सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने वामपंथी प्रोपेगंडा मीडिया संस्थान ‘द कारवाँ इंडिया’ के हैंडल पर रोक लगा दी है। फेक न्यूज़ फैलाने वाले ‘द कारवाँ इंडिया’ के ट्विटर हैंडल पर ‘Account Withheld’ लिखा आ रहा है। इसके साथ ही अब कारवाँ न तो ट्विटर के माध्यम से कोई कंटेंट शेयर कर सकता है और न ही अपने वामपंथी प्रोपेगंडा को आगे बढ़ा सकता है। लोगों ने भी ट्विटर के इस कदम से ख़ुशी जताई।
दरअसल, कारवाँ इंडिया ने एक लेख के माध्यम से दावा किया था कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को हुई एक प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोली से हुई थी। इसी तरह राजदीप सरदेसाई और सिद्धार्थ वरदराजन ने भी झूठ फैलाया था। सिद्धार्थ के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। वहीं राजदीप को ‘इंडिया टुडे’ ने ऑफ एयर कर दिया। कारवाँ के अलावा संजुक्ता और ‘किसान एकता मोर्चा’ का भी हैंडल रोका गया।
ट्विटर ने बताया है कि एक लीगल मामले के परिणामस्वरूप कारवाँ के हैंडल पर रोक लगाई गई है। हालाँकि, इसके बाद लिबरल गिरोह के कुछ लोगों का रुदन भी शुरू हो गया। सैकत दत्ता ने दावा किया कि भारत में सभी मीडिया संस्थान खतरे से गुजर रहे हैं और उन पर तलवार लटक रही है। वहीं कुछ लोगों ने ये भी कहा कि अब कारवाँ के बाद AltNews की बारी है, क्योंकि वो भी ऐसी हरकतें करता ही रहा है।
कारवाँ ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक को लेकर भी फेक न्यूज़ फैलाई थी। इस लेख के आधार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने तो माफ़ी माँग ली, लेकिन बेशर्म कारवाँ के खिलाफ केस चलता रहा। मैगजीन में एक लेख के माध्यम से बिना किसी सबूत के आरोप लगाया गया था कि विवेक डोभाल कई कंपनियों के एक बड़े नेटवर्क का संचालन करते हैं और उन्होंने नोटबंदी के दौरान बड़ी मात्रा में ब्लैक मनी को व्हाइट किया।