीके पर छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेसी सरकार ने ही रचा प्रोपेगेंडा

टीएस सिंहदेव उन विपक्षी नेताओं में से हैं जिन्होंने इसी साल फरवरी में भारत में निर्मित कोवैक्सीन के असर पर सवाल खड़े किए थे। ये तब की बात है जब सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर के लिए इस वैक्सीन के इस्तेमाल को अनुमति दी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (अप्रैल 21, 2021) को देश को संबोधित किया। लेकिन यह छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता टीएस सिंहदेव को रास नहीं आया। संबोधन में पीएम ने कोरोना संक्रमण को लेकर पैनिक नहीं होने की लोगों से अपील लोगों से की। साथ ही राज्य सरकारों से कहा था कि उन्हें लॉकडाउन को बिलकुल अंतिम विकल्प की तरह देखना चाहिए। लेकिन कॉन्ग्रेस नेता सिंहदेव इस बात से नाखुश हैं कि पीएम ने संबोधन में आखिर राज्यों को वैक्सीन देने की बात क्यों नहीं की।

गौर करने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को ही कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर 18 साल से ऊपर नागरिकों को वैक्सीन देने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार ने स्थिति को देखते हुए वैक्सीनेशन पॉलिसी में बदलाव कर राज्यों के लिए प्रावधान बनाया कि वे उत्पादक से सीधे वैक्सीन खरीद सकते हैं। केंद्र सरकार ने ये भी घोषणा की कि उत्पादक अपनी वैक्सीन के 50% आउटपुट को खुले बाजार में और अन्य निजी कंपनियों को बेच सकते हैं।

केंद्र ने यह भी कहा कि कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर और जिनकी उम्र 45 साल से ऊपर है उन्हें केंद्र मुफ्त में वैक्सीन देगी। केंद्र ने घोषणा की कि अपने फंड से वह राज्यों को वैक्सीन, संक्रमण की गंभीरता और खुराक की बर्बादी के मामले में राज्य सरकारों की दक्षता के आधार पर आवंटित करेगी।

टीएस सिंहदेव उन विपक्षी नेताओं में से हैं जिन्होंने इसी साल फरवरी में भारत में निर्मित कोवैक्सीन के असर पर सवाल खड़े किए थे। ये तब की बात है जब सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर के लिए इस वैक्सीन के इस्तेमाल को अनुमति दी थी।

साल 2021 के फरवरी में टीएस देव का बयान

2021 में सिंहदेव ने आपात स्थिति में इस्तेमाल होने वाली स्वदेशी कोवैक्सीन के यूज पर कहा था कि वह इसे अपना समर्थन नहीं देते। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस वैक्सीन के सुरक्षित होने पर सवाल उठाकर डर फ़ैलाने की कोशिश की थी। हाल में उनका जिक्र डॉ. हर्षवर्धन ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे अपने पत्र में भी किया था।

बघेल का नाम लिए बिना डॉ. हर्षवर्धन ने पत्र में कहा था कि आपकी पार्टी के एक मौजूदा मुख्यमंत्री ने स्वदेशी वैक्सीन के खिलाफ लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर उकसाने का काम किया था।

बता दें कि फरवरी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि उनका राज्य हर किसी को वैक्सीन फ्री में देगा। फरवरी 2021 में सीएम बघेल ने कहा था, “अगर केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया तो छत्तीसगढ़ सरकार कोविड-19 वैक्सीन का खर्चा उठाएगी।” बघेल ने यह भी कहा था कि उन्होंने इस काम के लिए फंड बचा कर रखे हुए हैं। अगर केंद्र सरकार ने वैक्सीन उपलब्ध कराने से मना किया तो अपने राज्य के लोगों को हम कोविड वैक्सीन अपने खर्च पर देंगे।

उल्लेखनीय है कि जब छत्तीसगढ़ कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में आया तब बघेल अपनी पार्टी के लिए असम में प्रचार करने में व्यस्त थे। अब तक छत्तीसगढ़ में 5.74 लाख कोरोना संक्रमण के केस आ चुके हैं। इनमें से 1.25 लाख केस अब भी एक्टिव हैं। हालातों का हवाला दे राज्य में मंगलवार से कम्प्लीट लॉकडाउन लगाया गया है। लेकिन मुख्यधारा का मीडिया इन सब चीजों पर बिलकुल चुप्पी बनाए हुए है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Nirwa Mehta
Nirwa Mehtahttps://medium.com/@nirwamehta
Politically incorrect. Author, Flawed But Fabulous.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -