Saturday, November 16, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षामुस्लिमों को कट्टर बनाओ, भारत में इस्लामी शासन लाओ: PFI का क्या है एजेंडा-कैसे...

मुस्लिमों को कट्टर बनाओ, भारत में इस्लामी शासन लाओ: PFI का क्या है एजेंडा-कैसे कर रहा काम, रिपोर्ट में दावा- एजेंसियों ने सरकार को सब कुछ बताया

“PFI 'जकात' के नाम पर प्रवासी मुस्लिमों से फंड लेता है। इसका इस्तेमाल मस्जिदों के निर्माण, मदरसों को चलाने और अन्य कट्टरपंथी एवं आपराधिक गतिविधियों में किया जाता है।"

पिछले दिनों खबर आई थी कि केंद्र की मोदी सरकार विवादास्पद संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। अब एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि विभिन्न खुफिया एवं जाँच एजेंसियों ने इस संगठन की गतिविधियों का ब्यौरा सरकार को दिया है। इसमें कट्टरपंथी संगठन के एजेंडे और काम करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस इस्लामी संगठन को लेकर एक रिपोर्ट मार्च में सरकार के साथ एजेंसियों ने साझा की है। इसमें बताया गया है कि PFI का एक छिपा हुआ एजेंडा है। उसका मकसद भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना है। वह मुस्लिमों को कट्टरपंथी बना रहा है। साथ है ऐसे मामले जो मुस्लिमों एवं अन्य समुदायों से जुड़े हों उनको सांप्रदायिक रंग देता है।

विभिन्न खुफिया और जाँच एजेंसियों ने 2017 से 2022 तक विभिन्न राज्यों और एजेंसियों द्वारा दायर की गई खुफिया रिपोर्टों, अदालती फैसलों, पीएफआई के खिलाफ राज्य के निष्कर्षों और डोजियर का विश्लेषण करने के बाद कई रिपोर्ट तैयार की हैं जो हाल ही में भारत सरकार को भेजी गई हैं। हाल ही में प्रस्तुत एक विस्तृत रिपोर्ट को 11 भागों में बाँटा गया है, जिसमें PFI की विचारधारा, लीडरशिप, वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध, कट्टरपंथी गतिविधि, संगठन, फंडिंग और इसके कैडरों के खिलाफ अदालती आदेश शामिल हैं।

News18 ने दस्तावेजों के हवाले से कहा है कि सरकार को बताया गया है कि PFI का कट्टर सांप्रदायिक और राष्ट्र विरोधी एजेंडा है। संगठन के हिंसक/कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने के कई मामले सामने आए हैं। PFI कार्यकर्ता हिंदुवादियों की हत्या और उन पर हमलों में शामिल रहे हैं। एक जाँच एजेंसी ने बताया कि इस संगठन की विचारधारा का लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद की अवधारणाओं को कमजोर करने वाला है। एजेंसियों का कहना है कि PFI की राजनीतिक शाखा का तौर पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) काम कर रही है। उसने चुनाव लड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाया है। इसके अलावा PFI द्वारा नियंत्रित कई अन्य ईकाई हैं जो धर्मांतरण, फंड कलेक्शन आदि में सक्रिय हैं।

एक खुफिया एजेंसी ने पीएफआई की गतिविधि के बारे में विवरण देते हुए बताया है , “कुछ PFI कार्यकर्ता ISIS/ISKP जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए जाने जाते हैं। संगठन ‘जकात’ के नाम पर प्रवासी मुस्लिमों से फंड लेता है और इसका इस्तेमाल मस्जिदों के निर्माण, मदरसों को चलाने और अन्य कट्टरपंथी एवं आपराधिक गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।”

इसके अलावा एजेंसी ने सितंबर 2021 में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान के दौरान असम के दरांग जिले में हिंसा भड़काने में संगठन की भूमिका के साथ ही नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध और उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में इसकी संभावित भूमिका का भी जिक्र किया है। इसके अलावा दस्तावेज में PFI द्वारा की गई आपराधिक गतिविधियों या हत्याओं के लगभग 30 उदाहरण दिए गए हैं, जिसमें पिछले साल नवंबर में RSS कार्यकर्ता संजीत की हत्या और पिछले साल दिसंबर में केरल में BJP कार्यकर्ता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या भी शामिल है।

गौरतलब है कि इससे पहले खबर आई थी कि केंद्र सरकार जल्द ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगा सकती है। बताया गया था कि प्रतिबंध की तैयारी पूरी कर ली गई है और जल्द ही इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। हालाँकि उसके बाद 18 अप्रैल 2022 को गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि इस इस्लामी संगठन प्रतिबंध लगाने के बैठक किए जाने की मीडिया रिपोर्ट सही नहीं है। मंत्रालय ने इस तरह की किसी भी बैठक से इनकार किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -