Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाइस्लामी संगठन PFI पर लगेगा बैन: DGP की सिफारिश पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य...

इस्लामी संगठन PFI पर लगेगा बैन: DGP की सिफारिश पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य का स्पष्ट बयान

"यूपी में हिंसा फैलाने में PFI का हाथ था। सिमी के लोग ही PFI में थे, जिन्होंने यूपी में हिंसा फैलाई। सरकार की तरफ़ से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और सरकार की ओर से प्रस्ताव लाकर इसे प्रतिबंधित किया जाएगा।"

उत्तर प्रदेश सरकार ने उग्र इस्लामिक संगठन PFI पर पाबंदी लगाने का फ़ैसला किया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगा था। इस संबंध में यूपी पुलिस जाँच कर रही थी। जाँच के बाद ही उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने गृह विभाग को चिट्ठी लिखकर PFI पर बैन लगाने की सिफारिश की थी।

पुलिस की सिफारिश के बाद डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने आज (31 दिसंबर 2019) PFI पर प्रतिबंध लगाने की सरकार की मंशा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूपी में हिंसा फैलाने में PFI का हाथ था। केशव मौर्य ने कहा,

यूपी में हिंसा फैलाने में PFI का हाथ था। सिमी के लोग ही PFI में थे, जिन्होंने यूपी में हिंसा फैलाई। सरकार की तरफ़ से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और सरकार की ओर से प्रस्ताव लाकर इसे प्रतिबंधित किया जाएगा।

डिप्टी सीएम ने तल्ख़ अंदाज़ में कहा कि सिमी जैसे आतंकी संगठन चाहे किसी भी रूप में सामने आएँगे, उन्हें कुचल दिया जाएगा और जल्द ही PFI जैसे आतंकी इस्लामी संगठनों को भी प्रतिबंधित किया जाएगा।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने गृह विभाग को चिट्ठी लिखकर PFI पर बैन लगाने की सिफारिश की थी। उनके मुताबिक जाँच में पता चला है कि हिंसक विरोध-प्रदर्शन में PFI का हाथ था। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों के पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद किया गया था।

हिंसा के दौरान PFI के कई सदस्य पकड़े गए थे। यह सदस्य हिंसा में शामिल होने के साथ हिंसा फैलाने वालों की मदद भी कर रहे थे। लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने PFI के तीन सदस्यों को गिरफ़्तार भी किया था। गिरफ़्तार किए गए आरोपितों की पहचान PFI अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक के रूप में हुई थी।

PFI एक उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है, जो कि दक्षिण भारत के राज्यों में काफ़ी सक्रिय होने के साथ-साथ चुनाव भी लड़ता रहा है। यह कट्टर संगठन उत्तर प्रदेश में बड़ी तेज़ी से फैल रहा है। पुलिस का कहना है कि PFI के गुंडों ने यूपी में हुई हिंसा के दौरान सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को उकसाने और दंगा भड़काने का काम किया था। पुलिस ने बताया कि उन्हें ऐसे दस्तावेज़ भी बरामद हुए थे जिनमें माहौल बिगाड़ने की बातें कही गई थीं।
पुलिस ने बताया था कि नागरिकता संशोधन के नाम पर देश भर में भड़की हिंसा में कई जगहों पर इस PFI संगठन के उपद्रवी शामिल थे। इससे से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में बैठक की थी।

ग़ौरतलब है कि दिल्ली पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों ने साथ मिलकर दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में हुए दंगों के कारणों की जाँच की थी। इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने इस्लामिक संगठन PFI की तरफ़ इशारा किया था। पुलिस के अनुसार, जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा से दो दिन पहले 13 दिसंबर को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI के लगभग 150 सदस्यों ने विभिन्न राज्यों से दिल्ली में प्रवेश किया था। पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक़, जामिया इलाक़े में हिंसा भड़कने से पहले वो कहीं छिप गए थे।

निर्दोषों को नहीं छुएँगे, लेकिन हिंसा में शामिल ‘दंगाइयों’ को नहीं छोड़ेंगे: UP DGP

PFI के 150 कट्टरपंथी इस्लामी अलग-अलग राज्यों से जब आते हैं दिल्ली तो होता है जामिया दंगा: DP का खुलासा

UP में हुए बवाल में सामने आया केरल के कट्टरपंथी संगठन PFI का हाथ: नदीम, वसीम,अश्फाक गिरफ्तार

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

संभल में जहाँ मिली 3 मंजिला बावड़ी, वह कभी हिंदू बहुल इलाका था: रानी की पोती आई सामने, बताया- हमारा बचपन यहीं बीता, बदायूँ...

संभल में रानी की बावड़ी की खुदाई जारी है। इसे बिलारी के राजा के नाना ने बनवाया था। राजकुमारी शिप्रा ने बताया यहाँ की कहानी।

अब इस्लामी कानून से ब्रिटेन को हाँक रहे मुस्लिम, चल रहे 85 शरिया कोर्ट: 4 बीवी की रवायत को बढ़ावा, ग्रूमिंग गैंग के आतंक...

इंग्लैंड में वर्तमान में 85 ऐसी शरिया अदालतें चल रही हैं। मुस्लिमों के मसलों से निपटने के लिए बनाई गई यह शरिया अदालतें पूरे इंग्लैंड में फैली हुई हैं।
- विज्ञापन -