पुलवामा में हुए हमले की आग अभी देश के लोगों में जल ही रही थी कि कल सोमवार को (फरवरी 18, 2019) वही पिंगलिन इलाके में सेना और आतंकवादियों की मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में मेजर समेत 4 जवान देश के नाम बलिदान हो गए। इस मुठभेड़ में जान गवाने वालों में एक नाम अजय कुमार का भी है।
मेरठ के जानी ब्लॉक के बसा टीकरी गाँव के रहने वाले अजय की उम्र 27 साल थी। 7 अप्रैल 2011 में अजय सेना की 20 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए। बाद में वह 55 राष्ट्रीय राइफल्स रैपिड फोर्स में तैनाती मिली। कुछ महीने पहले ही उन्हें जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया था।
चार साल पहले अजय ने डिंपल से शादी की थी। अजय अपने पीछे पत्नी के पास ढाई साल के बेटे (आरव) को छोड़ गए हैं। साथ ही उनकी पत्नी इस समय आठ महीने गर्भवती भी है।
पिछले महीने ही जनवरी में अजय एक महीने की छुट्टियाँ मनाकर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। उनके बलिदान की ख़बर जब परिवार पर पहुँची तो एक तरफ परिवार में गम का माहौल पसरा तो दूसरी तरफ़ पूरे गाँव में शोक की लहर फैल गई।
अजय की माँ का कहना है कि आतंकी हमले के बाद से ही ड्यूटी पर तैनात बेटे की फिक्र उन्हें सताने लगी थी। उनकी माँ बताती हैं कि बेटे से बात होने के बाद उनके दिल को तसल्ली हो जाती थी लेकिन जब उनके बेटे ने यह बोला कि वह किसी स्पेशल ऑपरेशन पर जा रहा है तो उनकी फ़िक्र बढ़ गई। इसके बाद सीधे उन्हें रात में अपने बेटे के बलिदान की ख़बर मिली।