जापान के नारा शहर में शुक्रवार (8 जुलाई, 2022) को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) को पीछे से गोली मार दी गई थी। आबे पर उस समय हमला किया गया जब वह पश्चिमी जापान में एक चुनाव प्रचार के दौरान भाषण दे रहे थे। हालाँकि, उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें कुछ देर बाद मृत घोषित कर दिया गया। हालाँकि, हमलावर पकड़ा गया है।
इस खबर से जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया सदमे में है, वहीं चीनी लोगों के साथ ही हमारे देश के वामपंथी और कॉन्ग्रेसी भी जश्न मना रहे हैं। कई चीनी सोशल मीडिया यूजर्स शिंजो पर हुए हमले को लेकर शर्मनाक कमेंट कर रहे हैं। हमले के बाद से ही चीनी वीबो, वीचैट और यूकू सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिंजो आबे की मौत की कामना करने लगे थे। यहाँ तक कि यूजर्स शिंजो की गोली लगाने से गिरने और उसके बाद के हालात का भी मजाक उड़ाते दिखे।
2. from WeChat
— 巴丢草 Badiucao (@badiucao) July 8, 2022
it says“ i hope it is the current Japanese PM (got shot)… and Korean one too” pic.twitter.com/DMpJlDdIa0
4. from Weibo
— 巴丢草 Badiucao (@badiucao) July 8, 2022
“i am waiting for Abe‘s death”
“who is the attacker?i want to donate money”
“I have to say,its a great news” pic.twitter.com/RMsofDfsXN
6.from WeChat
— 巴丢草 Badiucao (@badiucao) July 8, 2022
“Party Time”
“hope the men has trouble,hope the gun is fine”
“fuck i am so happy” pic.twitter.com/vP90onBlIb
शिंजो अबे को गोली लगाने और बाद में मौत के बाद केवल चीनी ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कम्युनिस्टों की ओर से कई ट्वीट किए गए, जिसमें आबे की निंदा की गई और उनकी मौत की कामना करते हुए खुशियाँ मनाई जाने लगीं।
Shinzo Abe is/was a fascist, sex slavery apologist, war criminal defender, free speech censorist, refugee human rights denier, propaganda disseminator, far-right, ultra-nationalist, capitalist, imperialist piece of shit
— Strewth 🏳️⚧️ (@StrewthQueen) July 8, 2022
Enjoy your weekend everyone 🙂
Even though Shinzo Abe was a far-right nazi-loving fascist scumbag who was buddies with Donald Trump & Steve Bannon, he didn’t deserve to get taken out this way.
— The USA Singers (@TheUSASingers) July 8, 2022
Nobody does.
Guns are a plague.
Violence is not the answer.
End of story.
If you don’t know Shinzo Abe’s politics (I didn’t until today I’ll admit lol), he’s been described as a far-right nationalist and a fascist, and been praised by Steve Bannon. Suffice to say, bitch deserved it.
— AnCat🏴🐈⬛ (@Anarcho_Cade_2) July 8, 2022
वहीं भारतीय वामपंथी गिरोह और कॉन्ग्रेसी उनके दक्षिण पंथी होने और प्रधानमंत्री मोदी से गहरी दोस्ती की वजह से नफ़रत में कुढ़ते हुए जश्न मना रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि अपने 8 साल के कार्यकाल में शिंजो आबे 4 बार भारत की यात्रा पर आए थे। वहीं उनकी मौत के बाद भारत में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की भी घोषणा की गई है। यहाँ तक कि कुछ लोग मजाक बनाते हुए PM मोदी की मौत की कामना से भी नहीं चुके।
चीनी क्यों करते हैं शिंजो आबे से नफरत
चीनियों के शिंजो आबे से नफरत करने का कारण लगभग 90 साल पुराना है। हालाँकि, हाल के कारण भी हैं, लेकिन चीनी प्रतिक्रिया को समझने के लिए, हमें जापान के पूर्व प्रधान मंत्री नोबुसुके किशी (Nobusuke Kishi) के बारे में संक्षेप में जानना होगा।
यह सब 1931 में चीन में मंचूरिया पर जापानी आक्रमण के साथ शुरू हुआ, और बाद में, नोबुसुके किशी नाम का एक व्यक्ति नवगठित जापानी कठपुतली राज्य मांचुकुओ में औद्योगिक विकास का उप मंत्री बन गया।
अपनी नई भूमिका में मांचुकुओ की अर्थव्यवस्था पर किशी का पूरा नियंत्रण था, और उन्हें राष्ट्रीय रक्षा राज्य का समर्थन करने के लिए इस क्षेत्र के औद्योगीकरण का काम सौंपा गया था। किशी ने इस लक्ष्य को हासिल किया और इस क्षेत्र में स्थापित किए गए विशाल औद्योगिक संयंत्रों में कथित तौर पर चीनियों को गुलाम मजदूरों के रूप में काम पर लगाकर भारी मुनाफा कमाया। चीनियों के खिलाफ नस्लवाद और दुर्व्यवहार के व्यापक आरोप थे, जबकि किशी मांचुकुओ में थे। बाद में वह जापान लौट आए और द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी के शामिल होने के शुरूआती वर्षों के दौरान युद्ध को जारी रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। किशी ने 1941 में संयुक्त राज्य अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध के लिए भी मतदान किया था।
हालाँकि, अगस्त 1945 में जापानी आत्मसमर्पण के बाद, किशी को क्लास ए युद्ध अपराधी घोषित करते हुए सुगामो जेल में रखा गया। लेकिन, युद्ध के बाद जापान का नेतृत्व करने के लिए अमेरिकियों द्वारा उन्हें आदर्श व्यक्ति के रूप में पहचाना गया और 1948 में रिहा कर दिया गया था।
रिहा होने के बाद किशी जल्द ही जापान में सक्रिय राजनीति में लौट आए और 1955 में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (अब तक की सबसे प्रभावशाली जापानी पार्टी) की स्थापना में मदद की, और 1957 में जापान के प्रधान मंत्री बने।
अपने निजी जीवन में, नोबुसुके किशी का एक बेटा नोबुकाज़ु किशी और एक बेटी का नाम योको किशी था। योको किशी ने शिंटारो आबे नाम के एक राजनेता से शादी की। योको किशी और शिंटारो आबे के दूसरे बेटे शिंजो आबे हैं, जिन्हें आज गोली मार दी गई थी, और चीनी इस तरह से अपने दुश्मन की मौत की कामना के साथ उन्हें गोली लगने का जश्न मना रहे हैं।
बता दें कि अपने वंश के अलावा, शिंजो आबे को चीन में उनके मजबूत राष्ट्रवादी रुख और आत्मरक्षा के लिए जापानी सेना को पुनर्जीवित करने के उनके प्रयास के लिए भी नापसंद किया जाता है। आबे पर उनके आलोचकों द्वारा अपनी दक्षिणपंथी और संशोधनवादी नीतियों के माध्यम से देश को इंपीरियल जापान के दिनों में वापस ले जाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया गया है।