Saturday, July 27, 2024
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पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ FIR: छुट्टी के दिन सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

विनोद दुआ ने शनिवार को 10.47 बजे याचिका दायर की, इसे उसी दिन दोपहर 2.48 बजे सुनवाई हेतु रजिस्टर कर लिया गया। रविवार होने के बावजूद इसके अगले ही दिन सुनवाई की तारीख़ दे दी गई।

यौन शोषण आरोपित पत्रकार विनोद दुआ ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ख़िलाफ़ हुई एफआईआर (FIR) को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। अब जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता में एक पीठ इस पर सुनवाई करेगी। सुनवाई के लिए रविवार (जून 14, 2020) का दिन मुक़र्रर किया गया है। विनोद दुआ के ख़िलाफ़ कई एफआईआर (FIR) हैं, जिन्हें रद्द करने के लिए उन्होंने गुहार लगाई थी।

विनोद दुआ ने अपनी याचिका में शिमला में हुए एफआईआर (FIR) को मुख्य मुद्दा बनाया है। शनिवार को 10.47 बजे उन्होंने याचिका दायर की, जिसे उसी दिन दोपहर 2.48 बजे सुनवाई हेतु रजिस्टर कर लिया गया। इसके अगले ही दिन सुनवाई की तारीख़ दे दी गई। सुनवाई करने वाली पीठ में मोहन एम शान्तनागौडर और जस्टिस विनीत सरन भी शामिल होंगे। विनोद दुआ पर आरोप है कि उन्होंने फेक न्यूज़ फैलाया।

साथ ही उन पर अपने यूट्यूब शो ‘द विनोद दुआ शो’ में शांति भंग करने और सांप्रदायिक तनाव को न्योता देने जैसे बयान देने का आरोप है। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत लिबर्टी के लिए याचिका में गुहार लगाई है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दायर की गई एक एफआईआर (FIR) पर रोक लगा दी थी और जाँच रोक दी थी। दुआ ने दावा किया था कि हिमाचल पुलिस ने उनके घर आकर कुमारसैन पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने को कहा था।

विनोद दुआ के खिलाफ हुई एफआईआर (FIR) की एडिटर्स गिल्ड ने भी निंदा की थी। एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष शेखर गुप्ता हैं, जिन पर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। पत्रकार सुधीर चौधरी ने एडिटर्स गिल्ड को इसके बाद मजाक करार दिया था। गिल्ड ने पश्चिम बंगाल में पत्रकारों के उत्पीड़न पर चुप्पी साध रखी थी। अर्नब गोस्वामी मामले में भी एडिटर्स गिल्ड ने कुछ नहीं कहा था। अर्नब ने इससे इस्तीफे का ऐलान भी किया था।

जहाँ तक ‘मी टू’ के आरोपित रह चुके विनोद दुआ की बात है, उन्होंने सोमवार (जून 1, 2020) को अपने डेली शो में भारतीयों को उसी तरह से हिंसा और दंगा करने के लिए उकसाया था, जैसा कि फिलहाल अमेरिका में हो रहा है। विनोद दुआ ने दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट करने वालों को ‘मानवाधिकार के धर्मयोद्धा’ की संज्ञा दी थी। उनका कहना था कि अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ अपने आक्रोश को प्रदर्शित करने में विफल रहे।

भाजपा प्रवक्ता नवीन कुमार ने अपनी शिकायत में ‘द विनोद दुआ शो’ के माध्यम से फर्जी खबर फैलाने, अनर्गल बातों व फालतू के तर्कों को वीडियो के माध्यम से लाकर समाज में जहर फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि दुआ ने प्रधानमंत्री को ‘कागजी शेर’ बताया था। उन्होंने एफआईआर को लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था। उन पर भारत की छवि को ख़राब करने का भी आरोप है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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