हाल में कई रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि नेपाल-भारत सीमा पर तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है। मस्जिद-मदरसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए 20 से 27 अगस्त 2022 तक ऑपइंडिया की टीम ने सीमा से सटे इलाकों का दौरा किया। हमने जो कुछ देखा, वह सिलसिलेवार तरीके से आपको बता रहे हैं। इस कड़ी की 11वीं रिपोर्ट:
बलरामपुर जिले में नेपाल सीमा के जरवा की तरफ जाने वाली सड़क के किनारे जगह-जगह इबादतगाहों को लेकर हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में आपको बताया था। बढ़ती मुस्लिम आबादी के कारण नेपाल में हुए लव जिहाद के मामले पर भी हमने रिपोर्टिंग की थी। यही हालात सीमा के इस पार उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में भी हैं। यहाँ लव जिहाद के मामले भी बढ़े हैं और उससे एक कदम आगे बढ़ कर हिंदू बच्चों को भी कट्टरपंथी इस्लामी अपना निशाना बना रहे।
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नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर जिले में जनसंख्या के असंतुलन के कारण किसी एक जाति-विशेष (पढ़ें थारू जनजाति वाली रिपोर्ट) या समाज विशेष को तकलीफ है, ऐसी बात नहीं है। बदलते हालातों से संघर्ष उन सभी को करना पड़ रहा है, जो सीमावर्ती इलाकों में रहते हैं। बॉर्डर पर न सिर्फ सार्वजनिक स्थानों पर कब्ज़ा कर अवैध इबादतगाहों का बनते चला जाना एक बड़ी समस्या है बल्कि यहाँ रह रहे लोगों को लव जिहाद जैसे मामलों से भी जूझना पड़ता है।
हिन्दू बच्चों के खतने की दी गई धमकी
ऑपइंडिया को मिली शिकायत कॉपी के मुताबिक अप्रैल 2022 में नेपाल बॉर्डर के जरवा इलाके में रहने वाले मुल्ला जमील ने अपने घर काम करने वाली हिन्दू महिला को बहला-फुसला लिया। इसके बाद मुल्ला उस महिला को और उनके 4 बच्चों को लेकर कहीं चला गया।
पुलिस को मिली शिकायत में कहा गया कि मुल्ला जमील उसकी पत्नी (शिकायतकर्ता की पत्नी), 2 बेटियों और 2 बेटों को इस्लाम कबूल करवाना चाहता था। शिकायत में आरोप ये भी लगाया गया था कि पीड़ित के सभी नाबालिग बच्चों को सगीर मौलाना नाम के आरोपित के घर तुलसीपुर बाजार के पास एक गाँव में रखा गया था।
पीड़ित ने इसी शिकायत कॉपी में सगीर मौलाना और मुल्ला जमील को आरोपित बनाते हुए लिखा कि इन दोनों ने उनके बच्चों के खतना करवा देने की धमकी दी थी। मिली जानकारी के मुताबिक इन बच्चों को मदरसे में उर्दू की शिक्षा भी दी जाने लगी थी और उन बच्चों के साथ उनकी माँ के बुलाने वाले नाम भी इस्लामी कर दिए गए थे। पीड़ित बॉर्डर क्षेत्र के हालौरा गाँव का निवासी है।
लड़की हिन्दू, मंदिर में अली से शादी… फिर इस्लाम कबूल नहीं करने की सजा
एक अन्य घटनाक्रम में वाराणसी की रहने वाली एक लड़की ने पुलिस में शिकायत दी कि उसे नेपाल बॉर्डर क्षेत्र के पचपेड़वा के रहने वाले मुबारक अली ने शादी करके प्रताड़ित किया। पीड़िता ने वाराणसी पुलिस और मुख्यमंत्री को शिकायत देते हुए बताया कि ऑनलाइन ऐप से मिले मुबारक अली ने अपने परिवार सहित काशी आकर हिन्दू मंदिर से शादी की और अपने साथ घर ले गया। यहाँ तक सब ठीक था, दिक्कत इसके बाद शुरू हुई।
पीड़ित लड़की का कहना है कि शुरू में सभी धर्मों के लिए आस्था दिखाने वाला मुबारक अली नेपाल बॉर्डर इलाके में मौजूद गाँव खखादेई के अपने घर पर जाते ही बदल गया। आए दिन उसे प्रताड़ित करने लगा, इसके खिलाफ उसके घर वाले भी कभी कोई विरोध नहीं करते थे।
पीड़िता ने ऑपइंडिया को बताया कि कुछ दिनों बाद उसे एक बेटी पैदा हुई तो उसके पति मुबारक ने बेटी को अमीना और उसे फातिमा के नाम से बुलाना शुरू किया। इस बीच मुबारक अली अपनी पत्नी और सास से भी काम-धंधे के नाम पर काफी पैसे ले चुका था।
पीड़िता ने रोते हुए हमें बताया कि गलती से अगर उसके मुँह से भगवान का नाम भी निकल जाता था तो उसको प्रताड़ना मिलनी शुरू हो जाती थी। लड़की ने कहा कि आखिरकार जब उसने मुस्लिम बनने से इनकार कर दिया, तब उसको घर से निकाल दिया गया। अब वो बेसहारा अपनी बेटी के साथ अपने मायके में रह रही हैं।
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि अभी तक पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
आबादी का असंतुलन, बढ़ती लव जिहाद जैसी घटनाएँ
बलरामपुर जिला अदालत में पोक्सो मामलों के सरकारी वकील पवन शुक्ला ने ऑपइंडिया से बात करते हुए यह स्वीकार किया कि क्षेत्र में मुस्लिम आबादी पहले के मुकाबले काफी बढ़ी है। पवन शुक्ला ने यह भी बताया कि कई पीड़ित लड़कियों के साथ बहला-फुसला कर दुराचार होता है।
सरकारी वकील ने सीमावर्ती क्षेत्र के तुलसीपुर थानाक्षेत्र में एक हिन्दू परिवार का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उनकी नाबालिग बेटी को एक बालिग मुस्लिम ने कुछ वर्ष पहले अपने जाल में फँसाया था, जिसको सजा दिलाने के लिए वो अभी तक प्रयासरत हैं।
पवन शुक्ला के मुताबिक ऐसे मामलों में पॉक्सो एक्ट काफी प्रभावी होता है, बशर्ते गवाह और पीड़ित अपने स्टैंड पर कायम रहें। तुलसीपुर लव जिहाद वाले प्रकरण में उन्होंने गोपनीयता के लिहाज से यह बताया कि लड़की के बयान हो चुके हैं और आशा है कि जेल में बंद आरोपित को सजा मिलेगी।
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