ग्रेटा थनबर्ग द्वारा गलती से ट्वीट की गई टूलकिट को भले ही डिलीट कर दिया गया, लेकिन दिल्ली पुलिस अब इसके तह तक पहुँच रही है। लेकिन, इसके आरोपितों के पक्ष में वामपंथी गोलबंद होने लगे हैं और समर्थन में उतर आए हैं। जहाँ ‘द प्रिंट’ ने दिशा रवि की महिमा के गुण गाए हैं, वहीं कविता कृष्णन सरीखे पीटर फ्रेडरिक के बचाव में उतर आए। उन्होंने दावा किया कि पीटर अमेरिका और दुनिया को RSS की ‘तानाशाही नीतियों’ के बारे में बताता है।
. @DelhiPolice is going after @FriedrichPieter because he educates the US & the world about the fascist Hindu-supremacist politics of RSS & its pol wing BJP in India. He does it with facts, painstakingly referenced. He deserves thanks for exposing a successful Nazi-style outfit
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) February 16, 2021
कविता ने लिखा कि पीटर फ्रेडरिक को इसके लिए धन्यवाद किया जाना चाहिए, क्योंकि वो तथ्यों के साथ दुनिया को भाजपा की ‘नाजी स्टाइल की तानाशाही’ के बारे में बता रहा है। वहीं ‘द प्रिंट’ ने बेंगलुरु से गिरफ्तार की गई क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को मृदुभाषी और एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद से प्रेरित बताया। उसके दोस्तों के हवाले से लिखा गया कि वो इकोलॉजिकल कंजर्वेशन का काम करती है और जलीय जीवन पर रिसर्च करती है।
उसे क्लाइमेट चेंज के लिए संघर्ष करने वाला बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि उसका मैसूर में एक पारिवारिक फार्म है, जहाँ वो अपने ग्रैंडपेरेंट्स के साथ जाती है। पड़ोसियों के हवाले से उसे ‘जर्मन शेफर्ड कुत्ता घुमाने वाली लड़की’ बताया गया है। उसके साथियों के हवाले से कहा गया है कि उन लोगों का खालिस्तानी संगठनों से कोई लिंक नहीं है। जबकि संगठन FFF के खिलाफ पहले भी मामले दर्ज किए गए थे।
Bhagat Singh was 23 when he sacrificed his life for not just freedom of India but for a revolution. A revolution in the realm of ideas, a vision of a secular, pluralistic and egalitarian India. #DishaRavi
— S lrfan Habib (@irfhabib) February 16, 2021
वहीं ‘न्यूजलॉन्ड्री’ वालों ने तो इन चीजों को छिपाने के लिए फिर से उसी तरह कपिल मिश्रा के नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जैसे दिल्ली दंगों के समय ताहिर हुसैन जैसे आरोपितों के लिए किया गया था। मेघनाद ने एक खबर लिख कर दावा किया कि उसने ‘हिन्दू इकोसिस्टम’ के टेलीग्राम ग्रुप के कई कंटेंट्स एक्सेस किए हैं। दिल्ली में मार डाले गए रिंकू शर्मा के पीड़ित परिवार की मदद करने वाले कपिल मिश्रा को फिर से निशाना बनाया जा रहा है।
Join Protest at Delhi Police HQ against illegal arrest of Disha Ravi!
— Kawalpreet Kaur (@kawalpreetdu) February 16, 2021
Disha Ravi, environment activist was charged with sedition by Delhi Police, arresting her from Bengaluru. Rise up against incarceration of democratic voices! 16th February, 12PM. Delhi Police New Headquarters.
वहीं ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ की उपाध्यक्ष रही कवलप्रीत कौर ने लोगों को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन के लिए बुलाया है, ताकि दिशा रवि की गिरफ़्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा सके। ये प्रदर्शन मंगलवार (फरवरी 16, 2021) को दोपहर में होगा। इतिहासकार एस इरफ़ान हबीब ने तो दिशा की तुलना भगत सिंह से कर डाली। वहीं बेंगलुरु में दिशा रवि के समर्थन में वामपंथियों ने प्रदर्शन किया।
Women in BJP Raj- in jails, silenced and persecuted.
— sucheta de (@sucheta_ml) February 15, 2021
Fight back this regime.
Free Disha Ravi, Nodeep Kaur, Natasha Narwal, Devangana Kalita, Ishrat Kahan, Gulfisha and all other women who are jailed only because they spoke out against injustice. pic.twitter.com/bZFVBOUkaz
CPI की सुचेता डे ने हास्यास्पद रूप से दिशा रवि के खिलाफ कार्रवाई को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ से जोड़ते हुए आरोप लगा दिया कि बेटियों को जेल में डाला जा रहा है। कॉन्ग्रेस के मुखपत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ ने दावा किया कि दिशा रवि किसान परिवार से है। प्रशांत भूषण ने भी दिशा रवि की गिरफ़्तारी के खिलाफ बयान जारी किया। झूठे आरोप लगाए कि सिर्फ ‘टूलकिट बनाने के लिए’ गिरफ़्तारी हुई है।
उधर निकिता जैकब ने बयान जारी कर कहा है कि वो टूलकिट सिर्फ एक ‘सूचना पैकेज’ था और उसका उद्देश्य हिंसा भड़काना नहीं था। निकिता ने ये भी कहा कि उसने ‘किसान आंदोलन’ के लिए समर्थन जुटाया और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उसने कहा है कि जो इस आंदोलन के बारे में सब कुछ जानना चाहते थे, उनके लिए ये टूलकिट तैयार किया गया। जैकब वैश्विक पर्यावरण संगठन ‘एक्सटिंक्शन रिबेलियन (XR)’ से जुड़ी हुई है। उसने कहा है कि लोकतंत्र और संविधान के हिसाब से इस टूलकिट को तैयार करना वैध है।