पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ‘बाबा बागेश्वर’ के साथ न्यूज18 के एक इंटरव्यू को द न्यूज ब्रॉडकॉस्टिंग कास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (NBDSA) ने हाल ही में यूट्यूब समेत बाकी प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया है। NBDSA ने यह एक्शन एक शिकायत के बाद लिया है। यह शिकायत पुणे के एक व्यक्ति ने की थी। NBDSA ने कहा है कि कायर्क्रम से धार्मिक तनाव पैदा होता है।
कौन सा इंटरव्यू हटाने का आदेश, इसमें ऐसा क्या?
NBDSA ने यह आदेश 9 जुलाई, 2023 को न्यूज18 इंडिया पर प्रसारित एक इंटरव्यू को लेकर दिया है। यह इंटरव्यू एंकर किशोर अजवाणी ने बाबा बागेश्वर के साथ किया था। इंटरव्यू को न्यूज18 इंडिया के स्टूडियो के अंदर ही शूट किया गया था और इसका लाइव प्रसारण हुआ था।
इस इंटरव्यू के दौरान एंकर किशोर अजवाणी ने बाबा बागेश्वर से उनके जीवन और धार्मिक जीवन को लेकर प्रश्न पूछे थे। अजवाणी ने इस दौरान बाबा बागेश्वर के बचपन को लेकर भी सवाल पूछे थे। बाबा बागेश्वर ने बताया था कि बचपने में उनके दादा जी और गुरु के पास लोग समस्या लेकर आते थे। बाबा बागेश्वर ने बताया था कि उनके परिवार पर हनुमान जी की की विशेष कृपा है।
बाबा बागेश्वर ने बताया था कि उनके दादाजी लोगों को बता देते थे कि आखिर किसी का जानवर अगर खो गया है तो किस दिशा में मिलेगा। उन्होंने इस दौरान ओडिशा का भी एक ऐसा ही उदाहरण दिया था जहाँ लोगों की समस्या का हल ताम्रपत्र पर उभरने की बात उन्होंने कही थी।
इसी इंटरव्यू के दौरान बाबा बागेश्वर ने कहा कि उन्होंने छोटे पर मध्य प्रदेश के पन्ना में हीरे मिलने को लेकर भी कुछ लोगों को जानकारी दी थी लेकिन बाद में मना किए जाने पर उन्होंने ऐसा करना छोड़ दिया था। उन्होंने बताया था कि वह खुद कुछ हीरे लेकर आए थे जो कि ₹42000 के बिके थे।
बाबा बागेश्वर ने इस दौरान परिवार और बाक़ी जीवन के बारे में भी बात की। बाबा बागेश्वर ने इस इंटरव्यू में कहा था कि वह देश को हिन्दू राष्ट्र देखना चाहते हैं लेकिन केवल कागजों पर ऐसा राष्ट्र हो, उनकी यह इच्छा नहीं है। बाबा बागेश्वर ने बताया था कि वह अपनी कथाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से इस संबंध में प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया था कि वह किसी धर्म के विरुद्ध नहीं हैं। उन्होंने हिन्दू राष्ट्र का मतलब भी समझाया था। वीडियो के दौरान उन्होंने लव जिहाद जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी बात की थी। इसी वीडियो को लेकर NBDSA के पास बाद में शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
किसने की शिकायत, क्या थे आरोप?
बाबा बागेश्वर के इस इंटरव्यू को लेकर इंदरजीत घोरपड़े नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज करवाई थी। यह शिकायत 11 जुलाई, 2023 को दर्ज करवाई गई थी। शिकायत में इंदरजीत ने कहा था कि किया था कि इस इंटरव्यू में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अलौकिक शक्ति का उपयोग करके लापता जानवरों को ढूंढ सकने और लोगों को ठीक करने सबंधी दावे किए थे।
इंदरजीत ने अपनी शिकायत में कहा था कि बाबा बागेश्वर ने इस इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपनी अलौकिक शक्तियों का उपयोग करके पन्ना में हीरे ढूंढे हैं और उनके पास चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करने की शक्ति है। इंदरजीत का कहना था कि NBDSA की उस गाइडलाइन के खिलाफ थे जिसके अंतर्गत न्यूज चैनल अंधविश्वास का महिमामंडन नहीं कर सकते।
इंदरजीत ने आपनी शिकायत में कहा था कि लाइव प्रसारण के दौरान बाबा बागेश्वर को टोका नहीं गया और उनके दावों को ठीक वैसे ही प्रसारित कर दिया गया, साथ ही में स्क्रीन पर कोई भी चेतावनी नहीं लगाई गई। इंदरजीत ने शिकायत में यह भी कहा था कि बाबा बागेश्वर के हिन्दू राष्ट्र वाला कथन समाज में धार्मिक तौर पर दरार पैदा करता हैं।
अपनी शिकायत में इंदरजीत ने आरोप लगाया था कि इस दौरान बाबा बागेश्वर ने लव जिहाद को लेकर भी बात की और घृणा को बढ़ावा दिया। इंदरजीत ने कहा था कि लव जिहाद के मामले को बताते हुए ‘निष्पक्षता’ नहीं बरती गई। इंदरजीत ने इस मामले में चैनल पर कार्रवाई की माँग की थी।
शिकायतकर्ता इंदरजीत घोरपड़े इससे पहले भी न्यूज18 इंडिया के अन्य कई प्रोग्राम को लेकर शिकायत कर चुका है जिनमें लव जिहाद और ऐसे ही मामलों पर बात हुई हो। इंदरजीत घोरपड़े खुद को सामजिक कार्यकर्ता बताता है और पुणे का रहने वाला है। उसकी ट्विटर टाइम लाइन से पता चलता है कि वह दिल्ली दंगों में शामिल रहे उमर खालिद की रिहाई चाहता है।
Bhakts are a nuisance wherever they go. https://t.co/r8H8opO9ip
— Jeet (@jeetxg) November 5, 2024
इंदरजीत घोरपड़े कनाडा में अत्याचार के विरुद्ध प्रदर्शन करने वाले हिन्दुओं को भक्त बताता है। इंदरजीत ने न्यूजलांड्री को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि वह यस वी एक्सिस्ट नाम की एक संस्था चलाता है और कानून की समझ बढ़ाते हैं।
NBDSA ने क्या कहा, किस बात पर आपत्ति?
इंदरजीत घोरपड़े की शिकायत पर NBDSA ने न्यूज18 से पहले जवाब माँगा था। हालाँकि, जवाब से घोरपड़े और NBDSA संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने दोबारा शिकायत कर दी। इसके बाद मामले में NBDSA ने खुद इस मामले की जाँच चालू की।
NBDSA ने अपने 4 नवम्बर, 2024 को दिए गए फैसले में लिखा है कि उसने शिकायत और न्यूज चैनल के जवाब को देखा है और अपना फैसला इसके बाद दिया है। NBDSA ने कहा कि न्यूज चैनल किसी भी व्यक्ति को अपने कार्यक्रम में बुला सकते हैं, उन्हें इस बात की स्वतंत्रता है लेकिन इसके लिए गाइडलाइन का पालन होना चाहिए।
बाबा बागेश्वर की टिप्पणियों के बारे में NBDSA ने कहा, “न्यूज चैनल द्वारा आमंत्रित संत ने प्रसारण के दौरान कई ऐसे दावे किए, जो अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, प्रसारण के दौरान संत ने हिंदू राष्ट्र और धर्म के बारे में कई ऐसे बयान दिए, जो लोगों को बाँटने वाले थे।”
NBDSA ने कहा कि चैनल ने ऐसे में अंधविश्वास से संबंधित रिपोर्टिंग को कवर करने के लिए दिए गए गाइडलाइन का उल्लंघन किया है। NBDSA ने यह भी कहा कि इस कार्य्रकम में समाज को बाँटने की बात की गई थी, ऐसे में इस कार्यक्रम का प्रसारण नहीं होना चाहिए था।
NBDSA ने कहा है कि उसने चैनल को ऐसे कार्यक्रम के संबंध में चेतावनी भेजी है और साथ ही उसे सलाह दी है बाबा बागेश्वर जैसे लोगों को चैनल पर जगह ना दें। NBDSA ने इसी के साथ आदेश दिया है कि न्यूज18 बाबा बागेश्वर के 9 जुलाई, 2023 के इंटरव्यू को अपने यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और साथ ही बाकी सभी जगहों से 7 दिनों के भीतर हटा ले।
NBDSA है क्या?
NBDSA एक ऐसी संस्था है जो न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) द्वारा बनाई गई है। NBDA में 26 प्रसारक शामिल हैं और यह 119 न्यूज चैनल या फिर ऐसी ही संस्थाएँ चलते हैं। NBDA इन्हीं द्वारा बनाई गई एक संस्था है जो मीडिया के मानक तय करने को लेकर काम करती है। यह समूह न्यूज चैनल के हितों को लेकर काम करता है।
इसी की बनाई NBDSA न्यूज चैनल पर प्रसारित खबरों और अन्य प्रोग्राम को लेकर दिशानिर्देश देती है और साथ ही इनका उल्लंघन होने पर कार्रवाई भी कर सकती है। NBDSA का मुखिया न्यायपालिका से जुड़े किसी विख्यात व्यक्ति को बनाया जाता है। इसके अलावा इसमें बड़े पत्रकार और इस फील्ड से जुड़े लोग भी शामिल होते हैं।
NBDSA कोई सरकारी संस्था नहीं है लेकिन यह शिकायतों पर कार्रवाई करती है। यह किसी भी न्यूज चैनल पर दिखाए गए समाचार को लेकर शिकायत लेने और उसके बाद उस पर कार्रवाई तय करने का अधिकार रखती है। NBDSA में कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर जा सकता है। यह इस शिकायत को लेकर न्यूज चैनल से जवाब माँगती है।
यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता तो यह कार्रवाई के आदेश भी देती है। इसने बाबा बागेश्वर वाला वीडियो हटाने के के आदेश से पहले यह संस्था एक बार और इसी चैनल पर ₹50,000 का फाइन लगा चुकी है। संस्था इसके अलावा टाइम्स नाउ नवभारत, आज तक और इंडिया टुडे समेत तमाम चैनल पर भी प्रोग्राम हटाने या जुर्माने की कार्रवाई कर चुकी है।
NBDSA की स्थापना करने वाली संस्था NBDA विवादों में भी घिरी रह चुकी है। 2018 में NBDA के पास रिपब्लिक टीवी की एक रिपोर्टर शिवानी गुप्ता ने JNU में अपने साथ हुए उत्पीड़न और खींचातानी की घटना की शिकायत कि थी। इस दौरान शिवानी गुप्ता के साथ छेड़छाड़ भी हुई थी।
NBDA ने इस मामले में कार्रवाई करने के बजाय उलटे रिपब्लिक को कठघरे में खड़ा कर दिया था और साथ ही माफ़ी तक माँगने को कहा था। शिवानी ने कहा था कि जिसने उनको परेशां किया, उसी व्यक्ति को NBDA ने सुनवाई में उनके साथ बिठा दिया।
आखिर लव जिहाद और हिन्दू राष्ट्र पर खबर से दिक्कत क्या?
NBDSA ने जो आदेश दिया है, उसमें उसने कहा है कि उसे अन्धविश्वास बढ़ाने वाली खबरों से दिक्कत है। गौरतलब है कि कुछ सालों पहले तक कॉन्ग्रेस के एक बड़े नेता से जुड़ा हुआ एक चैनल दिन के कुछ घंटे निर्मल बाबा का एक प्रोग्राम दिखाता था। इस प्रोग्राम में निर्मल बाबा किसी को हरी चटनी तो किसी को लाल धागा लेने के उपाय बताते थे।
तब इस चैनल के खिलाफ NBDSA ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। भले ही यह विज्ञापन की शक्ल में रहा हो, लेकिन इसको लेकर जवाबदेही तो बनती ही है। रही बची बात लव जिहाद जैसे मुद्दों की, तो इस पर तो उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कानून तक बन चुके हैं। लिबरल गैंग कितना भी अस्वीकार करे कि लव जिहाद नहीं होता लेकिन सच्चाई यह है कि आप रोज ऐसी घटनाएँ सुनते हैं।
यदि कोई हिन्दू संत ऐसी घटनाओं के बारे में बोलता है तो यह घृणा बढ़ाना कैसे हो गया। आखिर सामाजिक मुद्दों पर भी अगर हिन्दू संत नहीं बोलेंगे तो आखिर कौन बोलेगा। रही बची बात हिन्दू राष्ट्र की तो बाबा बागेश्वर ने खुद कहा कि वह कागजों पर नहीं बल्कि लोगों के हृदय में इसे चाहते हैं। उन्होंने इसका मतलब भी समझाया।
NBSDA को समझना होगा कि वह इस तरह किसी भी शिकायत पर हिन्दू संतों का मुंह नहीं बंद करवा देगी। यदि वह चैनलों से बंद करवाएगी तो संत और बाक़ी लोग दूसरा रास्ता खोज लेंगे।