चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारत सरकार ने टिकटॉक, वीचैट जैसे चीनी एप पर जून 2020 में कार्रवाई थी। सरकार के इस अभूतपूर्व निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT) के अधिकारियों ने रातोंरात जरूरी कागजी कार्रवाई निपटाए थे। टाइम्स आफ इंडिया की एक रिपोर्ट से इस फैसले को लेकर दिखाई गई तत्परता सामने आई है।
मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खासतौर से ब्रीफ किया था। उन्हें तेजी से पेपरवर्क निपटाने का जिम्मा दिया गया ताकि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच तीसरे राउंड की वार्ता से पहले इस बैन की घोषणा की जा सके। कानूनी अधिकारियों के साथ मिलकर आईटी मंत्रालय ने समय से इस काम को अंजाम दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक़ एलएसी पर चीन कुछ हद तक लाभ की स्थिति में था, लेकिन मोदी सरकार इस बार ‘परंपरागत सावधानी रखने वाले रवैए’ से हटकर चली। तमाम चीनी एप्लीकेशंस पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि गलवान घाटी में दिए गए धोखे, जिसमें 20 भारतीय जवान बलिदान हुए थे, का माकूल जवाब दिया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत सरकार सिर्फ सैन्य स्तर पर जवाब नहीं दे रही थी। राजनीतिक, कूटनीतिक और यहाँ तक कि आर्थिक लिहाज़ से भी भारत सरकार ने चीन को मुँहतोड़ जवाब दिया। सरकार का मत स्पष्ट था कि वह आर्थिक या सैन्य लिहाज़ से किसी भी तरह का ख़तरा उठाने से पीछे नहीं हटेगी।
इसकी वजह से मोदी सरकार को पैनगोंग त्सो पर विवाद को हल करने में मदद मिली। चीनी सेना घुसपैठ के किसी भी मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाई, जिसकी वजह से एलएसी पर भी स्थिति सामान्य करना सम्भव हुआ। चीन एलएसी पर अपने मनमुताबिक स्थायी बदलाव करने और फिंगर 4-8 वाले क्षेत्र को लेकर अपने मंसूबों में नाकामयाब रहा। भारत भले उस क्षेत्र से बाहर रहने वाला है, लेकिन इसका एक और मतलब साफ़ है कि चीन भी उस क्षेत्र में किसी भी तरह की गतिविधि नहीं कर सकता है।
दरअसल भारत सरकार ने 29 जून 2020 को कुल 59 चीनी एप्लीकेशंस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद सरकार ने जुलाई 2020 में 47 ऐसी एप्लीकेशंस पर पाबंदी लगाई थी जो इनके क्लोन के रूप में काम कर रही थीं। इसके बाद केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत 2 सितंबर 2020 को लगभग 118 चीनी एप्लीकेशंस पर प्रतिबंध लगाया जिसमें PUBG भी शामिल था। इसके बाद सूचना प्रसारण मंत्रालय ने नवंबर में 43 अन्य एप्लीकेशंस पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया था।
इस तरह की तमाम चीनी एप्लीकेशंस कथित तौर पर देश की संप्रभुता, अखण्डता, सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों को खतरे में डालने वाली गतिविधियों में लिप्त थीं। इसके अलावा भारत सरकार ने चीन के अली बाबा ग्रुप की चार एप्लीकेशंस पर भी प्रतिबंध लगाया था।