Saturday, April 20, 2024
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भारत से बातचीत के लिए अमेरिकी प्रवक्ता से गिड़गिड़ाने लगा पाकिस्तानी पत्रकार, तंग हो फटकारा: BBC डॉक्यूमेंट्री पर भी कर दी थी बोलती बंद

"अमेरिका ये फैसला नहीं कर सकता है कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से किस तरह बातचीत करें। हम जो कर सकते हैं, वो है रचनात्मक बातचीत का समर्थन।"

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से गुरुवार (9 मार्च 2023) को एक पाकिस्तानी पत्रकार ने बार-बार पूछा कि अमेरिका भारत से पाकिस्तान की बातचीत क्यों नहीं करवा रहा है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल ARY News के पत्रकार (अब सस्पेंड) जहाँजैब अली (Jahanzaib Ali) ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से पूछा, “पाकिस्तान ने कई बार भारत के साथ शांति वार्ता करने की पेशकश की, लेकिन भारत सरकार इससे बचने की कोशिश करती है। इसलिए जब आप (नेड प्राइस) भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं तो वे क्या कारण बताते हैं? भारत लंबित मुद्दों पर पाकिस्तान से क्यों बात नहीं करना चाहता है?”

इसको लेकर नेड प्राइस ने जोर देते हुए कहा, “हम रचनात्मक बातचीत का समर्थन करते हैं। हम भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे पुराने विवादों को हल करने के लिए कूटनीति का समर्थन करते हैं। हम एक भागीदार हैं और किसी भी तरह से दोनों की बातचीत हो इसका समर्थन करते हैं।” हालाँकि, अमेरिका ने यह साफ कर दिया कि बातचीत का फैसला दोनों पड़ोसी देशों को खुद करना होगा। यह अमेरिका का काम नहीं है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के तरीकों को तय करे।

अमेरिका के यह स्पष्ट किए जाने के बावजूद कि भारत और पाकिस्तान को खुद बातचीत करने का फैसला करना होगा, अली ने नेड प्राइस को बार-बार एक ​ही प्रश्न पूछकर परेशान किया। पाकिस्तानी पत्रकार ने अपनी बात को दोहराते हुए फिर पूछा, “कई विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका के पास दोनों देशों (पाकिस्तान और भारत) के बीच मध्यस्थता करने की शक्ति और अधिकार है, तो आप मध्यस्थता क्यों नहीं करवाते?”

प्राइस ने अली को फटकारते हुए कहा, “क्योंकि ये फैसले देश खुद लेते हैं। अगर वे अमेरिका की किसी विशेष भूमिका के लिए सहमत होते हैं, तो अमेरिका दोनों देशों के सहयोगी के तौर पर उस प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए तैयार है, जो हम जिम्मेदारी के साथ कर सकते हैं। लेकिन अमेरिका ये फैसला नहीं कर सकता है कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से किस तरह बातचीत करें। हम जो कर सकते हैं, वो है रचनात्मक बातचीत का समर्थन। हम लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं।”

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर पाकिस्तानी पत्रकार को फटकारा

गौरतलब है कि इससे पहले इस साल जनवरी में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने जलील अफरीदी नाम के एक पाकिस्तानी पत्रकार की बोलती बंद कर दी थी। नेड प्राइस ने कहा था कि उन्हें बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के बारे में तो जानकारी नहीं है, लेकिन अमेरिका और भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के ऐसे साझा मूल्यों के बारे में जानकारी है जो दोनों देशों के संबंध को मजबूत बनाते हैं।

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shehbaz Sharif) ने भी ‘अल अरेबिया न्यूज’ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत के साथ तीन युद्ध लड़कर पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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