राफ़ेल लड़ाकू विमान ख़रीद सौदे को लेकर हुए विवाद का ज़िक्र करते हुए पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने शनिवार (4 जनवरी) को कहा कि इस तरह के विवाद रक्षा ख़रीदों को धीमा कर देते हैं। इससे सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर असर पड़ता है। पूर्व एयर चीफ़ मार्शल ने आईआईटी बंबई द्वारा आयोजित ‘टेकफेस्ट कार्यक्रम’ में राफ़ेल विवाद का ज़िक्र किया और कहा,
“अगर अभिनंदन मिग-21 की जगह राफ़ेल उड़ा रहे होते, तो उस हवाई युद्ध (बालाकोट हवाई हमले के बाद भारत-पाकिस्तान गतिरोध के दौरान) का परिणाम अलग होता। वो राफ़ेल क्यों नहीं उड़ा रहे थे, क्योंकि आपको यह तय करने में दस साल लग गए कि आप कौन-सा विमान ख़रीदना चाहते हैं।”
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने इस बात का भी ज़िक्र किया कि बोफोर्स सौदा भी विवाद में रहा था, जबकि बोफोर्स तोप ‘अच्छे’ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में ऐसी कई एजेंसियाँ हैं जो शिक़ायतें प्राप्त होने पर सौदों की जाँच करती है। उन्होंने कहा कि लोगों को विमानों की कीमतों के बारे में पूछने का अधिकार है, क्योंकि उसमें करदाताओं का पैसा लगा होता है।
Former Air Force Chief BS Dhanoa: If Abhinandan was flying a Rafale and not a MiG-21, the equation in that air battle would have been different. Why was he not flying a Rafale, because you took ten years to decide which aircraft you want to buy. (4.1.20) https://t.co/8NdQyNpoFg
— ANI (@ANI) January 4, 2020
पिछले साल सितंबर में सेवानिवृत्त हुए धनोआ ने कहा, “विवाद पैदा होने के चलते रक्षा (साजो सामान) के आधुनिकीकरण के धीमा पड़ने का बाद में आप पर असर पड़ता है।” उन्होंने कहा, “जैसा प्रधानमंत्री ने एक बयान दिया था। लोग इसे राजनीतिक (बयान) कह रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि जो बयान उन्होंने दिया वह सही है। उन्होंने कहा, ”यदि हमारे पास राफ़ेल होता तो स्थिति पूरी तरह से अलग होती।”
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे (नरेंद्र मोदी सरकार को क्लिन चिट देने) पर एक उत्कृष्ट फ़ैसला दिया। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा ही व्यक्तिगत रूप से यह कहा है… जब राफ़ेल जैसा मुद्दा उछाला जाएगा, यदि आप रक्षा ख़रीद प्रणाली को राजनीतिक रंग देंगे तब पूरी प्रणाली पीछे छूट जाएगी। फिर अन्य सभी फाइलें भी धीमी गति से आगे बढ़ेंगी इससे बहुत से लोग सचेत होना शुरू हो जाएँगे।”
पीएम मोदी ने पिछले साल मार्च में कहा था कि पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के दौरान यदि भारत के पास राफ़ेल लड़ाकू विमान होते तो परिणाम अलग होता। धनोआ ने पूर्ववर्ती कॉन्ग्रेस नीत यूपीए सरकार का नाम लिए बगैर कहा,
”100 प्रतिशत यह (परिणाम) अलग होता। वह (अभिनंदन) राफ़ेल क्यों नहीं उड़ा रहे थे? क्योंकि आपने यह फैसला करने में 10 साल लगाया कि कौन-सा विमान ख़रीदा जाए। इसलिए यह (विलंब) आपको प्रभावित करता है।”
अभिनंदन ने हवाई झड़प के दौरान एक पाकिस्तानी विमान को मार गिराया था, लेकिन अपने मिग-21 विमान के गिरने के बाद वह पकड़ लिए गए थे। हालाँकि बाद में पाकिस्तान ने उन्हें भारत भेज दिया। पूर्व वायुसेना प्रमुख ने यह भी दोहराया कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले और इससे पहले 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद तत्कालीन सरकारों ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला करने के वायुसेना के प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा, ”लेकिन फ़ैसला, जैसा कि मैं कहता रहा हूँ, राजनीतिक फ़ैसले होते हैं। यह (प्रस्ताव) उस वक्त स्वीकार नहीं किया गया। इसलिए इसने आतंकवाद को समर्थन देने वाले देश के अंदर यह विश्वास जगाया कि भारत, आतंकवादी हमले का जवाब नहीं देगा।” धनोआ ने कहा कि पाकिस्तानी वायु सेना (पीएएफ) को बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक की भनक तक नहीं थी।
पूर्व वायु सेना प्रमुख ने कहा कि 1971 के (बांग्लादेश) युद्ध और 1999 के करगिल युद्ध के समय भी पाकिस्तानी थल सेना और पाकिस्तानी वायु सेना (पीएएफ) के बीच समन्वय का अभाव था। उन्होंने कहा, ”जब बालाकोट हुआ, पीएएफ को कोई जानकारी (भारतीय वायुसेना के हमले के बारे में) नहीं थी। बालाकोट में कोई टर्मिनल हथियार नहीं थे। यहाँ तक हम भी आश्चर्यचकित हैं।”
ख़बर के अनुसार, धनोआ ने यह भी कहा कि पठानकोट, उरी और पुलवामा में हुए आतंकी हमले ये संकेत देते हैं कि भारत के परंपरागत प्रतिरोध दुश्मन को भारतीय सरज़मीं पर आतंकी गतिविधियाँ करने से नहीं रोक पा रहे हैं। हालाँकि, यह (भारत के परंपरागत प्रतिरोध) अपने दुश्मन से कहीं बेहतर हैं। उन्होंने कहा, ”इस तरह, बालाकोट एयर स्ट्राइक को सरकार ने पाकिस्तान को यह संदेश देने के लिए मंज़ूरी दी कि आगे से इस तरह की हरक़तों की भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।”
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ”इस तरह के रणनीतिक आश्चर्य की एक वजह यह रही कि उन्होंने (पाकिस्तान ने) हमेशा ही हमारे नेतृत्व को कमतर आँका है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हमारा नेतृत्व बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी गतिविधि का आगे बढ़ कर जवाब देगा।”
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