हाल में कई रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि नेपाल भारत बॉर्डर पर तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है। मस्जिद-मदरसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए 20 से 27 अगस्त 2022 तक ऑपइंडिया की टीम ने सीमा से सटे इलाकों का दौरा किया। हमने जो कुछ देखा, वह सिलसिलेवार तरीके से आपको बता रहे हैं। इस कड़ी की 21वीं रिपोर्ट:
भारत नेपाल बॉर्डर पर हमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सीमा जागरण मंच शाखा से जुड़े कुछ लोग मिले। हमने उनसे बॉर्डर के इस पार और उस पार के हालातों पर बात की। डेमोग्राफी बदलाव और इससे उपजी समस्याओं के विभिन्न मुद्दों पर हमने प्रान्त युवा प्रमुख विद्याभूषण और बलरामपुर जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश से बात की।
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विद्याभूषण और ओम प्रकाश दोनों ने सामूहिक रूप से स्वीकार किया कि नेपाल-भारत सीमा पर न सिर्फ मस्जिद, मदरसे और इबादतगाहों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है बल्कि एकतरफा मुस्लिम जनसंख्या भी तेजी से बढ़ी है।
नेपाल बॉर्डर पर अधिकतर गाँव मुस्लिम बहुल
प्रान्त युवा प्रमुख विद्याभूषण ने हमसे बात करते हुए कहा कि नेपाल बॉर्डर पर अधिकतर गाँव मुस्लिम बहुल हैं। इस लिस्ट में उन्होंने टंडवा, बालापुर, कनईडीह, रनियापुर, मोहकमपुर, चैनपुर का नाम लिया।
हवाला से आ रहे पैसे
विद्याभूषण ने बताया कि बॉर्डर इलाकों में हवाला के जरिए पैसे आ रहे हैं, जिसका एक बड़ा हिस्सा अपराध में लग रहा। उन्होंने बताया कि इससे जो हिस्सा बच जाता है, वो नल (UAE के मुहर लगी हुई) लगवाने जैसे समाजिक कार्यों में अपराधों को दबाने और छिपाने के लिए किया जा रहा है। विद्याभूषण के मुताबिक इस इलाके के लोग सऊदी ही नहीं बल्कि ईराक और ईरान में भी कमाने गए हैं।
5 KM भारत और इतने ही नेपाल के अंदर साजिश की पट्टी
भारत की सीमा से 5 किलोमीटर अंदर और इतना ही नेपाल का इलाका एक खास साजिश का शिकार हो रहा है – विद्याभूषण ने ही हमें इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इसी 10 किलोमीटर में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है। मदरसों, मस्जिदों और मज़ारों को विद्याभूषण ने ठिकानों के तौर पर सम्बोधित किया। उन्होंने ये माना कि यहाँ के मदरसों में बाहरी लोग भी भरे पड़े हैं।
बॉर्डर पर साजिश, प्रशासन मौन
विद्याभूषण के अनुसार जब कोई बाहरी व्यक्ति यहाँ आता है, तो बाकायदा साजिश के साथ उनके ID और अन्य कागजात बनवा दिए जाते हैं। उन्होंने इसको साजिश करार देते हुए ऐसे मामलों में प्रशासन की भूमिका मौन रहने वाली बताई।
विद्याभूषण के अनुसार प्रशासन तभी जागता है, जब कोई घटना घट जाती है। उन्होंने बताया कि अगर कोई प्रशासनिक अधिकारी बॉर्डर पर सब सही और सामान्य होना बता रहा, इसका मतलब है कि वो सच नहीं बोल रहा।
देश भर के अपराधियों का शेल्टर
विद्याभूषण ने हमें बताया कि देश के किसी भी हिस्से में अपराध करने वालों को नेपाल सीमा पर अक्सर शरण मिल जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए भी होता है कि विषम हालात में वो सीमा पार करके नेपाल में घुस जाते हैं। विद्याभूषण ने दावा किया कि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में अपराध करने वाले कई अपराधी नेपाल सीमा पर शरण लिए हुए हैं।
सरकार एक्टिव न हो इसलिए ख़ामोशी
नेपाल सीमा पर साम्प्रदायिक तनाव न के बराबर होने का कारण विद्याभूषण ने एजेंसियों को उस तरफ से दूर रखने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर छिपे असामाजिक तत्व इसलिए ख़ामोशी से पड़े हैं क्योंकि वो नहीं चाहते कि उन पर किसी सुरक्षा एजेंसी की नजर जाए। विद्याभूषण ने कहा कि वो जानते हैं कि जैसे ही कोई बड़ा कांड करेंगे, वैसे ही इस तरफ सरकार की नजर चली जाएगी और उनका भांडा फूट जाएगा।
मुस्लिम बाहुल्य होने की कगार पर बलरामपुर
विद्याभूषण के अनुसार जनसंख्या के पुराने रिकॉर्ड चेक किए जा सकते हैं कि कैसे इस पूरे इलाके में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। पड़ोसी जिले सिद्धार्थ नगर को विद्याभूषण ने मुस्लिम बाहुल्य बताया। इसी के साथ उन्होंने कहा कि जिला बलरामपुर भी लगभग मुस्लिम बाहुल्य होने की कगार पर हैं।
20 वर्षों से नगर निगम चुनाव का विजेता मुस्लिम
विद्याभूषण ने हमें आगे बताया कि अगर किसी को जमीनी स्तर पर मुस्लिम आबादी बढ़ने की जानकारी लेनी हो तो वो बलरामपुर नगर निगम के चुनावों से ले सकता है। उन्होंने 20 वर्ष पहले का उदाहरण देते हुए बताया कि कभी यहाँ हिन्दू विजेता हुआ करता था लेकिन पिछले 20 वर्षों से यहाँ नगर निगम का चुनाव केवल मुस्लिम ही जीत रहा।
लव जिहाद और मानव तस्करी
विद्याभूषण ने हमें बताया कि अगर सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियाँ ठीक से जाँच करेंगी तो बॉर्डर इलाकों से बहुत कुछ निकल कर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं और ख़ास कर सीमा पर बसे थारू समुदाय की लड़कियों के साथ मानव तस्करी का अपराध चल रहा है।
विद्याभूषण के अनुसार तस्करी की शिकार होने वाली अधिकतर लड़कियाँ लव जिहाद से तस्करों के हाथों में फँस कर बाहरी देशों में बिक रहीं हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इसके अलावा पशुओं को नेपाल के रास्ते बांग्लादेश तक कटाई के लिए भेजा जा रहा है।
SSB के दम पर रुके सीमापार के कई अपराध
विद्याभूषण और एक अन्य स्थानीय नागरिक ने हमें बताया कि SSB और स्थानीय पुलिस की कार्यशैली में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि SSB की तैनाती के बाद से सीमापार के कई अपराध रुके हैं। इसी के साथ उन सभी ने SSB का अपने प्रति व्यवहार मिलनसार और पारिवारिक जैसा बताया।
अधिकतर इबादतगाहें मानकों के विपरीत
विद्याभूषण ने हमें बताया कि बॉर्डर पर बन रहीं तमाम नई इबादतगाहें प्रशासनिक अधिकारियों की नजर में हैं लेकिन वो उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते। उनका दावा है कि अधिकतर इबादतगाहें मानकों के विपरीत हैं और उनका नक्शा आदि पास ही नहीं हुआ है। विद्याभूषण ने सरकार से अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलने की आशा जताई।
संकट काल के लिए साजिश हैं इबादतगाहें
विद्याभूषण ने दावा किया कि बॉर्डर पर बन रहीं नई इबादतगाहों के पीछे भविष्य की बहुत बड़ी साजिश है। उन्होंने कहा कि साजिशकर्ताओं को भविष्य में देश के अंदर किसी गृहयुद्ध की उम्मीद है। उन्होंने ये भी बताया कि रेलवे स्टेशन के पास तक बनी मज़ारों से ये साजिशकर्ता भविष्य में किसी संकट काल में यातायात के संसाधनों पर हमला कर सकते हैं, जिसमें रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने जैसी साजिश भी हो सकती है।
इसी के साथ उन्होंने रोडवेज बस अड्डे के पास भी ऐसे साजिशकर्ताओं को सक्रिय बताया। विद्याभूषण के मुताबिक हाइवे के पुलों के पास बने अवैध इबादतगाह भविष्य में संकट काल में आवागमन रोकने की साजिश हैं।
पिछली सरकारों में तेजी से हुआ असंतुलन
सीमा जागरण मंच के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा कि पिछली सरकारों की नीतियाँ काफी हद तक जिम्मेदार रहीं हैं सीमा के वर्तमान हालातों के लिए। उन्होंने कहा कि सीमा जागरण मंच का दायित्व देखते हुए वो प्रयास कर रहे हैं कि नेपाल सीमा पर मौजूद हिन्दू समाज को और सशक्त और सामर्थ्यवान बनाया जाए।
ओम प्रकाश ने हमें आगे बताया कि वो लोग सीमा पर रहने वाली थारू जनजाति को सेना और पुलिस में भर्ती करवाने के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दिला रहे हैं।
ओम प्रकाश और विद्याभूषण ने कहा कि सरकार को नेपाल बॉर्डर पर हो रही हरकतों पर विशेष चौकसी बरतनी चाहिए। उन्होंने इतिहास के कुछ उदारहण दिए कि कैसे वहाँ पर मिर्जा दिलशाद बेग और रिज़वान ज़हीर जैसे अपराधी पनप गए थे और मंगरे सिंह जैसे हिंदूवादी नेता कत्ल कर दिए गए।
दोनों ने हालाँकि यह भी माना कि योगी सरकार के आने के बाद काफी कुछ बदला है लेकिन उन्होंने सुरक्षा के लिहाज से और अधिक सक्रियता की आशा जताई। इन दोनों के अलावे इनके आस-पास मौजूद स्थानीय लोगों ने भी कहा कि वर्तमान सरकार में चीजें बदली हैं लेकिन और सुधार की जरूरत है।
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