Friday, April 26, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'ऐसा लगा ये तो मेरे साथ हो चुका है' : द केरल स्टोरी देखने...

‘ऐसा लगा ये तो मेरे साथ हो चुका है’ : द केरल स्टोरी देखने के बाद युवती को याद आए ‘कॉलेज के दिन’, बोलीं- मेरा भी ब्रेनवॉश हुआ था, इस्लाम की तरफ लगी थी झुकने

द केरल स्टोरी देखने के बाद थिएटर से बाहर निकली लड़की को कहते सुना जा सकता है कि कॉलेज टाइम में उसका ब्रेनवॉश हुआ था। लड़की ने बताया कि ये सिर्फ केरल के हालात नहीं है, जहाँ भी माता-पिता अपने बच्चों को धर्म सिखाने में असफल होते हैं वहाँ कोई और उनका ब्रेनवॉश करने में सफल हो जाता है।

द केरल स्टोरी को ‘प्रोपेगेंडा’ बताकर बैन करने की माँग कई राज्यों में वामपंथियों और कट्टरपंथियों द्वारा की जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि इस फिल्म के रिलीज के बाद ऐसी लड़कियाँ सामने आई हैं जो अपने साथ घटित पुरानी घटनाओं को इसके दृश्यों से जोड़ पा रही हैं और खुलकर बता रही हैं कि कैसे उन्हें भी कभी न कभी किसी ने एक मजहब की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया।

एक वीडियो सामने आई है जिसमें माही त्यागी नाम की युवती केरल स्टोरी देखने के बाद ‘O news हिंदी’ के रिपोर्टर को बता रही हैं कि इस फिल्म में सच्चाई दिखाई गई है और हर लड़की को इसे देखना चाहिए। वीडियो में 3 मिनट 22 सेकेंड के स्लॉट के बाद देख सकते हैं कि माही कहती हैं कि ये फिल्म कहीं से भी कोई प्रोपेगेंडा नहीं है, जो राज्य की दिक्कत है, वो दिक्कत है, उसी को फिल्म में दिखाया गया है, ये प्रोपेगेंडा कैसे हो सकता है।

माही कहती हैं फिल्म में बस ये दिखाया गया है कि हम लोग अपने धर्म से वाकिफ नहीं हैं इसलिए कोई भी ब्रेनवॉश कर सकता है। आगे वह कहती हैं, “सच बताऊँ तो कॉलेज में मेरा भी बहुत ब्रेनवॉश हुआ और मैं इस्लाम के प्रति थोड़ा बहुत झुक भी गई थी। मुझे वो (सीन) देखकर लगा कि हाँ ये तो वही सीन है जो मेरे साथ भी हुआ है तो मुझे लगा कि सही है। आपको कल्चर के बारे में सिखाया जाना चाहिए कि आप कैसे अपनी धार्मिक जड़ों से जुड़े रहें। अगर आप धर्म नहीं सिखाएँगे तो फिर बच्चों को यह सब कोई और सिखा देगा।”

युवती जोर देकर कहती हैं कि इस तरह इन्फ्लुएंस करने का काम हर कॉलेज में हो रहा है। लोग अपने अपने मजहब के बारे में बताते हैं लेकिन जब आपको अपने धर्म का ही नहीं पता तो आप काउंटर कैसे करोगे। उन्होंने कहा कि फिल्म में जिस उम्र में लड़कियों का ब्रेनवॉश होते दिखाया गया है, उस उम्र में ऐसा करना बहुत आसान होता है। कॉलेज में बच्चों के पास धर्म की जानकारी नहीं होती। ऊपर से हॉस्टल लाइफ में उसे तमाम तरह की चीजें प्रभावित करती हैं। माता-पिता से दूर एक आजादी पाकर बच्चे अपने ग्रुप से प्रभावित होते हैं और फिर उनका ब्रेनवॉश आसान हो जाता हैय़

बता दें कि द केरल स्टोरी को देखने के बाद थिएटर से बाहर आते दर्शक यही प्रतिक्रिया देते दिख रहे हैं कि ये फिल्म हर लड़की और हर युवा द्वारा देखी जानी चाहिए, ताकि इसका जो मूल उद्देश्य है वो पूरा हो सके। फिल्म के माध्यम से यह दिखाना बिलकुल गलत नहीं है कि हिंदुओं को अपने धर्म का ज्ञान होना चाहिए। माही त्यागी कहती हैं कि वो दौर चला गया जब लव-शव वाली फिल्मों में लोगों का इंटरेस्ट होता था। आज वो समय बदल गया है। लोग हकीकत आधारित कहानियाँ देखना चाहते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

स्त्री धन पर सिर्फ पत्नी का हक, पति या सुसराल वालों का नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, शख्स से कहा- बीवी को देने पड़ेंगे...

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe