उत्तर पूर्वी दिल्ली के सुभाष मोहल्ला से एक फखरुद्दीन नामक व्यक्ति का वीडियो सामने आया है। वीडियो में उसे कहते सुना जा सकता है कि कुछ फेक मीडिया वालों ने वहाँ जाकर धर्म के नाम पर खेल करने का प्रयास किया। वह लोग तो बरसों से वहाँ प्रेम से रहते हैं।
याद दिला दें, ये फखरुद्दीन उसी सुभाष मोहल्ले के निवासी हैं जो राम मंदिर भूमिपूजन के बाद चर्चा में आया। इस मोहल्ले को लेकर वामपंथी मीडिया ने दावा किया था कि यहाँ संप्रदाय विशेष पर ज्यादतियाँ होती हैं। उन्हें दबाया जाता है। उन्हें खौफ में रखा जाता है।
कारण- एक शन्नो नाम की महिला की शिकायत थी। जिसके हवाले से द वायर ने अपनी रिपोर्ट में कई अनर्गल दावे कर दिए थे। हालाँकि, जब ऑपइंडिया ने अपनी पड़ताल की तो मालूम चला कि वहाँ वैसा कुछ नहीं हुआ जैसा रिपोर्ट में बताया गया। बल्कि रिपोर्ट के उलट पूछताछ में ये पता चला कि मोहल्ले के कुछ लोगों ने उस महिला के ख़िलाफ़ माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है। जिसमें फकरुद्दीन भी एक शिकायतकर्ता है।
हमने इस पूरे मामले पर शन्नो की शिकायत, पुलिस के बयान, मोहल्ले वालों की शिकायत के साथ आपके समक्ष एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी।
इस घटना के अलावा द कारवाँ ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि उनके पत्रकार के साथ इस मोहल्ले में घेरकर बदसलूकी हुई।
कारवां के पत्रकार उत्तरपूर्वी दिल्ली के सुभाष मोहल्ले की जिस गली में मुसलमानों को दबाए जाने, मुसलमानों से ज्यादती होने की बात बोल रहे हैं. कहा जा रहा है रिपोर्टिंग करने गए तो उनसे मारपीट हुई। सुनिए उस गली के रहने वाले फखरुद्दीन क्या कहते हैं.@hiteshshankar@rajivtuli69 pic.twitter.com/I6DpOoHkeq
— Panchjanya (@epanchjanya) August 13, 2020
अब इसी मोहल्ले की हकीकत और द वायर व कारवाँ जैसे मीडिया पोर्टलों की सच्चाई को उजागर करते फखरुद्दीन की वीडियो सामने आई है। फखरुद्दीन को इस वीडियो में कहते सुना जा सकता है कि वह सुभाष मोहल्ले में 16 बरसों से रह रहे हैं। वह बताते हैं कि यहाँ कुछ फेक मीडिया वाले आए। जो खुद को पत्रकार बता रहे थे।
उत्तरपूर्वी दिल्ली के सुभाष मोहल्ले की जिस गली में रिपोर्टिंग करने के दौरान कारवां के पत्रकार वहां के हिंदुओं पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं उस गली के मुसलमान ही उनकी कलई खोल रहे हैं। https://t.co/wUbjhGkwcS
— Panchjanya (@epanchjanya) August 13, 2020
फकरुद्दीन के अनुसार, “जब उनसे आईडी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दिखाने से मना कर दिया। वह यहाँ का माहौल बिगाड़कर धर्म के नाम पर खेल करवाना चाह रहे थे। हम यहाँ बरसों से रह रहे हैं। यहाँ सभी प्यार से रहते हैं यहाँ ऐसा कुछ नहीं है। यहाँ सभी मिलजुल कर रहते हैं।”
पंचजन्य की रिपोर्ट में एक नियाज मोहम्मद नाम के व्यक्ति का जिक्र है। रिपोर्ट के अनुसार नियाज कहते हैं, “हम यहाँ 25 बरसों से रह रहे हैं। हिंदू और इस्लाम को मानने वाले दोनों मिलजुल कर रहते हैं। कभी किसी तरह की कोई लड़ाई यहाँ नहीं हुई। सभी बहुत शांति से रहते हैं। यहाँ कुछ मीडिया वाले आए थे और यहाँ का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने लोगों ने बहस की।”
गौरतलब है कि शन्नो का मामला सामने आने के बाद और द वायर की रिपोर्ट देखकर इस बारे में हमारी ओर से भजनपुरा थाने के एसएचओ की संपर्क किया गया था। SHO अशोक शर्मा ने कहा था कि इस इलाके में हिंदू और संप्रदाय विशेष दोनों लोग रहते हैं। उन्होंने पटाखे भी फोड़े। अब वे हमें उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं। जब राष्ट्र में हर कोई जश्न मना रहा है, दीया जला रहा है और पटाखे फोड़ रहा है, तो फिर मुद्दा क्या है?
SHO शर्मा ने कहा कि यह एक समस्या तब होती, जब उनके घर के दरवाजे पर यह किया गया होता, दीया जलाना और केसरिया झंडे लगाना कोई अपराध नहीं है। अशोक शर्मा ने कहा है कि इस विषय में स्थानीय लोगों के साथ बात करने पर ही पता चल पाएगा कि यह मुद्दा क्या है और यदि कोई विवाद है तो क्या यह आपसी बातचीत से हल किया जा सकता है।