एक नामी अस्पताल का एक बड़ा डॉक्टर तबलीगी जमात द्वारा आयोजित भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम में शामिल होता है। कार्यक्रम खत्म होने के बाद अपने घर लौटता है। ड्यूटी ज्वाइन करता है। ओपीडी में कम से कम सौ मरीजों को रोज देखता है और 100 के करीब सर्जरी करता है। इसके बाद मालूम पड़ता है कि वो तबलीगी जमात गया था और उसने ये बात सबसे छिपाई। प्रशासन उसे फौरन क्वारंटाइन करता है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जाता है। अब ये खबर मीडिया में आती है। एक लड़की इसे लेकर चिंता जताती है और डॉ की लापरवाही उजागर करती है। मगर, डॉक्टर के मजहब के कारण पूरा कट्टरपंथियों का गिरोह उसे गरियाने लगता है। डॉ के परिजन उसे धमकाने लगते हैंं। जिसे देखकर लड़की को एहसास होता है कि उसने भले ही आजीवन हर इंसान को इंसान समझा, उन्हें धर्म के रंग में तोले बिना आँका। मगर ये लोग, उससे अलग है और मजहब को ही सर्वेसर्वा मानते हैं। इसलिए उसे झुंड बनाकर धमकी दे रहे हैं, गाली दे रहे हैं, उससे बदसलूकी कर रहे हैं।
लड़की का नाम डॉक्टर दीपा शर्मा है। दीपा ने 4 अप्रैल को एक खबर की जानकारी देते हुए उसके ऊपर अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट की। इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि तेलंगाना के आदिलाबाद के रिम्स अस्पताल में ऑप्थामोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ इंदरीस अकबानी ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने अपने अधिकारियों से इसकी जानकारी छिपाई। बाद में ये अस्पताल जाने लगे। ओटी में इन्होंने 100 लोगों की सर्जरी की और 100 से ज्यादा मरीजों को एक दिन में ओपीडी में देखा। उन्होंने कई बेगुनाहों को जानबूझकर संक्रमित किया।
Do we know his side of story? Blaming an entire community has become the mission of the Sanghi mindset that is filled with hate for Indian muslims to the extent that they now support genocide😇 extremely worrying! Lot of fake running on social media.
— Ahmed Ali (@maali_ku) April 5, 2020
अब हालाँकि ये खबर एक दम सच है और मीडिया रिपोर्ट्स ने इसे प्रकाशित भी किया है। मगर मुस्लिम ने इस पर चिंतित होने की बजाय इसे भी अपनी आन पर ले लिया। किसी ने समुदाय को बदनाम करने के लिए एक अजेंडा बताया। तो किसी ने योगी आदित्यनाथ का मुद्दा बीच में ले आते हुए हिंदू धर्म का हवाला दिया और इदरीस अकबानी की लापरवाही को जस्टिफाई किया।
Hope this will help pic.twitter.com/S4K2JHAbB3
— drzabi (@idrzabi) April 5, 2020
डॉ के कई हितैषियों ने इस ट्वीट को देखकर इदरीस की नेगेटिव रिपोर्ट शेयर की। और डॉ दीपा के लिए लिखा कि पहले तथ्य जान लो, फिर भौंको। कट्टरपंथियों ने लड़की के ख़िलाफ़ शिकायत भी कर डाली और तेलंगाना सीएमओ और डीजीपी को टैग करके उनपर एक्शन लेने के लिए कहा कि वे गलत न्यूज फैला रही हैं।
First know the facts then bark.
— Mirza Hyderabad. (میرزا حیدرآباد) (@mirzahyd1) April 5, 2020
Dear @TelanganaCMO @KTRTRS @TelanganaDGP please take a note she is spreading false allegation against a doctor without knowing facts to spread communal enmity between different religions. pic.twitter.com/v4d9EuEkGI
इसी तरह एक और यूजर ने किया। जिसपर डॉ दीपा ने साफ कर दिया कि वो फाइनल रिजल्ट के बारे में बात नहीं कर रहीं। उनकी चिंता ये है कि अगर वो पॉजिटिव आ जाते तो क्या होता? उनका कहना है कि स्वैब टेस्ट 100% सही नहीं है। चूँकि जो लोग शुरू में नेगेटिव आ रहे हैं, बाद में पॉजिटिव पाए जाते हैं। डॉ दीपा की शिकायत है कि डॉ इदरीस ने जानकारी छिपाई और ड्यूटी जारी रखी। और उनका ट्वीट सिर्फ़ इसी बारे में हैं। और ये 100% सही है।
इसके बाद कुछ कट्टरपंथी कनिका कपूर का मुद्दा उठाते हैं क्योंकि वो हिंदू हैं और इसे मुद्दा बनाते हैं। मगर कुछ अन्य यूजर इसपर साफ करते हैं कि उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो चुकी है और उनका कोई सपोर्ट भी नहीं कर रहा। लेकिन फिर भी लोग उन्हें फेक न्यूज फैलाने वाली फेक डॉक्टर आदि कहते रहते हैं।
What type of Jihad has modi done !?
— Dr LUQMAN (@DrLuqmanAkhan) April 4, 2020
Killing his own people
By failed lockdown
And now blaming one hotspot
There are other 100 such hostspots
We should start
Trace and work on those
Rather than just crying on #TablighiJamaat pic.twitter.com/BcEAfOEAey
डॉ लुकमान नाम का यूजर इस ट्वीट पर कई प्रतिक्रिया देता है और एक ट्वीट में पीएम मोदी को कोसने के लिए लिखता है- ये कैसा जिहाद मोदी ने किया? असफल लॉकडाउन से अपने लोगों को मारा और अब एक जमात को दोष दे रहा है। ऐसे 100 अलग-अलग जमात हैं। हमें उन्हें ढूँढना चाहिए और उनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
Whoever asking proofs, this is @the_hindu newspaper.
— Dr.Deepa Sharma (@deepadoc) April 5, 2020
Now dear muslims who r writing so bad comments on my original post.
Plz spread your hatred somewhere else🙏
News is 100% truth.
Final result can be anything,but tweet was 100% correct.
Adilabad govt,police,media every1 know it. pic.twitter.com/fnj5AGrFed
अब इन्हीं ट्वीट्स को देखते हुए और इदरीस में पक्ष में समुदाय विशेष की भीड़ को देखकर डॉ दीपा तंग आ गई। उन्होंने अपने ट्वीट को सही साबित करने के लिए एक खबर को शेयर किया और निवेदन किया कि जो भी समुदाय के लोग उनके पोस्ट पर घटिया कमेंट लिख रहे है, वो कहीं और अपनी नफरत निकालें। ये खबर 100% सच है। अब आखिरी परिणाम कुछ भी निकले। मगर ये बात आदिलाबाद के पुलिस, सरकार, मीडिया सबको मालूम है।
Don’t spread negativity &stop threatening me🙏
— Dr.Deepa Sharma (@deepadoc) April 5, 2020
Just bcoz I revealed a doctor’s extreme negligence.
He attended #TabligiJamaat,then didn’t inform anyone,continued working in hospital till police find him on 1st april,His relatives,fellow #muslims r threatening me. @drharshvardhan pic.twitter.com/vUffUAWYBU
वे आगे लिखती हैं। कृपा करके ये नकारात्मकता यहाँ न फैलाएँ और मुझे सिर्फ इसलिए धमकाना बंद करें क्योंकि मैंने एक डॉक्टर की लापरवाही पर प्रश्न किए। वे लिखती हैं, “डॉक्टर ने तबलीगी जमात का कार्यक्रम अटेंड किया और किसी को जानकारी नहीं दी। बाद में अस्पताल में कार्य जारी रखा। पुलिस को ये सूचना 1 अप्रैल को मिली। अब इसके परिजन, साथी और मजहबी लोग मुझे डरा-धमका रहे हैं।”
I am from a normal family,don’t have support of any political party or powerful people.
— Dr.Deepa Sharma (@deepadoc) April 5, 2020
Dr.Idris akbani knew very well after attending #TabligiJamaat,if he is infected by any chance then he can spread it to innocents but he continued. now his relatives & #muslims threatening me😥 pic.twitter.com/HC7J7ijqyw
उनका कहना है कि वे एक आम परिवार से आती हैं और उन्हें किसी राजनैतिक पार्टी का सपोर्ट नहीं है। डॉ इदरीस अकबानी ये बात अच्छे से जानते थे कि यदि वे कोरोना संक्रमित निकले तो कई मासूमों तक ये फैल सकता है। मगर बावजूद इसके उन्होंने मरीजों को देखना जारी रखा। अब उसके परिजन और मुस्लिम मुझे धमका रहे हैं।
If he would have been a hindu then also I would have written,but then people would not hv threatened me in group like they are doing for a muslim now. Unity hai aap logo me,We know it.
— Dr.Deepa Sharma (@deepadoc) April 5, 2020
झुंड में लड़की पर बेवजह हमला करना बंद करो🙏कभी हिन्दू मुस्लिम से ऊपर उठके देश के बारे मे सोचो🙏 pic.twitter.com/hJvN5HwSEP
वे कहती है, ”अगर डॉ इदरीस अकबानी हिंदू होता तो भी मैं यही सब लिखती। पर उस समय झुंड बनाकर लोग मुझे धमकाते नहीं। जैसा कि अभी मुस्लिम डॉक्टर के लिए कर रहे हैं। झुंड में लड़की पर बेवजह हमला करना बंद करो कभी हिन्दू मुस्लिम से ऊपर उठके देश के बारे मे सोचो।”
आप हिंदुओं को #Islamophobia का शिकार कहते हो, #muslims के लिए नफरत फैलाने वाला बोलते हो। मेरे जैसा इंसान जिसने इंसान को इंसान समझा,धर्म के रंग से नही तोला,पर आए दिन आप लोग जो मुझपे झुंड बनाकर #socialmedia पर धमकियां देते हो उससे मुझे मुसलमानो से डर लगने लग गया है😢#TablighiJamat
— Dr.Deepa Sharma (@deepadoc) April 6, 2020
वे ये प्रतिक्रियाएँ देखकर हताश होती हैं और लिखती हैं, ”आप हिंदुओं को इस्लामोफोबिया का शिकार कहते हो, मुस्लिमों के लिए नफरत फैलाने वाला बोलते हो। मेरे जैसा इंसान जिसने इंसान को इंसान समझा, धर्म के रंग से नही तोला, पर आए दिन आप लोग जो मुझपे झुंड बनाकर सोशल मीडिया पर धमकियाँ देते हो उससे मुझे मुस्लिमों से डर लगने लगा है।”
वे आखिर में सभी मुस्लिमों से प्रार्थना करती हैं कि वे सब अपने, अपनों और देश के बारे में सोचे। क्वारंटाइन में रहें। सोशल डिस्टेंसिंग रखें। साथ ही जो लोग नमाज़ अब भी मस्जिद मे पढ़ रहे हैं या जिन्होंने तबलीगी जमात में भाग लिया उनके खिलाफ खुद रिपोर्ट करें, जिम्मेदार भारतीय बनें, जिससे पूरा देश उनका सम्मान करेगा, प्यार देगा। साथ ही वो यह भी लिखती हैं कि कैसे टेस्ट में निगेटिव आया व्यक्ति भी अचानक से पॉजिटिव आ सकता है। इसलिए 28 दिनों का एकांतवास निहायत जरूरी है।
#TamilNadu govt health secretary-#Covid_19 की निगेटिव रिपोर्ट यह नहीं दिखाती टेस्ट किया गया व्यक्ति संक्रमित नहीं।नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी 28दिन एकांतवास ज़रूरी।
— Dr.Deepa Sharma (@deepadoc) April 6, 2020
जो मुझे Dr Idris Akbani की news लिखने और बाद में उनकी 1st रिपोर्ट नेगेटिव आने की वजह से धमका रहे हैं पढो जाहिलों pic.twitter.com/kPIKH8YRgA