Wednesday, October 16, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षादीप सिद्धू से संबंध और आतंकी भिंडरावाले के गाँव की यात्रा: क्या है 'वारिस...

दीप सिद्धू से संबंध और आतंकी भिंडरावाले के गाँव की यात्रा: क्या है ‘वारिस पंजाब दे’ और कौन है उसका चीफ अमृतपाल, जानिए दुबई कनेक्शन

'वारिस पंजाब दे' संगठन की स्थापना के तुरंत बाद दीप सिद्धू ने सिमरनजीत सिंह मान की चरमपंथी समर्थक खालिस्तान पार्टी SAD (अमृतसर) के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और पंजाब चुनाव से पहले उनके लिए प्रचार किया। हालाँकि, पंजाब चुनाव से पाँच दिन पहले 15 फरवरी 2022 को एक सड़क दुर्घटना में सिद्धू की मौत हो गई।

पंजाब में हथियारबंद समर्थकों के साथ अजनाला थाने को कब्जे में लेकर अपने साथी को छोड़ने के लिए पुलिस को विवश करने वाले अमृतपाल सिंह की आजकल चर्चा है। उसकी तुलना मारे गए खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले से की जा रही है। अमृतपाल ‘वारिस पंजाब दे’ नाम के संगठन का प्रमुख है।

दरअसल, अमृतपाल के एक साथी लवप्रीत सिंह तूफान को एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अमृतपाल ने थाने को ही घेर लिया। पुलिस के आश्वासन के बाद उसने थाने से घेरा हटाया। अमृतपाल के दबाव में पंजाब पुलिस के एक डीएसपी ने अदालत में आवेदन दिया और लवप्रीत तूफान को हिरासत से रिहा करने का निवेदन किया।

पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि लवप्रीत तूफान संबंधित मामले में शामिल नहीं था और अपराध के समय मौजूद नहीं था। पुलिस की दलील के बाद वहाँ की स्थानीय कोर्ट ने लवप्रीत को रिहा करने के आदेश दे दिया। इसके बाद लवप्रीत को छोड़ दिया गया।

पंजाब प्रशासन को घुटने पर ला देने वाले अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ की चर्चा हो रही है। लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह कौन सा संगठन है, जिसने एक राज्य के प्रशासन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।

कौन है अमृतपाल सिंह

अमृतपाल सिंह को खालिस्तान समर्थक माना जाता है। वह कई बार खालिस्तान को लेकर अपनी स्पष्ट मंशा जाहिर कर चुका है। उसने यहाँ तक कह दिया है कि पंजाब का बच्चा-बच्चा खालिस्तान खालिस्तान चाहता है। उसने कहा था कि खालिस्तान की भावना को कोई दबा नहीं सकता। इतना ही नहीं, उसने यहाँ तक कह दिया कि उसे जरूरत पड़ने पर हिंसा करने से भी कोई परहेज नहीं है।

अमृतपाल सिंह दुबई में रहता था। वह 10 साल बाद कुछ ही समय पहले भारत आया है। भारत आने से पहले वह दुबई से जॉर्जिया भी गया था। किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के मुख्य आरोपित दीप सिद्धू की रोड एक्सीडेंट में मौत के बाद अमृतपाल को ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया बनाया गया है। इस संस्था को दीप सिद्धू ने स्थापित किया था। अमृतपाल के दस्तारबंदी के दौरान ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे थे।

वह गाँव-गाँव घुमकर लोगों से मिल रहा है और लोगों से खालिस्तान को लेकर समर्थन जुटा रहा है। वह सिख के बारे में लोगों से बात कर रहा है और सरकार विरोधी मानसिकता का प्रसार कर रहा है। उसने सिख धर्म के प्रचार के लिए एक महीने लंबे ‘पंथिक वहिर’ का भी आयोजन किया है। उस पर खुफिया एजेंसियों की कड़ी निगाह है।

उसने ये भी कहा है कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) सिखों के हित में काम नहीं कर रही है। उसने कहा है कि यदि हिंदू राष्ट्र की माँग से सरकार को दिक्कत नहीं है तो खालिस्तान की बात करने से भी सरकार को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

अमृतपाल पर अमृतसर के अजनाला में एक सिख युवक के अपहरण का केस दर्ज है। इसमें उसके साथी तूफ़ान सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल ने पंजाब पुलिस को भी धमकी दी थी। इतना ही नहीं, उसने गृहमंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी।

अमृतपाल सिंह ने कुछ दिन पहले अमित शाह का हश्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जैसा करने की धमकी दी थी। अमृतपाल 19 फरवरी 2023 को मोगा जिले के बुधसिंह वाला गाँव में पहुँचा था। पंजाबी सिंगर दीप सिद्धू की बरसी के मौके पर उसने कहा था कि इंदिरा ने भी सिखों को दबाने की कोशिश की थी, क्या हश्र हुआ? अब अमित शाह अपनी इच्छा पूरी करके देख लें।हालाँकि, बाद में अमृतपाल अपनी बात से पलट गया था।

अमृतपाल खुद को खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले 2.0 के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। वह भिंडरावाले के गाँव रोड में अक्सर जाते रहता है। भिंडरावाले अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का प्रमुख चेहरा था। खालिस्तानी आतंकवादियों और भारतीय सेना के बीच 6 जून 1984 को हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में भिंडरावाले मारा गया था।

कहा जाता है कि अमृतपाल सिंह को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन मिला हुआ है। वह उसी के सहयोग से पंजाब में अराजकता फैलाने की फिर से कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही उसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा आदि देशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों का सहयोग मिल रहा है।

क्या है ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन

वारिस पंजाब दे की स्थापना पंजाबी अभिनेता और गायक से एक्टिविस्ट बने दीप सिद्धू ने की थी। दीप खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान के समर्थक था। किसान आंदोलन के नाम पर 26 जनवरी 2021 को दिल्ली के लाल किले पर हिंसा से 8 महीने बाद सिद्धू ने चंडीगढ़ में इस संगठन की नींव रखी थी।

संगठन को लॉन्च करते समय दीप सिद्धू ने कहा था कि यह संगठन ‘पंजाब के अधिकारों के लिए केंद्र के खिलाफ लड़ेगा और कभी भी पंजाब की संस्कृति, भाषा, सामाजिक ताने-बाने और अधिकारों पर कोई हमला होने पर आवाज उठाएगा’।

अपने संगठन की स्थापना के तुरंत बाद दीप सिद्धू ने सिमरनजीत सिंह मान की चरमपंथी समर्थक खालिस्तान पार्टी SAD (अमृतसर) के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और पंजाब चुनाव से पहले उनके लिए प्रचार किया। हालाँकि, पंजाब चुनाव से पाँच दिन पहले 15 फरवरी 2022 को एक सड़क दुर्घटना में सिद्धू की मौत हो गई।

कुछ समय पहले एक शूटर संदीप सिंह सनी को गिरफ्तार किया गया था। पंजाब के अमृतसर में सुल्तानविंद का करने वाला सनी वारिस पंजाब दे का सदस्य था। इसके अलावा, कई अन्य शूटर एवं अपराधियों का संबंध भी इस संगठन से पाया गया है।

अमृतपाल सिंह ने जब ‘वारिस पंजाब दे’ की कमान संभाली तो सिद्धू के परिवार ने उससे दूरी बना ली। सिद्धू परिवार ने दावा किया कि अमृतपाल को कभी भी उनके बेटे के संगठन के नेता के रूप में नामित नहीं किया गया था। घरवालों का कहना है कि दीप अलगाववादी नहीं था।

लुधियाना में वकालत करने वाले दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि वे लोग अमृतपाल से कभी नहीं मिले। उन्होंने यह भी दावा कि कि दीप भी अमृतपाल से नहीं मिला था। वह कुछ समय तक अमृतपाल फोन पर दीप से संपर्क में रहा था, लेकिन बाद में दीप ने उससे दूरी बना ली थी।

मनदीप का कहना है कि अमृतपाल असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दीप के संगठन का दुरुपयोग कर रहा है। वह दीप के सोशल मीडिया अकाउंट्स का भी उपयोग कर रहा है और उस पर पोस्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल पंजाब में अशांति फैला रहा है।

खालिस्तान के लिए माहौल बनाने हेतु स्थापित इस संगठन का पद संभालते ही अमृतपाल सक्रिय हो गया। कहा जाता है कि अमृतपाल को ISI ने सिखों के धार्मिक और राजनीतिक नेता के रूप में खाली वैक्युम को भरने के लिए चुना है और उसे बढ़ावा दे रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बच्चे के सामने सेक्स करना POCSO का अपराध, नंगा होना माना जाएगा यौन उत्पीड़न के बराबर: केरल हाई कोर्ट का फैसला, जानिए क्या है...

केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी नाबालिग के सामने नग्न होकर सेक्स करना POCSO के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।

कार में बैठ गरबा सुन रहे थे RSS कार्यकर्ता, इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने घेर कर किया हमला: पीड़ित ने ऑपइंडिया को सुनाई आपबीती

गुजरात के द्वारका जिले में आरएसएस स्वयंसेवक पर हमला हुआ, जिसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वह अपनी कार में गरबा सुन रहा था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -