हाल में कई रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि नेपाल भारत बॉर्डर पर तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है। मस्जिद-मदरसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए 20 से 27 अगस्त 2022 तक ऑपइंडिया की टीम ने सीमा से सटे इलाकों का दौरा किया। हमने जो कुछ देखा, वह सिलसिलेवार तरीके से आपको बता रहे हैं। इस कड़ी की 17वीं रिपोर्ट:
इस रिपोर्ट में हमने ये जानने का प्रयास किया कि क्या मुस्लिम आबादी सिर्फ सीमाओं पर मौजूद गाँवों में बढ़ रही है या इसका असर सीमा से कुछ दूरी पर स्थित गाँवों में भी है। इसकी तलाश में हम बलरामपुर जिले के सदुल्लाहनगर थाना क्षेत्र पहुँचें। सीधी दूरी निकाली जाए तो ये बाजार नेपाल बॉर्डर से लगभग 60 किलोमीटर दूरी पर पड़ेगा। इस बाजार में हमने देखा कि अधिकतर दुकानें मुस्लिम समुदाय की हैं। हालाँकि, हमने इस थाना क्षेत्र के गाँवों की आबादी खोजने का प्रयास किया।
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एक ही थाना क्षेत्र के कई गाँव मुस्लिम बहुल
ऑपइंडिया की टीम ने सदुल्लाहनगर थाना क्षेत्र के गाँवों में हिन्दू-मुस्लिम आबादी की जानकारी जुटाई। हमारी जानकारी के मुताबिक, सदुल्लाहनगर थाना क्षेत्र के एक गाँव नेवादा में 95% मुस्लिम आबादी थी। इसके अलावा देवरिया आदम और एदहा नाम के 2 गाँवों में मुस्लिमों की आबादी 80% से 90% के बीच थी। लालपुर भलुहिया, भोलिया मदनपुर, रेकी बदलपुर, देवरिया आदमपुर नामक गाँवों में मुस्लिमों की आबादी 70% से 80% के बीच मिली। खरिका, अलउद्दीनपुर, रानीपुर, भनुवागढ़ आदि गाँवों में मुस्लिमों की आबादी का प्रतिशत 60% से 70% के बीच देखा गया।
इसके अलावा अचलपुर, देवरिया इनायत, रामपुर भरना, भुण्डामाफ़ी, छितसुपुर के साथ लगभग 4 अन्य गाँवों में मुस्लिम आबादी 50% से 60% के बीच है। 40% से 50% के बीच की मुस्लिम आबादी के लौकिया, हसनपुर, किशुनपुर, परशुरामपुर व लगभग आधे दर्जन अन्य गाँव हैं। इसके अलावा मुबरकपुर, नयनपुर कुबेर जैसे दर्जनों गाँवों में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत लगभग 30 से 40 का है। कुछ अन्य गाँव 20 से 30% मुस्लिम जनसंख्या की भी श्रेणी में हैं लेकिन उनकी संख्या काफी कम है।
उतरौला बाजार भी मुस्लिम बहुल
इसके अलावा उतरौला बाजार में मुस्लिम आबादी हिन्दुओं से अधिक है। उतरौला से सटे गैंड़ास बुजुर्ग नाम के गाँव में भी हिन्दू आबादी मुस्लिमों से कम है। गैंड़ास बुजुर्ग के रहने वाले दलित परिवार के शिवराज ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी जमीन पर उनका पड़ोसी नईम आए दिन विवाद करता था। उन्होंने बताया, “योगी की सरकार आने के बाअद कोई के के नाम के दरोगा जी ने हमारी कई सालों से लटके झगड़े से हमें मुक्ति दिलवाई थी, जिसके बाद हम खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।”
अगस्त 2020 में इसी उतरौला बाज़ार का रहने वाला आतंकी अबू युसूफ को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया था। अबू युसूफ के कनेक्शन अफगानिस्तान से जुड़े पाए गए थे, जो ISIS की विचारधारा वाला बताया गया था।
नेपाल बॉर्डर से 15 KM में 100 से अधिक मस्जिद और मदरसे
ऑपइंडिया की टीम ने नेपाल की सीमा को केंद्र मान कर उसेसे भारतीय दिशा में 15 किलोमीटर के दायरे में मौजूद मस्जिद और मदरसों की संख्या का पता लगाने का प्रयास किया। कुछ हमारे खुद के गिने और कुछ स्थानीय लोगों से जुटाए आँकड़ों के मुताबिक, अकेले बलरामपुर जिले में बॉर्डर से 15 किलोमीटर के अंदर लगभग 150 मदरसे चल रहे हैं। इसके अलावा इसी क्षेत्र में नेपाल सीमा से 15 किलोमीटर क्षेत्र में मस्जिदों की संख्या 200 से अधिक है। इन दोनों के अतिरिक्त लगभग 10 स्थान ऐसे भी हैं, जहाँ मस्जिद के ही अंदर मदरसे चल रहे हैं।
इन मस्जिदों में 1 मीनार और 2 मीनारों वाली मस्जिदें शामिल हैं। इस पूरी संख्या में मज़ारों/कर्बला को नहीं गिना गया है, जिनकी अनुमानित संख्या 200 से अधिक है। हालाँकि ये आँकड़े ऑपइंडिया ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों और सूत्रों से जमा किए हैं। इबादतगाहों और मदरसों की संख्या इस से कुछ भिन्न भी हो सकती है।
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