Sunday, November 3, 2024
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पुलवामा जैसे आतंकी हमलों से निपटने के लिए क्या कर रही है भारत सरकार? एक नज़र

विदेशों से उच्च गुणवत्ता वाले हथियार और मिसाइलों के साथ ही इस सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि अधिक से अधिक रक्षा उपकरणों का निर्माण 'मेक इन इंडिया' के तहत ही किया जाए।

मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना को मजबूत और अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई सराहनीय कदम उठाए हैं। देश की रक्षा एवं सुरक्षा देश के विकास का ही एक अंग है। हम सुरक्षित हुए बिना विकसित होने की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वर्तमान सरकार पड़ोसी देशों से सामरिक बढ़त लेने के साथ ही सेना को और उन्नत बनाने के लिए निरंतर सेना का आधुनिकीकरण करने के लिए प्रयासरत रही है। विदेशों से उच्च गुणवत्ता वाले हथियार और मिसाइलों के साथ ही इस सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि अधिक से अधिक रक्षा उपकरणों का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ही किया जाए।

सेना के सशक्तिकरण के लिए हाल ही में लिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों पर एक नज़र

72,400 असाल्ट राइफल के लिए अमेरिकी कंपनी से करार

भारत ने अमेरिका से 72,400 असाल्ट राइफलें खरीदने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। करीब ₹700 करोड़ में ये राइफलें खरीदी जाएँगी। अमेरिका और कई यूरोपीय देशों की सेना इस राइफल का इस्तेमाल करती हैं। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी महीने सिग सौयर राइफलों की खरीद की मंजूरी दी थी। चीन से लगती 3,600 किलोमीटर की लंबी सीमा पर तैनात जवान इस राइफल का इस्तेमाल करेंगे।

इज़राइल से ख़रीदे 2 AWACS

भारत ने इज़राइल से 2 और फाल्कन एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कण्ट्रोल सिस्टम (“Phalcon” Airborne Warning And Control System) एयरक्राफ्ट ख़रीदने का निर्णय लिया है। इसे AWACS भी कहा जाता है। अभी हाल ही में भारत ने एयर डिफेंस रडार (ADR) के लिए इज़राइल से ₹4577 करोड़ का करार किया है। इज़राइल भारत के शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्ता देशों में से एक है। भारतीय सेना इस स्थिति को मज़बूत करते हुए इज़राइल से अतिरिक्त हेरॉन (Heron) और हारोप (Harop) भी ख़रीदना चाहती है। ये दोनों ही मानवरहित विमान हैं, जो दुश्मन के रडार में या अन्य लक्ष्य पर विस्फोट करने के लिए क्रूज़ मिसाइल का भी कार्य करते हैं।

भारत-रूस के बीच 7.47 लाख AK राइफ़लों का समझौता 

इसमें रूस के साथ मिलकर लगभग 7,47,000 क्लाशिनिकोव राइफ़लों के निर्माण का समझौता शामिल है। इन राइफ़लों को बनाने के लिए प्लांट उत्तर प्रदेश के अमेठी में लगाया जाएगा। बता दें इससे पहले भारत ने एक अमेरिकी कंपनी के साथ भी 72,400 असॉल्ट राइफ़ल्स की ख़रीद का समझौता किया था।

54 इज़रायली HAROP किलर ड्रोन

रक्षा मंत्रालय द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक में भारतीय वायु सेना की मानवरहित युद्ध क्षमता को और मजबूत बनाने के लिए 54 इजरायली HAROP किलर ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी गई है। ये किलर ड्रोन दुश्मन के हाई-वैल्यू मिलिट्री टारगेट को पूरी तरह से ध्वस्त कर सकता है। इन घातक ड्रोनों को चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया जाएगा। इससे आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करना और भी आसान हो जाएगा। सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन भी आसानी से अंजाम देने में सक्षम होगी हमारी सेना। मौजूदा समय में वायुसेना के पास 110 ड्रोन हैं।

चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टर

अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोईंग ने रविवार (10 फ़रवरी) को भारतीय वायुसेना को 4 चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टर सौंप दिए। इन हेलीकॉप्टर्स को गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह पर उतारा गया। कंपनी द्वारा जारी बयान के अनुसार सीएच-4एफ़ (I) चिनूक हेलिकॉप्टर को चंडीगढ़ ले जाया जाएगा, वहाँ उन्हें औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। इसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान या सामान्य स्थिति में हथियारों, उपकरणों और ईंधन को ढोने में किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में राहत सामग्री पहुँचाने और बड़ी सँख्या में लोगों को बचाने के लिए भी किया जाता है। चिनूक वही हेलिकॉप्टर है, जिसकी मदद से अमेरिका ने कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का ख़ात्मा किया था।

AN- 32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पहुँचा पाक्योंग एयरपोर्ट 

हाल ही में वायुसेना ने देश के सबसे ऊँचे हवाईअड्डों में से एक- पाक्योंग एयरपोर्ट पर अपना परिवहन विमान AN-32 को उतार कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह एयरपोर्ट सामरिक रूप से भी भारत के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण है। भारतीय वायुसेना (IAF) के ‘Antonov-32 (AN- 32)’ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को पाक्योंग एयरपोर्ट पर सफलतापूर्वक लैंड कराया गया। यह एयरपोर्ट भारत-चीन सीमा से सिर्फ 60 किमी की दूरी पर स्थित है। राजधानी गंगटोक से इसकी दूरी क़रीब 16 KM है।

S-400 एयर डिफ़ेन्स सिस्टम 

रूस के उप विदेश मंत्री सर्जे रयाब्कोव ने जनवरी 9, 2019 को कहा कि रूस भारत को S-400 एयर डिफ़ेन्स मिसाइल सिस्टम पूर्व निर्धारित समय पर ही देगा तथा डिलीवरी में किसी भी प्रकार की देर नहीं की जाएगी। भारत-रूस के मध्य 40,000 करोड़ रुपये में S-400 ट्रायंफ खरीदने का समझौता गत वर्ष सम्पन्न हुआ था जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे। S-400 एक इंटीग्रेटड मिसाइल सिस्टम है जो दूर और पास दोनों प्रकार के लक्ष्यों को भेद सकता है। युद्धनीति के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह एक प्रतिरक्षात्मक प्रणाली है अर्थात इसका प्रयोग पहले हमला करने के लिए नहीं किया जाता। S-400 की इन चार मिसाइलों की रेंज है: 40 किमी, 120-150 किमी, 200-250 किमी और 400 किमी।

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह क्षेत्र में सैन्य बुनियादी ढाँचे का विकास

हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह क्षेत्र में अपने सैन्य बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए अगले 10 वर्षों के लिए ₹5,650 करोड़ लागत की योजना को अंतरिम रूप दे दिया है। इसके ज़रिए अब अतिरिक्त युद्धपोत, विमान, ड्रोन, मिसाइल बैट्री और पैदल सैनिकों की तैनाती की राह सुलभ हो जाएगी। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते क़दमों को रोकने के लिए इस योजना को अमल में लाया गया है।

INS अरिहंत

नवंबर 5, 2018 को भारत की प्रथम स्वदेशी न्यूक्लियर सबमरीन आईएनएस अरिहंत ने समुद्र में गश्त लगाई थी। इसे Ship Submersible Ballistic Nuclear (SSBN) सबमरीन कहा जाता है। जल के भीतर होने से अरिहंत शत्रु की नज़र से लगभग ओझल ही रहेगी जिसके कारण भारतीय नौसेना को रणनीतिक लाभ होगा। अरिहंत 6000 टन की 367 फिट लंबी पनडुब्बी है जो K-15 बैलिस्टिक मिसाइल से लैस की जा सकती है। इस मिसाइल की रेंज 750 किमी तक मार करने की है। 

K-9 वज्र

इस सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्ज़र को लार्सेन एंड टर्बो नाम की कंपनी ने तैयार किया है। नवंबर 2018 को देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय सेना के तोपखाने में K-9 वज्र को शामिल करने की घोषणा की थी। पाकिस्तान से सटे बाड़मेर व अन्य रेगिस्तानी बार्डर वाले इलाके के लिहाज से यह बेहद उपयोगी है। K-9 वज्र के ज़रिए 28 से 38 किलोमीटर के रेंज में वार किया जा सकता है।

₹22,563 करोड़ की वृद्धि के साथ रक्षा बजट ₹3 लाख करोड़ के पार –

वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान रक्षा बजट में मात्र ₹22,563 करोड़ की वृद्धि की गई है। इससे सशस्त्र सेनाओं का आधुनिकीकरण प्रभावित होगा। गत वर्ष रक्षा मामलों की संसदीय समिति के सामने वाइस चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद्र ने कहा था कि बजट में जितना धन आवंटित किया जा रहा है उससे लिमिटेड लायबिलिटी तक पूरी नहीं होती।स्पष्ट है कि यह बजट सेना के नवीनीकरण और आधुनिकरण में लाभदायक साबित होगा।

‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनेंगे नेवी के हेलिकॉप्टर्स

भारत ने 111 नौसैन्य हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए अभिरूचि पत्र जारी किया। फरवरी 12, 2019 को रक्षा मंत्रालय ने 111 नौसेना उपयोगिता हेलीकॉप्टरों (एनयूएच) की खरीद के लिए संभावित भारतीय सामरिक साझेदारों एवं विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के नाम छांटने के लिए अभिरूचि पत्र यानी ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ जारी किया है। ये हेलीकॉप्टर चेतक मॉडल की जगह लेंगे और इनका इस्तेमाल हताहतों की तलाश, बचाव या उन्हें सुरक्षित निकाले जाने में किया जाएगा। इन 111 में से 95 हेलीकॉप्टरों का निर्माण भारत में उसके द्वारा चुने गए भारतीय सामरिक साझेदार करेंगे। इस कई अरब डॉलर वाले प्रस्ताव को पिछले साल अगस्त में रक्षा खरीद परिषद ने मंजूरी दी थी। इस परियोजना से सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और भारत में हेलीकॉप्टरों की निर्माण क्षमता को प्रोत्साहित करेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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