Thursday, April 24, 2025
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‘तबरेज़ के अब्बू विवाद में मारे गए थे, उनकी लिंचिंग नहीं हुई थी – मीडिया फैला रहा भ्रम’

तबरेज़ के पिता मस्कुर की हत्या उनके दोस्तों के साथ विवाद के कारण की गई थी। परिवार को एक सप्ताह बाद उनका शव मिला था। उनकी हत्या को मॉब लिंचिंग दिखा कर मीडिया भ्रम फैला रही है: तबरेज़ के चाचा

चोरी के संदेह में झारखंड में भीड़ के हमले में चौबीस वर्षीय तबरेज़ अंसारी की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने मुख्यधारा की मीडिया में नए विवादों को जन्म दे दिया है। इसमें पीड़ित के पिता की मृत्यु के बारे में असत्यापित और झूठे दावों आधार पर प्रोपेगेंडा भी शामिल है।

कई मीडिया समूह द्वारा तबरेज़ अंसारी की मौत की खबर मिलने के तुरंत बाद, उनके पिता मस्कुर अंसारी को भी उनके बेटे तबरेज़ अंसारी की तरह ही ‘मॉब लिंचिंग’ में मार डाला गया था। ऐसी खबरें चलाई गई।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि तबरेज़ अंसारी के पिता मस्कुर अंसारी की भी लगभग 15 साल पहले इसी तरह से मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जमशेदपुर के बागबेड़ा इलाके में कथित रूप से चोरी करते हुए मस्कुर को भीड़ ने पकड़ लिया और उन्हें भी भीड़ ने लिंच किया था।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट जिसमें दावा किया गया है कि तबरेज़ के अब्बू की भी लिंचिंग की गई थी

हालाँकि, तबरेज अंसारी के चाचा मरसूद आलम ने तबरेज के पिता मस्कुर की लिंचिंग के बारे में इस तरह के किसी भी दावे का खंडन किया है। मस्कुर की मौत के संबंध में मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मरसूद आलम ने कहा कि उनकी अपने दोस्तों के साथ विवाद के कारण हत्या कर दी गई थी और परिवार को एक सप्ताह बाद ही मस्कुर का शव मिला। मरसूद आलम ने मॉब लिंचिंग से जुड़ी ऐसी किसी भी रिपोर्ट को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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