Saturday, April 27, 2024
Homeदेश-समाजराष्ट्र कैसे बनते हैं महान: जाते-जाते अमेरिकी दूत ले गए 'भागवत' ज्ञान, RSS प्रमुख...

राष्ट्र कैसे बनते हैं महान: जाते-जाते अमेरिकी दूत ले गए ‘भागवत’ ज्ञान, RSS प्रमुख को पहले सुना फिर दुनिया को बताया

इससे पहले भी कई राजदूत आरएसएस प्रमुख से मुलाकात कर चुके हैं। साल 2019 में जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने भी नागपुर में संगठन के मुख्यालय में भागवत से मुलाकात की थी।

भारत में अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत अतुल केशप ने बुधवार (8 सितंबर 2021) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। बुधवार को भारत में केशप के कार्यकाल का आखिरी दिन था। भागवत के साथ उन्होंने लंबी चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक, केशप आरएसएस प्रमुख के विचारों से काफी प्रभावित हुए। संघ के एक पदाधिकारी के अनुसार बैठक एक ‘शिष्टाचार भेंट’ थी।

अमेरिकी राजदूत ने ट्वीट कर बताया कि मोहन भागवत से भारतीय लोकतंत्र, बहुलतावादी परंपरा और विविधता को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इस इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने बताया कि कैसे पारंपरिक मूल्‍य एक राष्ट्र को महान और ताकतवर बनाते हैं।केशप ने एक तस्वीर भी साझा की है जिसमें वे भागवत की बातों को बेहद गौर से सुनते नजर आ रहे हैं।केशप ने ये भी कहा कि किस तरह से ये पारंपरिक मूल्य किसी भी राष्ट्र को महान बनाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मोहन भागवत के साथ बातचीत की एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें सर संघचालक उन्हें कुछ समझाते दिख रहे हैं।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बताया कि वे वाशिंगटन वापस जा रहे हैं। उन्होंने भारत में अपने कार्यकाल को काफी महत्वपूर्ण बताया है। अमेरिकी राजदूत ने लिखा, “आज रात में अपने घर वाशिंगटन निकल रहा हूँ। भारत में काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है। दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं।”

आरएसएस प्रमुख की अमेरिकी राजदूत के साथ मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि हाल ही में उन्होंने कहा था कि समझदार मुस्लिमों को कट्टरपंथियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए, क्योंकि हिंदुओं और मुस्लिमों के पुरखे एक ही थे।

गौरतलब है कि इससे पहले भी कई राजदूत आरएसएस प्रमुख से मुलाकात कर चुके हैं। साल 2019 में जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने भी नागपुर में संगठन के मुख्यालय में भागवत से मुलाकात की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, संघ के आउटरीच कार्यक्रम के तहत मोहन भागवत मिशन के प्रमुखों और राजदूतों से मिलते हैं। इसके तहत उन्होंने विदेशी प्रेस कोर के सदस्यों के साथ भी बातचीत की है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘केजरीवाल के लिए राष्ट्रहित से ऊपर व्यक्तिगत हित’: भड़का हाई कोर्ट, जेल से सरकार चलाने के कारण दिल्ली के 2 लाख+ स्टूडेंट को न...

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा ना देकर राष्ट्रहित से ऊपर अपना व्यक्तिगत हित रख रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe