Friday, April 19, 2024
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मानवाधिकारों के नाम पर मासूम की पहचान उजागर करने वाली एमनेस्टी सिखा रही कश्मीर पुलिस को कानून, लोगों ने खोली पोल

सोपोर में हुए आतंकी हमले के बाद एक तीन साल के मासूम की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। लोगों ने बच्चे के साथ अपनी सहानुभूति रखी। मगर, तभी एमनेस्टी इंडिया ने एक ट्वीट किया और दर्शाया कि बच्चे की पहचान का खुलासा करके कश्मीर जोन की पुलिस ने अनुच्छेद 74 जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट, 2015 का उल्लंघन किया है।

मानवाधिकारों के नाम पर अपनी काली करतूतों को अंजाम देने वाली एमनेस्टी इंडिया नाम की एनजीओ का नया कारनामा उजागर हुआ है। इस बार कानून व मानवाधिकारों की दुहाई इस एनजीओ ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को नीचा दिखाने के लिहाज से दी। लेकिन, अफसोस इनका पूरा खेल उलटा पड़ गया और सोशल मीडिया पर लोग इनकी नीयत पर ही सवाल उठाने लगे।

दरअसल, सोपोर में हुए आतंकी हमले के बाद एक तीन साल के मासूम की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। लोगों ने बच्चे के साथ अपनी सहानुभूति रखी। मगर, तभी एमनेस्टी इंडिया ने एक ट्वीट किया और दर्शाया कि बच्चे की पहचान का खुलासा करके कश्मीर जोन की पुलिस ने अनुच्छेद 74 जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट, 2015 का उल्लंघन किया है।

लेकिन, हकीकत तो ये है कि यही एमनेस्टी इंडिया समय दर समय अपना प्रोपगेंडा चलाने के लिए इन्हीं कानूनों को उल्लंघन कर चुका है। जिसके स्क्रीनशॉट एमनेस्टी का असली चेहरा उजागर करने के लिए सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं।

इन स्क्रीनशॉट्स में हम देख सकते हैं कि एक ओर तो ये एनजीओ पुलिस को कानून की बातें पढ़ा रही है। वहीं दूसरी ओर एक 19 महीने की बच्ची की पहचान उसके नाम समेत उजागर कर रही है। इस दूसरे स्क्रीनशॉट में हम देख सकते हैं कि कैसे केवल एक ट्वीट में एमनेस्टी इंडिया बच्ची का नाम, उसका चेहरा, उसकी उम्र, उसका पता सब बताती है।

इन्हीं दोनों ट्वीट के स्क्रीनशॉट्स को शेयर करके एमनेस्टी इंडिया के पाखंड पर लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि एमनेस्टी बहुत भयानक तरह से झूठ फैलाता है। इसी मामले में देखिए कैसे खुद को पाक साफ दिखाकर दूसरे की गलती बता रहे हैं।

कुछ लोगों का इन दोनों ट्वीट को देखकर ये भी कहना है कि एमनेस्टी इंडिया को जल्द से जल्द बंद कर देना चाहिए। अपने ही संगठन के बारे में इनके पास घटिया जानकारी है। आज उस बच्ची की तस्वीर ट्विटर पर तैर रही है। जिसका इन्होंने अपने लिए इस्तेमाल किया था।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब इस एनजीओ ने कश्मीर के संबंध में अपना प्रोपगेंडा फैलाने की कोशिश की। पिछले साल भी ये एनजीओ कश्मीर के मुद्दे को वैश्विक पटल पर ले जाने की कोशिश कर रहा था।

सोचिए जिस मुद्दे को देश का आंतरिक मामला कह कहकर पाकिस्तान को हड़काया जा रहा था और अमेरिका को मध्यस्तथा करने से रोका जा रहा था। उसी मुद्दे को आधार बनाकर एमनेस्टी एनजीओ ने ग्लोबल कैंपेन शुरू करने की बात की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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